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Haryana News: सात सालों के मुकाबले इस साल सड़क हादसे कम, जान गंवाने वालों की संख्‍या घटी; इतने प्रतिशत लोग भर चुके चालान

Accidents in Haryana हरियाणा में सात सालों के मुकाबले इस साल सड़क हादसों में कमी दखने को मिली है। जान गंवाने वालों की संख्‍या में भी गिरावट आई है। रिसर्च में पाया गया कि ज्‍यादा सड़क हादसों की वजह चालकों की लापरवाही बनी है। तेज रफ्तार लापरवाही और शराब पीकर वाहन चलाने से ही कई हादसे हुए हैं। हर रोज पुलिस 50 से ज्‍यादा वाहनों के चालान काटती है।

By Amit Dhawan Edited By: Himani Sharma Updated: Wed, 10 Jul 2024 01:08 PM (IST)
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Accidents in Haryana: हरियाणा में इस साल कम हुए सड़क हादसे (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, हांसी। Accidents in Haryana: यातायात नियमों के प्रति लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की बदौलत सात सालों के मुकाबले इस साल सड़क हादसों में जान गंवाने वालों लोगों के आंकड़े में सुधार हुआ है। 2017 से लेकर अब तक वर्ष 2020 में हुए सड़क हादसों में सबसे ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवाई थी।

वर्ष 2020 में करीब 98 लोगों की मौत का कारण सड़क हादसे बने थे। परंतु इस वर्ष इन आंकड़ों में सुधार हुआ है और अब तक हांसी एरिया में करीब 30 लोगों की मौत सड़क हादसों के कारण हुई है। आंकड़ों को देखें तो 2022 के मुकाबले 2023 में 13 प्रतिशत मौत के आंकड़ों में कमी आई थी। वहीं इस साल में काटे गए चालान में अभी तक 60 प्रतिशत लोगों ने चालान का पैसा भरा है।

2023 से अब तक 105 लोगों की हो चुकी है मौत

वहीं ट्रैफिक पुलिस द्वारा पिछले एक साल में 50 हजार से ज्यादा वाहनों को चेक किया गया। इनमें से करीब 30 के चालान भी हुए है। साल-2023 से अब तक हुए सड़क हादसों में 105 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 100 से अधिक को अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराना पडा। इन हादसों में किसी ने अपना पिता खोया, तो किसी ने अपने कलेजे का टुकडा।

लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण हुए हादसे

इन हादसों में 70 प्रतिशत इसमें तेज गति के कारण 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। जबकि बचे हुए लोग लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण हादसे का शिकार हो गए। साल-2024 की बात की जाए तो छह महीने में करीब 30 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है।

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वहीं हांसी उपमंडल के इन क्षेत्रों में दुर्घटना सोरखी, बांडाहेड़ी, शेखपुरा, जींद रोड, राजथल, ढाणी पीरावली, बरवाला फ्लाईओवर,कुलाना मोड, गढी, बास सहित कई अन्य जगहों पर हुई पर सबसे अधिक हादसे हुए है।

चालकों की जरा सी लापरवाही ने छीनी जिंदगियां

सड़क पर चालकों की जरा सी लापरवाही ने कईयों की जिंदगी लील ली और परिजनों को जीवन भर का दर्द दे दिया। तेज गति, लापरवाही व शराब के नशे में वाहन चलाने के कारण एक साल से अब तक करीब 105 लोग मौत को गले लगा चुके है। हादसों में मरने वालों की बात करें तो इनमें 50 प्रतिशत युवा 16 से 25 साल तक ही है। वहीं 25 प्रतिशत मरने वाले युवाओं की उम्र 25 से 35 साल के बीच है।

प्रतिदिन काटे जाते है करीब 52 चालान

हादसों को रोकने के लिए पुलिस लगातार अभियान चलाकर 50 से 55 चालान प्रतिदिन करती है। इसमें से सर्वाधिक चालान बिना हेलमेट के होते है। इसके साथ ही 10 प्रतिशत ओवर स्पीड के साथ बिना कागज के वाहन चलाने पर होते है। पुलिस अधिकारी हादसों को रोकने के लिए स्कूल कालेजों में गोष्ठियों के माध्यम से लोगो को जागरूक करते है। ताकि हादसों का ग्राफ कम किया जा सके।

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कितने लोगों की हुई मौत

  • 2017 - 94
  • 2018 - 75
  • 2019 - 78
  • 2020 - 98
  • 2021 - 75
  • 2022 - 86
  • 2023 - 75
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