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Shardiya Navratri 2022: 1770 में पटियाला के महाराजा ने की थी हिसार के देवी भवन मंदिर की स्‍थापना

श्री देवी भवन मंदिर की स्थापना 1770 में पटियाला के महाराजा ने की। मंदिर के महासचिव विपिन गोयल कहा मंदिर में 18 देवी देवताओं के मंदिर बनाए हुए है। 13 अप्रैल 1988 को मंदिर परिसर में गोशाला की स्थापना की गई थी।

By Pawan KumarEdited By: Manoj KumarUpdated: Tue, 27 Sep 2022 04:42 PM (IST)
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शहर का करीब 252 साल पुराना श्री देवी भवन मंदिर नवरात्र में सजकर तैयार है
जागरण संवाददाता, हिसार : नवरात्र 26 सितंबर से शुरू हो गए है। शहर का करीब 252 साल पुराना श्री देवी भवन मंदिर है। जिसमें श्रद्धालु सुबह करीब पांच बजे से ही माता की पूजा अर्चना करने पहुंचने लगे है। मंदिर में रात करीब 10 बजे तक मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में आए और माता की पूजा अर्चना की। मंदिर प्रशासन की ओर से मंदिर में नवरात्रों पर पुख्ता बंदोबस्त किए गए है। मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है।

प्रतिदिन करीब 20 हजार श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद

श्रीदेवी भवन मंदिर के महासचिव विपिन गोयल ने बताया कि उन्हें नवरात्र में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। सोमवार को पहले दिन अनुमानित करीब 20 हजार श्रद्धालुगण मंदिर में पहुंचे है। उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना की। मंदिर में पुजारी भी विशेष पोशाक में नजर आए। मंदिर में पेयजल से लेकर सफाई की बेहतर व्यवस्था की हुई थी। 26 सितंबर से लेकर 4 अक्टूबर तक मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहेगा।

सुबह सायं श्रद्धालुओं ने की पूजा अर्चना

श्रीदेवी भवन मंदिर के पंडित रामकरण शुक्ला ने बताया कि नवरात्र पर्व पर 26 सितंबर से शुरू हो गया है। मां के नौ रुपों की उपासना के ये नौ दिन काफी महत्वपूर्ण माने जाते है। नवरात्र में सच्चे मन से मांगी गई मन्नतें मां भक्ति से प्रसन्न होकर पूरी करती हैं। मंदिर के गेट श्रद्धालुओं के लिए सुबह साढ़े 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और सायं को साढ़े तीन बजे से रात 10 बजे तक खुले रहेंगे।

श्री देवी भवन मंदिर का ये है इतिहास

श्रीदेवी भवन मंदिर के महासचिव विपिन गोयल ने बताया कि श्री देवी भवन मंदिर की स्थापना 1770 में पटियाला के महाराजा ने की। मंदिर के महासचिव विपिन गोयल कहा मंदिर में 18 देवी देवताओं के मंदिर बनाए हुए है। 13 अप्रैल 1988 को मंदिर परिसर में गोशाला की स्थापना की गई थी। मंदिर परिसर में माता के नौ रुप की प्रतिमा के साथ-साथ, हनुमान मंदिर, भगवान गणेश, श्रीराम दरबार, राधा-कृष्ण मंदिर, लक्ष्मीनारायण मंदिर, भैरवनाथ मंदिर, मां संतोषी माता मंदिर, तिरूपति बालाजी मंदिर है। वर्तमान में मंदिर में 7 पुजारी नियमित पूजा अर्चना करते हैं।

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