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'फौजी तुम्हें मरने पर मजबूर कर दूंगा', सेना से रिटायर्ड शख्स ने जहर खाकर की आत्महत्या, DSP सहित 10 लोगों पर केस दर्ज

Hisar Crime हिसार में सेना से रिटायर राजकुमार नामक एक व्यक्ति ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने आत्महत्या से पहले 8 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा जिसे पीडीएफ फॉर्मेट में सोशल मीडिया सहित अलग-अलग जगहों पर शेयर किया। इसमें DSP अशोक कुमार समेत 10 लोगों को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। राजकुमार के बेटे ने इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 25 Oct 2024 10:19 PM (IST)
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हिसार में रिटायर्ड सेना के जवान ने की आत्महत्या (जागरण फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, हिसार। रिटायर्ड फौजी और डीसी कार्यालय में कार्यरत सेक्टर 1-4 निवासी राजकुमार ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी। राजकुमार ने डीसी ऑफिस की सरकारी डाक बुक में आठ पेज का नोट लिखा। उसकी पीडीएफ बनाकर इंटरनेट मीडिया पर कई ग्रुप में शेयर की है।

सुसाइड नोट में डीएसपी अशोक कुमार, एसएचओ जगदीप सिंह, एएसआइ ऊषा, एएसआइ फुल कुमार, तीन महिला, लालचंद, जसबीर और उसके दोस्त को मौत का जिम्मेदार ठहराया है।

बेटे के बयान पर 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

सिविल लाइन थाना पुलिस ने राजकुमार के बेटे के बयान पर डीएसपी सहित 10 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है। स्वजन ने आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग करवाते हुए अग्रोहा मेडिकल कालेज में शव का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया।

सेक्टर 1-4 निवासी 22 वर्षीय पंकज कुमार ने पुलिस को बताया कि वे दो बहन भाई हैं। उसके पिता राजकुमार फौज से रिटायर्ड होने के बाद 2018 में डी ग्रुप में भर्ती हुए थे। अब उनके पिता डीसी ऑफिस की एमए ब्रांच में तैनात थे।

23 अक्टूबर को दोपहर बाद 3.30 बजे मेरे पास पिता के साथी कर्मचारी रवींद्र का फोन आया कि आपके पिता राजकुमार की हालात खराब हो गई। आइटीआइ चौक के पास स्थित ठेके पर आ जाओ। जब पंकज मौके पर पहुंचा तो वहां पर पिता कुर्सी पर बेहोशी की हालात में बैठे थे।

उन्होंने उल्टी की हुई थी और रवींद्र वहीं खड़ा था। कुर्सी के नीचे जहरीली दवा का पैकेट और शीशी पड़ी थी। जिसके बाद आनन-फानन में पिता को इलाज के लिए निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर पिता को लेकर अग्रोहा मेडिकल पहुंचे। जहां पर चिकित्सकों ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया।

साल 2018 में राजकुमार पर हुआ था केस दर्ज

पंकज कुमार ने शिकायत में बताया कि 2018 में उसके पिता राजकुमार के खिलाफ एचटीएम थाना में पुलिस के साथ लडाई-झगडा और कुछ मोहल्ले की तीन औरतें व दो अन्य की झूठी शिकायत पर केस दर्ज किया था।

इन मामलों में उसके पिता जेल भी गए थे। जिसकी जांच डीएसपी अशोक कुमार, थाना प्रभारी जगदीप सिंह, एएसआइ ऊषा, एएसआइ फुल कुमार ने की थी। इस केस में उन्होंने उसके पिता को झूठे केस में फंसाया था और पिता के झूठे हस्ताक्षर भी किए थे।

पंकज का आरोप है कि डीएसपी ने साजिश के तहत उसके पिता के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। इसके साथ ही उसके पिता को धमकी दी थी कि फौजी तुम्हें मरने को मजबूर कर दूंगा।

फ्लैट और बेटे को डीएसपी के नाम ठगी करने वालों से भी परेशान था फौजी राजकुमार के बेटे पंकज ने आरोप लगाया है कि पिता ने फौज से रिटायर्ड होने के बाद 1-4 हाउसिंग बोर्ड में फ्लैट लिया था।

जिसकी रजिस्ट्री और इंतकाल मेरी मम्मी के नाम थी। जिस फ्लैट के संबंध में बुढ़ाखेड़ा निवासी लालचंद बिश्नोई कहने लगा कि मैंने फ्लैट के 20 लाख रुपये दे रखे हैं।

यह फ्लैट उसका है और वह पिता राजकुमार को तंग करता था और मम्मी शकुंतला के खिलाफ केस भी कर रखा है। वहीं पंकज ने आरोप लगाया है कि उसको पंजाब में डीएसपी लगवाने के नाम पर कैंट निवासी जसबीर और उसके दोस्त ने भी 25 लाख रुपये ठग रखे हैं। इस कारण उन्हें दो मकान भी बेचने पड़े थे। जिसके चलते भी उसके पिता परेशान थे।

नोट में लिखा आदरणीय मम्मी पापा मुझे माफ कर देना। आपने मुझे ऐसे संस्कार नहीं दिए थे कि मैं ऐसा कदम उठाऊं। लेकिन अब मेरी मजबूरी है। क्योंकि में चारों तरफ से घिर चुका हूं। मैंने बहुत कोशिश की लड़ने की, लेकिन मैं सफल नहीं हो पाया।

बच्चों को लिखा की बेटा मैं इतना कायर नहीं था, दुनिया ने बना दिया। इसके बाद आरोपियों के नाम लिखकर उन्हें मौत का जिम्मेदार ठहराया। इनमें डीएसपी अशोक, थाना प्रभारी जगदीप समेत अन्य के नाम शामिल हैं।

डीएसपी बोले- आरोप बेबुनियाद

डीएसपी अशोक कुमार का कहना है कि 2019 में राजकुमार के खिलाफ थाने में एक केस दर्ज हो चुका था, दूसरी शिकायत आई हुई थी। इन मामलों की जांच एएसआइ फुलकुमार और एएसआई ऊषा कर रहे थे।

थाने में एएसआइ के साथ मारपीट की थी। मामले की सूचना मिलने के बाद थाने में गया था। इसके बाद राजकुमार से कभी कोई मुलाकात नहीं हुई। उनकी तरफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। उच्चाधिकारी मामले की जांच करेंगे।

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