सच के साथी सीनियर्स: हिसार और अमृतसर के लोगों को मिला फैक्ट चेकिंग का बुनियादी प्रशिक्षण
जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने हरियाणा के हिसार और पंजाब के अमृतसर के लोगों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया। वेबिनार में विश्वास न्यूज के एक्सपर्ट्स ने लोगों को वित्तीय धोखाधड़ी और डीप फेक से बचने के तरीकों के साथ ही फैक्ट चेकिंग की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी। कार्यक्रम को डिप्टी एडिटर देविका मेहता और चीफ सब एडिटर प्रज्ञा शुक्ला ने संबोधित किया।
हिसार/अमृतसर। जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने 29 फरवरी को हरियाणा के हिसार और पंजाब के अमृतसर के लोगों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन किया।
विश्वास न्यूज के मीडिया साक्षरता अभियान 'सच के साथी सीनियर्स' के तहत इस कार्यशाला को आयोजित किया गया। विशेष तौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित इस वेबिनार में विश्वास न्यूज के एक्सपर्ट्स ने लोगों को वित्तीय धोखाधड़ी और डीप फेक से बचने के तरीकों के साथ ही फैक्ट चेकिंग की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी। दोनों ही शहरों के लिए कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन मोड में किया गया।
पंजाब के अमृतसर के लोगों को दिया प्रशिक्षण
विश्वास न्यूज की डिप्टी एडिटर देविका मेहता और पल्लवी मिश्रा ने इस वेबिनार को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान स्वस्थ सूचनाओं की जरूरत पर जोर देते हुए बताया गया कि सूचनाएं हमारे दिमाग पर असर डालती हैं, इसलिए मानसिक स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ सूचनाएं जरूरी होती हैं।मिश्रा ने कार्यक्रम में शामिल लोगों को मिस-इन्फॉर्मेशन, डिस-इन्फॉर्मेशन और माल-इन्फॉर्मेशन के बीच के अंतर को बताते हुए उन्हें पहचानने के तरीके बताए। इसके अलावा उन्होंने लोगों को डीप फेक, चीप फेक और एआई की मदद से बनाए गए कंटेट को पहचानने और उससे बचाव के तरीकों के बारे में भी प्रशिक्षित किया।
वहीं, देविका मेहता ने टूल की मदद से फेक और भ्रामक खबरों की पहचान और उससे बचाव के तरीकों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सूचनाओं को फॉरवर्ड करने से पहले हमें उसके सोर्स तक पहुंचना जरूरी है। ऐसा करके हम जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य भी निभा सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने डिजिटल सेफ्टी के लिए आवश्यक कदम की जानकारी भी दी। अंत में उन्होंने सभी से जागरूक मतदाता बनने की अपील की।
हरियाणा के हिसार में भी लोगों को मिली ट्रेनिंग
हरियाणा के हिसार के लोगों के लिए भी आज फैक्ट चेकिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम को डिप्टी एडिटर देविका मेहता और चीफ सब एडिटर प्रज्ञा शुक्ला ने संबोधित किया।
देविका मेहता ने डीपफेक वीडियो पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एआई टूल्स की मदद से बनाए गए ऐसे वीडियो को चेहरे के हावभाव या बोलने के तरीके को देखकर पता लगाया जा सकता है। जैसे— वीडियो में दिख रहे शख्स के होंठ उसके शब्दों के अनुसार, नहीं हिल रहे होंगे या उसके चेहरे की बनावट अजीब हो सकती है। अभी हाल में ही वायरल हुआ सचिन तेंदुलकर का डीपफेक वीडियो इसका उदाहरण है। सीनियर सब एडिटर ज्योति ने प्रतिभागियों को फैक्ट चेकिंग टूल्स की मदद से संदिग्ध सूचनाओं की पड़ताल करना भी सिखाया।
प्रज्ञा शुक्ला ने प्रतिभागियों को डिजिटल सेफ्टी के बारे में बताते हुए कहा कि किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक पर नहीं करना चाहिए। अक्सर लुभावने मैसेज के साथ फिशिंग लिंक वायरल होते हैं। इनकी जांच करना चाहिए और दूसरों को भी इसके प्रति सजग करना चाहिए। इस तरह के लिंक पर क्लिक करने से आपका डेटा साइबर ठग के पास चला जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स या अन्य अकाउंट्स का पासवर्ड अलग और मजबूत होना चाहिए। किसी के साथ भी पासवर्ड या ओटीपी साझा नहीं करना चाहिए।
गौरतलब है कि हरियाणा और पंजाब से पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के लोगों को भी इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। गूगल न्यूज इनिशिएटिव (जीएनआई) के सहयोग से संचालित हो रहे इस कार्यक्रम का अकादमिक भागीदार माइका (मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद) है।
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