Raju Punjabi Death: काला पीलिया से हुई थी राजू पंजाबी की मौत, जानिए क्या है इसके लक्षण और कैसे हो सकता है इलाज
राजू पंजाबी की मौत काला पीलिया जैसे खतरनाक इंफेक्शन की वजह से हुई। राजू पंजाबी काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और इसी की वजह से उनका लिवर भी डैमेज हो गया था। उनके जाने के बाद लोगों में ये जानने की इच्छा है कि आखिर क्या है काला पीलिया। आइये बताते हैं कि क्या है काला पीलिया के लक्षण और इसका इलाज।
हिसार, जागरण डिजिटल डेस्क। हरियाणा के फेमस सिंगर राजू पंजाबी अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी मौत काला पीलिया से हुए खतरनाक इंफेक्शन की वजह से हुई। राजू पंजाबी काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और इसी की वजह से उनका लिवर भी डैमेज हो गया था। बीच में वह ठीक हो गए थे, लेकिन ये बीमारी इतनी खतरनाक निकली के उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। यहां पढ़े
इस कारण हुई राजू पंजाबी की मौत
डॉ विवेक बंसल के अनुसार, राजू पंजाबी को लिवर इंफेक्शन हो गया था। डॉक्टर ने कहा कि पहले अस्पताल में भर्ती होने पर उन्हें छुट्टी मिल गई थी, लेकिन सोमवार शाम को तबीयत बिगड़ने के कारण दोबारा भर्ती करवाया गया था, उनका लिवर डैमेज हो गया था। उनके फेफड़े और छाती में पानी भी भर गया था, जिस कारण से उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद लोगों में इस बात को जानने की इच्छा है कि आखिर क्या है काला पीलिया। आइये आपको बताते हैं कि क्या है काला पीलिया, क्या है इसके लक्षण और कैसे इससे बचा जा सकता है। यहां पढ़ें
काला पीलिया कैसे होता है?
काला पीलिया उन लोगों या मरीजों को होता है, जो पहले ही पीलिया से पीड़ित हों या फिर उनका सही तरीके से इलाज नहीं हुआ हो। काला पीलिया कैसे होता है.. इस पर अधिक जानकारी देते हुए दिल्ली के सी.के बिरला अस्पताल के डॉक्टर त्रिभुवन गुलाटी ने बताया कि काला पीलिया ज्यादातर हेपेटाइटिस B या हेपेटाइटिस C के मरीजों में होता है, जो हेपेटाइटिस का सही तरह से इलाज नहीं कराते हैं।
इसके अलावा ये गाल ब्लैडर स्टोन के कारण भी हो सकता है। काला पीलिया गाल ब्लैडर के कैंसर के कारण भी होता है, जो बिलीरुबिन के फ्लो को खराब कर देता है या उसे आंतों में आने नहीं देता। इससे पीलिया बढ़ता रहता है, जो आगे चलकर ये काला पीलिया में बदल जाता है। यहां पढ़ें
काला पीलिया से कैसे बचा जा सकता है?
आइये आपको बताते हैं कि काला पीलिया कैसे फैलता है और इससे कैसे बचा जा सकता है...। डॉक्टर त्रिभुवन गुलाटी ने बताया कि हेपेटाइटिस B या C होने से काला पीलिया फैलता है, लेकिन हेपेटाइटिस B या C कैसे होता है, इसपर भी डॉक्टर गुलाटी ने बताया कि हेपेटाइटिस B या C ब्लड ट्रांसफ्यूजन से, इन्फेक्टेड नीडल के इस्तेमाल से या इन्फेक्टेड व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से फैलता है और इसके कारण काला पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
गाल ब्लैडर स्टोन से भी काला पीलिया होने की संभावनाएं बढ़ जाती है, इसलिए कुछ-कुछ दिनों में अल्ट्रासाउंड कराते रहना चाहिए। डॉक्टर ने बताया कि काला पीलिया कोई बीमारी नहीं है बल्कि बीमारी के बाद होने वाला लक्षण हैं। व्यक्ति सावधानी बरतें और सही तरीके से अपना इलाज करवाएं तो काला पीलिया ठीक हो सकता है।
काला पीलिया के बाद शरीर में होने वाले बदलाव
काला पीलिया होने के बाद शरीर में कई तरीके के बदलाव आने लगते हैं। डॉक्टर गुलाटी ने इसपर अधिक जानकारी देते हुए कहा कि काला पीलिया में शरीर पहले पीले रंग का होने लगता है। इसका सही समय पर इलाज नहीं कराया गया तो शरीर में काले रंग के धब्बे आने लगते हैं। त्वचा भी काली पड़ने लगती है।
ये हैं काला पीलिया के लक्षण
- शरीर पीला पड़ने लगता हैं और चमड़ी काली पड़नी शुरू हो जाती है।
- इसमें व्यक्ति की आंखें पीली पड़ने लगती है।
- हाथ-पैर के नाखून, हाथों का हथेलियां और पेशाब पीली हो जाती है।
- कई बार तो लोगों के पेट और पैरों में पानी भी भर जाता है।
- भूख न लगना
- तेजी से वजन घटना
- थकान