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Air Quality: हरियाणा में भी सांसों पर गहराया संकट, हिसार सबसे प्रदूषित; 4 जिलों में रेड जोन

Haryana News दीपावली के बाद से हरियाणा में वायु प्रदूषण (Air Pollution in Haryana) का स्तर लगातार बढ़ रहा है। 14 जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 200 के पार पहुंच गया है। हरियाणा के चार जिले रेड जोन में हैं जहां एक्यूआई 300 के पार है। स्मॉग के कारण सांस और दमा के रोगियों को परेशानी हो रही है।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 05 Nov 2024 07:58 AM (IST)
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लगातार खराब होती जा रही हरियाणा की हवा (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, हिसार। दीपावली के बाद से लगातार प्रदेश की हवा खराब होती जा रही है। दीपावली पर हुई आतिशबाजी से निकला धुआं अब वातावरण में भयंकर रूप से घुल गया है और यह स्मॉग का कारण बन गया है। प्रदेश के कई शहरों पर स्मॉग की चादर छाईं हुई है।

सोमवार को कुछ शहरों में स्मॉग का असर काफी देखने को मिला। 14 जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 200 के पार पहुंच गया है। यहीं नहीं चार जिले रेड जोन में चले गए हैं, जिनमें एक्यूआई 300 के पार है।

त्योहारों पर जमकर हुई थी आतिशबाजी

इनमें हिसार, फतेहाबाद, गुरुग्राम और चरखी दादरी शामिल है। हिसार जिले का एक्यूआई 379 पहुंच गया है, जो दिल्ली (एक्यूआई 381) से महज दो अंक ही कम है। पराली जलाने के जीरो केस मिले हैं।

अचानक जीरो केस मिलना भी हैरान कर देने वाली बात है। इससे पहले कभी 19 तो कभी 20 से 30 केस मिल रहे थे। इसकी आड़ में त्योहार पर तीन से चार दिनों तक लगातार आतिशबाजी इतनी हुई कि जिस पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं रहा।

सांस रोगियों के लिए मुसीबत बना स्मॉग

वातावरण पूरी तरह से प्रदूषित हो गया और स्मॉग का स्तर कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है। रविवार के अपेक्षा सोमवार को शहरों में स्माग का असर ज्यादा देखने को मिला। कुछ ऐसा ही हाल हिसार में रहा।

स्मॉग ज्यादा होने से दृश्यता कम हो गई है और सड़कों पर भी हादसे होने की आशंका हो गई है। रात्रि को ठंड में स्माग का असर ज्यादा दिखा। यह स्मॉग सांस व दमा रोगियों के लिए भी मुसीबत बन गया है।

जहां पराली कम जलीं एक्यूआई सबसे ज्यादा

जिन इलाकों में पराली कम जली या जीरो केस है, वहां का एक्यूआई सबसे ज्यादा है। जैसे गुरुग्राम व चरखी दादरी जिले में पराली जलाने के जीरो केस है और हिसार में 23 केस है।

मगर इनका एक्यूआई सबसे अधिक है। इनके अपेक्षा फतेहाबाद में पराली अधिक जली पर एक्यूआई में प्रदेश में दूसरे स्थान पर है।

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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा से मांगा हलफनामा

इस बार दीपावली पर दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण रहने पर चिंता और नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस आयुक्त से पटाखों पर प्रतिबंध का आदेश लागू करने के लिए किए गए उपायों पर जवाब मांगा है।

शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार और पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वे एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर बताएं कि पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने के लिए क्या उपाय किए गए और यह भी बताएं कि अगले वर्ष पटाखों पर प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम प्रस्तावित हैं।

सुप्रीम कोर्ट मामले पर 14 नवंबर को फिर सुनवाई करेगा। ये निर्देश सोमवार को जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले में सुनवाई के दौरान दिए। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से भी अक्टूबर महीने के अंतिम 10 दिनों में पराली जलाए जाने के मामले पर हलफनामा मांगा है।

दिल्ली सरकार से भी उनकी सीमा में जलाई पराली की रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट की टिप्पणी थी कि दीपावली ही नहीं, बल्कि चुनाव और शादियों में भी पटाखों पर प्रतिबंध होना चाहिए।

लाहौर में एक्यूआई 1,194 पहुंचा, भारत को ठहराया जिम्मेदार

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मंत्रियों ने लाहौर में धुंध के कारण उत्पन्न स्थिति के लिए सोमवार को भारत को दोषी ठहराया है। मंत्रियों ने कहा कि भारत से आने वाली हवा के कारण प्रांत की राजधानी लाहौर की स्थिति बिगड़ी है।

लाहौर में शनिवार और रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) क्रमश: 1,067 और 1,073 दर्ज किया गया। रविवार दोपहर तक एक्यूआई 1,194 तक पहुंच गया था। इससे हजारों बच्चों और बुजुर्गों को बीमार कर दिया है।

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