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सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर Pollution Control Board का फोकस, बिना ट्रीट के पानी बहाया तो होगी कार्रवाई

हरियाणा राज्य पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड इन दिनों वायु और जल प्रदूषण के बचाव में लगातार प्रयासरत है। इसकी अहम वजह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भी है। एनजीटी की सख्ती के बाद अब पीसीबी भी जल बचाव की दिशा में अहम कदम उठा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Naveen DalalUpdated: Tue, 15 Nov 2022 11:26 AM (IST)
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पीसीबी के आरओ को एसटीपी पर संज्ञान लेने के संबंध में दिए दिशा निर्देश।
हिसार, जागरण संवाददाता। हरियाणा राज्य पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (एचएसपीसीबी) ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से निकलने वाले पानी के उपचार और पुन: उपयोग पर फोकस किया है। एचएसपीसीबी के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने प्रदेश के सभी पीसीबी क्षेत्रीय अधिकारियों (आरओ) को दिशा निर्देश दिए है कि वे एसटीपी पर फोकस करें। एसटीपी से निकलने वाले पानी को बेहतर तरीके से ट्रीट करवाया जाए, ताकि उस पानी का पुन: उपयोग हो सकें। यदि किसी एसटीपी पर गंदा पानी सहीं से ट्रीट नहीं हो रहा है तो उस पर तुंरत संज्ञान ले ताकि प्रदूषण न फैले और पानी का पुन: उपयोग हो सकें। 

जल बचाव की दिशा में प्रयास

पीसीबी इन दिनों वायु और जल प्रदूषण के बचाव में लगातार प्रयासरत है। इसकी अहम वजह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भी है। एनजीटी की सख्ती के बाद अब पीसीबी भी जल बचाव की दिशा में अहम कदम उठा रहा है। एसटीपी के पानी का ट्रीट बेहतर हो यह जल बचाव की दिशा में अहम कदम साबित हो सकता है क्योंकि गंदा पानी उपचारित होकर पुन: उपयोग में लाया जा सकेगा। यहीं जल दोबारा उपयोग होने से साफ पानी की बचत हो पाएगी।

पीसीबी नाले के माध्यम से नदियों जा रहा पानी रोकने की तैयारी

प्रदेश की जितनी भी नहर व नदियां है। उनमें नालों के माध्यम से जो गंदा पानी मिल रहा है अब पीसीबी उस पर प्रतिबंध लगाएगी। केवल ट्रीट कर जो पानी साफ है वहीं नहर में पहुंच पाएगा। बाकी सभी नालों पर पीसीबी शिकंजा कसने अर्थात उन पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। इस बारे में जल्द ही कागजी औपचारिकताएं की जाएगी। पीसीबी के चेयरमैन ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को आदेश दिए है कि जो भी गंदे पानी निकासी के नाले नहरों से कनेक्ट है उनका गंदा पानी नहर में जाने से तुंरत प्रभाव से रूकवाया जाए। 

एसटीपी की नियमित चैंकिंग भी करेंगे अधिकारी

पीसीबी के अधिकारी सभी एसटीपी की मासिक रिपोर्ट तैयार करेंगे। उनकी समय समय पर सैंपलिंग लेंगे। इसमें उन्हें यह तय सुनिश्चित करवाना होगा कि एसटीपी का पानी ट्रीट किया जाए। क्योंकि करोड़ों रुपये सरकार एसटीपी पर खर्च किए है। ऐसे में जनता की उस राशि का सदुपयोग हो इस पर भी ध्यान रखा जाएगा।

हरियाणा राज्य पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अधिकारी के अनुसार

चेयरमैन पी राघवेंद्र राव ने एसटीपी की व्यवस्थाओं के संबंध में दिशा निर्देश दिए है। नहर में किसी भी नाले का पानी गंदा पानी नहीं जाना चाहिए। यदि कहीं ऐसा हो रहा है तो उस पर रोक लगवाई जाएगी। सभी एसटीपी स्टाफ को नियमानुसार पानी ट्रीट करना अनिवार्य है। 

--- शक्ति सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा राज्य पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, हिसार मंडल।

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