सिरसा में विधानसभा डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा पर हमला करने वाले आंदोलनकारियों की पहचान में जुटी पुलिस
भाजपा की जिला कार्यकारिणी की बैठक के बाद लौट रहे डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा की गाड़ी पर आंदोलनकारियों ने हमला कर दिया। गाड़ी पर पथराव होने से शीशे टूट गए और गाड़ी में बैठे रणबीर गंगवा सहित अन्य बाल-बाल बच गए।
जागरण संवाददाता, सिरसा : सिरसा में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय में भाजपा की जिला कार्यकारिणी की बैठक के बाद लौट रहे डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा की गाड़ी पर आंदोलनकारियों ने हमला कर दिया। गाड़ी पर पथराव होने से शीशे टूट गए और गाड़ी में बैठे रणबीर गंगवा सहित अन्य बाल-बाल बच गए। वहीं सांसद सुनीता दुग्गल को प्रशासन ने एसडीएम की गाड़ी में बैठाकर कार्यक्रम स्थल से बाहर निकाला। डिप्टी स्पीकर की गाड़ी पर पथराव के दौरान प्रदर्शनकारी व पुलिस में झड़प भी हुई। इसमें दोनों ओर से 5 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया, जिसके विरोध में किसानों ने पहले सदर थाना सिरसा और बाद में हिसार रोड महाराणा प्रताप चौक पर एकत्रित होकर जाम लगा दिया। अब पुलिस उन आंदोलनकारियों की पहचान करने में जुट गई है, जिन्होंने हमला कर कार का शीशा तोड़ा।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से सीडीएलयू के मल्टीपर्पज हाल में कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें सांसद सुनीता दुग्गल, डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा, जिलाध्यक्ष आदित्य देवीलाल, महासचिव अमन चोपड़ा व पार्टी के दूसरे पदाधिकारी उपस्थित रहे। आंदोलनकारियों की ओर से प्रशिक्षण शिविर के विरोध की घोषणा की गई थी। यूनिवर्सिटी के अलग-अलग गेटों पर किसान गुटों में पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें रोक दिया। दिन भर पुलिस व किसानों के बीच टकराव के हालात रहे और कई बार किसानों ने बैरिकेड्स तोड़कर प्रवेश का प्रयास किया लेकिन पुलिस उन्हें पीछे करमी रही। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद भाजपा नेता निकलने लगे तो टकराव हो गया।
अटैक वाली बात नहीं विरोध के तरीके से विरोध करें : सांसद दुग्गल
सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा है कि आंदोलनकारी भी हमारे भाई हैं। अटैक वाली कोई बात नहीं है। उनका विरोध जताने का तरीका है, विरोध जता रहे हैं लेकिन प्रजातांत्रिक तरीके से विरोध जताना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान हैं तो हम हैं। बातचीत से ही मसले का हल निकाला जा सकता है।
किसी ने पत्थर फेंक दिया जिससे गाड़ी का शीशा टूट गया
डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि कार्यक्रम की समाप्ति के बाद कुछ लोग विरोध कर रहे थे। किसी ने पत्थर फेंक दिया, जिससे मेरी गाड़ी का शीशा क्रेक हुआ। चोट किसी को नहीं आई। कुछ बच्चे थे जो विरोध कर रहे थे। उनके खिलाफ कार्रवाई करना या न करना यह लोकल प्रशासन का काम है।
जेजेपी के विधायक देवेंद्र बबली की कार का भी तोड़ा था शीशा
इससे कुछ दिन पहले ही आंदोलनकारियों ने जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली की कार का शीशा ठीक इसी तरह के घटनाक्रम में तोड़ा था। देवेंद्र बबली टोहाना के विधायक हैं और वे किसी कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहां किसान विरोध करते करते उग्र हो गए और विधायक के साथ उलझ गए। विधायक ने भी अपशब्दों का प्रयोग कर दिया। इसके बाद मामला गरमा गया और विधायक की कार पर डंडा मार शीशा तोड़ दिया। इसके बाद कुछ किसानों को हिरासत में लिया गया, तो मामला और तूल पकड़ गया और टोहाना में तीन से चार दिनों तक आंदोलनकारियों का धरना चलता रहा। राकेश टिकैत और गुरनाम चढूनी भी यहां पहुंचे थे फिर हिरासत में लिए हुए आंदोलनकारियों को रिहा कर दिया गया था। इस बार भी कार का शीशा तोड़ने पर कुछ आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया था मगर पिछली बार की तरह ही मामला तूल न पकड़ जाए। इसे लेकर उन्हें छोड़ दिया गया। मगर इन सब तरह के प्रकरण के बाद आंदोलन के हिंसक होने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विरोध करने के तरीके को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।