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Haryana News: हिसार सीट पर इस बार चौकोणीय मुकाबला, जानें BJP-JJP; INLD-कांग्रेस के मजबूत और कमजोर पक्ष

हिसार लोकसभा सीट राजनीतिक तौर पर भाजपा इनेलो जजपा के साथ ही कांग्रेस के लिए भी काफी अहम है। बीजेपी ने चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला इनेलो ने पुत्रवधु सुनैना चौटाला तो वहीं पर जजपा ने नैना चौटाला को उम्मीदवार बनाया है। जबकि कांग्रेस ने तीन बार के सांसद जय प्रकाश को मैदान में उतारा है। आइये जानते हैं इन सभी का मजबूत और कमजोर पक्ष।

By Amit Dhawan Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sun, 05 May 2024 03:07 PM (IST)
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Hisar Lok Sabha Seat 2024: हिसार सीट पर इस बार चौकोणीय मुकाबला। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, हिसार। (Haryana Lok Sabha Election 2024 Hindi News) राजनीतिक रूप से हिसार सीट काफी अहम हैं। उप प्रधानमंत्री देवीलाल की विरासत को संभालने और उस पर दावा रखने वाले चौटाला परिवार के तीन सदस्य भाजपा, जजपा और इनेलो से आमने सामने हैं। कांग्रेस (Haryana Congress) प्रत्याशी भी देवीलाल की राजनीति विरासत पर अपना दावा ठोक रहे हैं।

भाजपा (Haryana BJP) ने जहां देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला, इनेलो ने पुत्रवधु सुनैना चौटाला और जजपा ने नैना चौटाला को मैदान में उतारा है। कांग्रेस से पूर्व सांसद एवं देवीलाल के समय में ग्रीन ब्रिगेड के अध्यक्ष रहे जय प्रकाश मैदान में है। यह सीट भाजपा के लिए काफी अहम भी है।

भाजपा ने 67 साल बाद पिछले चुनाव में जीता था। इस सीट पर चारों पार्टियों की तरफ से जाट समाज से आते हैं। इनके साथ अन्य समाज के मतदाताओं को अपनी और साधने के लिए हर पार्टी अपने नेताओं को चुनावी मैदान में उतारे हुए है।

देश की आजादी के बाद हिसार सीट पर 1952 में चुनाव शुरू हो गए थे। हिसार से पहले सांसद लाला अचिंत राम बने थे। कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ते हुए 1957 में सांसद चुने गए थे। हिसार सीट पर क्षेत्रीय दल का कब्जा रहा। सीट पर जनता पार्टी, जनता दल से लेकर हविपा तक के सांसद बने थे।

सबसे ज्यादा बार कांग्रेस के 1952, 1957, 1967, 1971, 1984, 1991, 2004 में सांसद थे। इसके अलावा 1962 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से मनीराम बागड़ी, जनता दल से 1977 में इंद्र सिंह श्योकंद, जनता पार्टी सेक्युलर से 1980 में मनीराम बागड़ी, जनता दल से 1984 में जय प्रकाश।

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हरियाणा विकास पार्टी से 1996 में जय प्रकाश, इनेलो (INLD News) से 1998, 1999 में सुरेंद्र सिंह बरवाला, हजकां से 2009 से भजनलाल और 2011 से कुलदीप बिश्नोई सांसद बने थे। 2014 में इनेलो से दुष्यंत चौटाला और 2019 में बृजेंद्र सिंह सांसद बने थे।

हिसार लोकसभा क्षेत्र का परिदृश्य 

हिसार लोकसभा (Hisar Lok Sabha Seat 2024)

हिसार लोकसभा : हिसार, हांसी, नारनौंद, बरवाला, उकलाना, आदमपुर, नलवा, जींद का उचाना, भिवानी का बवानीखेड़ा

2024 लोकसभा चुनाव स्थिति

कुल मतदाता : 1763715

महिला : 821531

पुरुष : 942184

लोकसभा चुनाव 2019 की स्थिति

पार्टी उम्मीदवार वोट प्रतिशत

भाजपा बृजेंद्र सिंह 603289 51.04

जजपा (JJP News) दुष्यंत चौटाला 289221 24.47

कांग्रेस भव्य बिश्नोई 184369 15.63

बसपा सुरेंद्र शर्मा 45190 3.83

पिछले बार मतदान : 72.43 प्रतिशत

भाजपा : रणजीत चौटाला (Ranjit Singh Chautala)

मजबूत पक्ष

- मौजूदा समय में मंत्री है और हर माह लोगों से जुड़े।

- देवीलाल परिवार से संबंध रखना।

कमजोर पक्ष

- पहले भी चुनाव लड़के लेकिन जीते नहीं थे।

- बाहरी होने के कारण खुद के कैडर को और ज्यादा मजबूत करने की जरूरत।

भाजपा पार्टी

मजबूत पक्ष

- पार्टी सत्ता में है और काम करवाए, कई मजबूत चेहरे जुड़े

- हिसार लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभा में खुद के विधायक

कमजोर पक्ष

- पार्टी की तरफ से दूसरे दल से आए नेता को टिकट देना

- पार्टी के कई नेताओं को टिकट नहीं मिली तो भीतरघात का खतरा

कांग्रेस : जय प्रकाश (Jai Parkash)

मजबूत पक्ष

- हिसार लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे

- देवीलाल के साथ राजनीति करने के चलते ग्रामीण मतदाता पर फोकस

कमजोर पक्ष

- पिछले दो चुनाव हारने के बाद उप चुनाव भी हारा

- कई साल तक हिसार की राजनीति से दूर रहे थे

कांग्रेस पार्टी

मजबूत पक्ष

- 10 साल तक सत्ता में रहते हुए काम का दावा

- पुरानी पार्टी होने के साथ सात बार पार्टी के सांसद रहे।

कमजोर पक्ष

- हाल ही में कई बड़े लोग पार्टी छोड़ कर गए है

- पार्टी का कोई भी मौजूदा समय में विधायक नहीं है

इनेलो : सुनैना चौटाला (Sunaina Chautala)

मजबूत पक्ष

- लाेकल होने के साथ महिलाओं में पैठ

- चौटाला परिवार से संबंध होना व वक्ता बेहतर

कमजोर पक्ष

- नई नेता होने के कारण हिसार से ज्यादा पुराना जुड़ाव नहीं

- कोई भी बड़ा चुनाव नहीं लड़ा

इनेलो पार्टी

मजबूत पक्ष

- पार्टी के काफी पुराने कार्यकर्ताओं से जुड़ाव

- किसान आंदोलन में सीट छोड़ा, जिसके चलते उनका विरोध नहीं है

कमजोर पक्ष

- पार्टी से काफी कार्यकर्ता टूट कर गए, बूथ लेवल का कैडर टूटा

- कोई भी विधायक का नहीं होना

जजपा-नैना चौटाला (Naina Singh Chautala)

मजबूत पक्ष

- हिसार की बेटी होने के साथ हरी चुन्नरी चौपाल के माध्यम से महिलाओं में पकड़

- राजनीति का अनुभव, बाढड़ा से अभी विधायक

कमजोर पक्ष

- पहले हिसार सीट से कभी नहीं लड़ी

- स्थानीय नेता साबित करने की चुनौती रहेगी

जजपा पार्टी

मजबूत पक्ष

- गठबंधन में रहते हुए साढ़े चार साल तक काम किए

- 2014 में पार्टी के नेता दुष्यंत सांसद रहे

कमजोर पक्ष

- हाल ही में विशेष वर्ग की तरफ से विरोध

- गठबंधन टूटने के बाद काफी नेताओं व विधायक का छोड़ कर जाना

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