फिरोजशाह महल के सामने बना ऐतिहासिक भवन गुजरी नहीं गूजर महल है
इसकी पुष्टि हिसार के एक जिला मजिस्ट्रेट की तरफ से आगरा स्थित चीफ इंस्पेक्टर ऑफ आर्काइव्स को लिखे पत्र से होती है जिसमें गूजर महल के पुनरुद्धार के लिए धन की व्यवस्था का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि किसी लड़की और शहजादे के प्रेम की कहानियां देश में कई स्थानों पर मिलती हैं जिनमें हैदराबाद का गोलकुंडा किला भी शामिल है। ऐसी ही और कई घटनाओं का ब्योरा राजबीर देसवाल ने वानप्रस्थ सीनियर सिटीजन क्लब हिसार द्वारा आयोजित वेबिनार में दिया। वेबिनार में प्रदेश के विभिन्न शहरों से 65 व्यक्तियों ने भाग लिया।
जागरण संवाददाता, हिसार : हिसार में करीब 650 साल पुराने फिरोजशाह महल के सामने जिस ऐतिहासिक भवन को आम तौर पर गुजरी महल के नाम से जाना जाता है, पुराने रिकॉर्ड में उसका नाम गूजर महल दर्ज है। जाने माने लेखक व पुलिस विभाग के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक राजबीर देसवाल ने कहा कि इसकी पुष्टि हिसार के एक जिला मजिस्ट्रेट की तरफ से आगरा स्थित चीफ इंस्पेक्टर ऑफ आर्काइव्स को लिखे पत्र से होती है, जिसमें गूजर महल के पुनरुद्धार के लिए धन की व्यवस्था का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि किसी लड़की और शहजादे के प्रेम की कहानियां देश में कई स्थानों पर मिलती हैं, जिनमें हैदराबाद का गोलकुंडा किला भी शामिल है। ऐसी ही और कई घटनाओं का ब्योरा राजबीर देसवाल ने वानप्रस्थ सीनियर सिटीजन क्लब हिसार द्वारा आयोजित वेबिनार में दिया। वेबिनार में प्रदेश के विभिन्न शहरों से 65 व्यक्तियों ने भाग लिया। करनाल में हैजा फैलने के कारण छावनी अंबाला शिफ्ट की
राजबीर देसवाल हरियाणा के इतिहास और संस्कृति के चलते फिरते इंसाइक्लोपडिया हैं। उन्होंने बताया कि करनाल शहर में आज भी विद्यमान हांसी रोड और मेरठ रोड का नाम इसलिए पड़ा कि हांसी और मेरठ में सन 1857 के विद्रोह को दबाने के लिए अंग्रेजों ने फौजें इन्हीं मार्गो द्वारा करनाल छावनी से भेजी थी। 1858 में करनाल में हैजा फैलने के कारण छावनी अंबाला शिफ्ट कर दी गई थी। करनाल के इंद्री इलाके में मघ जाति के लोग अपने को बताते हैं यूनानी