Suicide in GJU: तीन सदस्यीय कमेटी जांच से पीछे हटी, वीसी को दी रिपोर्ट में लिखा पुलिस ही करे जांच
जीजेयू में 26 वर्षीय छात्रा के सुसाइड मामले में नया मोड़ आ गया है। जांच के लिए कुलपति की ओर से बनाई तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच से इन्कार कर दिया है। बायाे एंड नैनो विभाग में एक पीएचडी छात्रा ने लैब में जहर निगलकर सुसाइड कर ली थी।
By Umesh KdhyaniEdited By: Updated: Sat, 29 May 2021 09:57 AM (IST)
हिसार, जेएनएन। जीजेयू के बायो एंड नैनो विभाग में 26 वर्षीय छात्रा द्वारा सुसाइड के मामले में जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय जांच से पीछे हट गई है। जांच कमेटी ने शुक्रवार को कुलपति को लिखकर दे दिया कि वे मामले में जांच नहीं कर सकते, इस मामले की जांच पुलिस ही कर सकती है। पहले इस कमेटी द्वारा जांच में देरी की जा रही थी। वहीं अब कमेटी जांच से पीछे हट गई है। मामले में कमेटी ने कमेटी सदस्या प्रो. उषा अरोड़ा ने पहले 27 मई को जांच रिपोर्ट कुलपति को सौंपने की बात कही थी। लेकिन कमेटी ने वीरवार को रिपोर्ट ना देकर जांच के लिए और समय मांगा था।
गौरतलब है कि कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने तीन सदस्यों की कमेटी में डीन एकेडमिक अफेयर उषा अरोड़ा, प्रोक्टर विनोद बिश्नोई, चीफ वार्डन प्रो. राकेश बहमनी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। वहीं पुलिस इस मामले में घटनास्थल की सीसीटीवी फूटेज बरामद कर चुकी है। हालांकि लैब में अंदर की सीसीटीवी फूटेज उन्हें नहीं मिल पाई है। गौरतलब है कि हाल ही में जीजेयू बायाे एंड नैनो विभाग में एक पीएचडी छात्रा ने लैब में जहर निगलकर सुसाइड कर ली थी। मृतका के पास से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। साथ ही पुलिस को लैब से एक केमिकल से भरी छोटी शीशी बरामद हुई थी।
मृतका के पिता ने दर्ज कराया था मामला
मामले में मृतका के पिता की शिकायत पर उपरोक्त विभाग के चेयरपर्सन संदीप और उसकी पीएचडी गाइड नमिता के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। मृतका के पिता ने आरोप लगाए थे कि उसकी बेटी के उपर चेयरपर्सन ने अवैध संबंध बनाने का दबाव दिया था। वहीं कंप्यूटर सर्वर मांगने की बात भी सामने आई थी, जिसके कारण उसकी बेटी ने जहर निगल अपनी जान दे दी थी।
कमेटी ने पुलिस से जांच की लिखी बात
जीजेयू के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि जांच कमेटी ने लिखकर दिया है कि वे मामले की जांच नहीं कर पाएंगे, क्योंकि पुलिस ही इस तरह के मामले की गहनता से जांच कर सकती है। इसलिए कमेटी ने पुलिस से ही जांच होने की बात लिखी है।
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