Haryana Election: सुभाष चंद्रा ने बढ़ाई BJP की मुश्किलें, सावित्री जिंदल को दिया समर्थन; कभी थे एक-दूसरे के विरोधी
पूर्व राज्यसभा सदस्य सुभाष चंद्रा (Subhash Chandra) ने हिसार से निर्दलीय उम्मीदवार सावित्री जिंदल को समर्थन देने का एलान किया है। साल 2014 के चुनाव में सुभाष चंद्रा ने भाजपा प्रत्याशी कमल गुप्ता को समर्थन दिया था। बता दें कि सावित्री जिंदल भाजपा से हिसार विधानसभा सीट से टिकट मांग रही थीं लेकिन भाजपा ने उनकी जगह कमल गुप्ता का मैदान में उतारा है।
अमित धवन, हिसार। हिसार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। हरियाणा गठन के बाद पहली बार 10 साल पहले हिसार में कमल खिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व राज्यसभा सदस्य सुभाष चंद्रा अब जिंदल परिवार के साथ आ गए हैं। चंद्रा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में हिसार सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता का समर्थन किया था।
चंद्रा ने इस बार कमल गुप्ता का साथ छोड़ चिर-प्रतिद्वंद्वी रहे जिंदल परिवार से निर्दलीय प्रत्याशी सावित्री जिंदल के लिए वोट की अपील की है। उनके इस कदम से भाजपा प्रत्याशी की चिंता बढ़ना तय है। 2014 में कमल गुप्ता ने कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री जिंदल को हराया था। इस बार निर्दलीय, भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों में कड़ा मुकाबला है।
पहले पोस्ट में यह लिखा था
बता दें कि सुभाष चंद्रा लंबे समय से डा. कमल गुप्ता से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने 10 सितंबर को अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर लिखा था कि डा. कमल गुप्ता ने उनको फोन कर आशीर्वाद मांगा था। मगर सुभाष चंद्रा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि छोटे भाई ने पांच साल तक उनको फोन भी नहीं किया था।चार दिन पहले नहीं मिले थे कमल
सुभाष चंद्रा से चार दिन पहले भी हिसार आगमन पर पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने मुलाकात की थी। उस समय भी डॉ. कमल गुप्ता पर कटाक्ष किया था और कहा कि सिर्फ भाजपा के उम्मीदवार उनके पास नहीं आए हैं।
इसलिए विरोधी थे चंद्रा और जिंदल
जिंदल परिवार और सुभाष चंद्रा के बीच 2013 में विवाद शुरू हुआ था। तब जेएसपीएल की ओर से नवीन जिंदल ने जी ग्रुप पर कोयला घोटाला मामले में 100 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। उस दौरान जी ग्रुप ने भी जेएसपीएल के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई थीं।
इसी विवाद के दौरान 2014 में विस चुनाव में सुभाष चंद्रा ने सावित्री जिंदल को हरवाने के लिए भाजपा प्रत्याशी का साथ दिया था और कमल गुप्ता विधायक बने थे। छह साल पहले 2018 में दोनों परिवारों के बीच विवाद खत्म होने के बाद व्यापारिक दृष्टि से भी वह नजदीक हो गए थे। अब चुनाव में साथ आ गए हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।2014 में लड़ा था अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव
2014 में हिसार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. कमल गुप्ता को टिकट दिया था। तब सावित्री जिंदल और गौतम सरदाना उनके सामने अपनी-अपनी पार्टियों से ताल ठोंक रहे थे। तब सुभाष चंद्रा ने सावित्री जिंदल का विरोध किया था और हरियाणा गठन के 47 साल बाद कमल खिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उस समय भाजपा प्रत्याशी के प्रचार के लिए कई बालीवुड सितारे और टीवी कलाकार यहां आए थे।कमल गुप्ता को दे डाली नसीहत
सुभाष चंद्रा ने सावित्री जिंदल को समर्थन देने के साथ ही डा. कमल गुप्ता को नसीहत देते हुए लिखा कि जब कभी तूफान आता है तो जो पेड़ झुकना नहीं जानते, वो टूटकर गिर जाते हैं। घास की तरह जो जमीन से जुड़ा रहता है वह उस भयावह तूफान को भी आसानी से सहन कर लेता है और फिर हरा-भरा हो पर्यावरण यानी समाज की सेवा करने में सक्षम हो जाता है।यह भी पढ़ें- कुमारी सैलजा भाजपा में होंगी शामिल? मनोहर लाल ने दिए संकेत; कहा- समय आने पर सब पता चल जाएगा