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Airplane Crash: 25 साल पहले चरखी दादरी में हुआ था दर्दनाक विमान हादसा, 349 लोगों की हुई थी मौत

दुर्घटना विश्व की दस सबसे बड़ी हवाई दुर्घटनाओं में से एक हैं। वहीं भारत में यह सबसे बड़ी हवाई दुर्घटना थी। दुर्घटना से दूसरे दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगोडा ने भी दादरी का दौरा किया था। उनके साथ प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल भी मौजूद रहे थे।

By Naveen DalalEdited By: Updated: Fri, 12 Nov 2021 03:51 PM (IST)
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टिकान कलां व बिरोहड़ में पड़े हवाई जहाज के टुकड़े।

चरखी दादरी, जागरण संवाददाता। आज से ठीक 25 वर्ष पहले 12 नवंबर 1996 की शाम को दादरी शहर के ऊपर आसमान में जोरदार धमाका हुआ। धमाके के साथ ही पूरा आकाश लाल नजर आने लगा था। जोरदार धमाके की गूंज से कुछ लोगों ने खुद को घरों में ही बंद कर लिया था तो कुछ लोग इस मंजर को देखने के लिए छतों पर चढ़ गए। उसी दौरान लोगों को दो बड़े-बड़े गोले जलते हुए दादरी के आसपास खेत में गिरते हुए दिखाई दिए।

सऊदी अरब व कजाकिस्तान एयरलाइंस के थे विमान

कुछ ही देर बाद पता चला कि आसमान में दो हवाई जहाज आपस में टकरा गए। जिनमें एक हवाई जहाज दादरी के गांव टिकाण कलां तथा दूसरे हवाई जहाज गांव बिरोहड़ के समीप खेतों में गिरा। हादसे के कुछ देर बाद ही काफी संख्या में लोग तथा पुलिस वहां पहुंची। जब लोगों ने टिकाण कलां में मंजर देखा तो सबकी रूह कांप गई। खेतों में चारों तरफ दूर-दूर तक क्षत-विक्षत हालत में सैंकड़ों शव पड़े हुए थे। हवाई जहाज के पुर्जों में आग लगी हुई थी। दो हवाई जहाजों के टकराने की सूचना कुछ ही मिनटों में प्रदेश सहित पूरे देश में फैल गई। पुलिस बल, स्थानीय लोग, सामाजिक संस्थाएं राहत कार्य में जुट गई थी।

दादरी के सरकारी अस्पताल में शवों को रखवाते सामाजिक संगठनों के लोग।

दादरी के लोग आज भी इस घटना को याद कर सिहर उठते हैं।

बता दें कि 12 नवंबर 1996 को सऊदी अरब एयरलाइंस का यात्री विमान बोइंग 763 ने 23 क्रू मेंबर व 289 यात्रियों के साथ दिल्ली से उड़ान भरी थी। वहीं कजाकिस्तान एयरलाइंस के मालवाहक विमान 1907 को 12 क्रू मेंबर व 25 अन्य सदस्यों के साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरना था। शाम साढ़े छह बजे सऊदी अरब एयरलाइंस का यह विमान 10 हजार फीट की ऊंचाई पर था तथा कजाकिस्तान एयरलाइंस का विमान 23 हजार फीट की ऊंचाई से नीचे उतर रहा था। दादरी के ऊपर दोनों विमान आपस में टकरा गए थे। इस दर्दनाक हादसे में दोनों विमानों में सवार सभी 349 लोगों की मौत हो गई थी। दादरी के लोग आज भी इस घटना को याद कर सिहर उठते हैं।

मौके पर पहुंचे तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगोडा व मुख्यमंत्री बंसीलाल।

तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगोडा, तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने किया था दौरा

गौरतलब है कि यह दुर्घटना विश्व की दस सबसे बड़ी हवाई दुर्घटनाओं में से एक हैं। वहीं भारत में यह सबसे बड़ी हवाई दुर्घटना थी। दुर्घटना से दूसरे दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगोडा ने भी दादरी का दौरा किया था। उनके साथ प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल भी मौजूद रहे थे।

घटनास्थल पर पुर्जों को इकट्ठा करती जेसीबी।

छोटा पड़ गया था अस्पताल परिसर

विमान हादसे के बाद मौके पर तथा सरकारी अस्पताल में पहुंचे लोगों ने बताया था कि दोनों जगहों पर हर तरफ क्षत-विक्षत शव पड़े हुए थे। इस भयानक मंजर को देखकर लोगों की रूह तक कांप उठी थी। टिकान कलां व बिरोहड़ में हवाई जहाज के टुकड़ों को हटाने का कार्य भी कई दिन तक चला था। वहीं प्रशासन द्वारा घटनास्थल से सैंकड़ों शवों को दादरी के सरदार झाडू सिंह चौक के समीप स्थित सरकारी अस्पताल में भिजवाना शुरू कर दिया था। एक साथ 349 लोगों के शवों को रखने के लिए अस्पताल परिसर भी छोटा पड़ गया था।

प्रशासन ने बनाई स्मारक की योजना

इस हवाई दुर्घटना में मारे गए लोगों की याद में स्मारक बनाने के लिए दादरी जिला प्रशासन ने मार्च 2021 में योजना बनाई थी। दादरी के तत्कालीन उपायुक्त राजेश जोगपाल ने कहा था कि दादरी के हवाई जहाज हादसे में मारे गए लोगों के स्थान पर उन्हें नमन करने की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए टिकाण गांव में पंचायती जमीन पर एक स्मारक और पर्यटन केंद्र बनाने की योजना है। इस स्मारक पर हवाई जहाज हादसे में मारे गए लोगों के नाम व अन्य जानकारी भी लिखी जाएगी।

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