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भिवानी चिड़ियाघर में दिखेगा जंगली मुर्गा, कुफरी जू से जोड़ा लाने की तैयारी

भिवानी चिड़ियाघर में जल्द ही जंगली मुर्गा नजर आएगा। वन्य प्राणी विभाग यह जोड़ा हिमाचल प्रदेश के कुफरी जू से लेकर आएगा। जंगली मुर्गों के जोड़े के लिए हिसार मंडल के वन्यप्राणी विभाग के क्षेत्रिय अधिकारी वेद प्रकाश ने कुफरी जू प्रबंधन से बातचीत की है।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Mon, 04 Jul 2022 04:00 PM (IST)
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भिवानी चिड़ियाघर में जल्द दिखेगा जंगली मुर्गा।
हिसार, [पवन सिरोवा]। भिवानी के चिड़ियाघर में पर्यटक जंगली मुर्गे से भी रूबरू हो पाएंगे। कारण है कि वन्य प्राणी विभाग की ओर से चिड़ियाघर में जंगली मुर्गों का कुनबा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। पर्यटकों को चिड़ियाघर में जंगली मुर्गे का जोड़ा दिखाई देगा।

वन्य प्राणी विभाग यह जोड़ा हिमाचल प्रदेश के कुफरी जू से लेकर आएगा। इसकी तैयारियां प्रबंधन द्वारा पूरी की जा रही है। जंगली मुर्गों के जोड़े के लिए हिसार मंडल के वन्यप्राणी विभाग के क्षेत्रिय अधिकारी वेद प्रकाश ने कुफरी जू प्रबंधन से बातचीत की है। उन्होंने जोड़ा भिवानी भेजने के लिए अपनी सहमति दे दी है। ऐसे में जल्द ही इन्हें यहां लाकर चिड़ियाघर में रखा जाएगा। 

जानें विभाग ने क्यों बनाया यह प्लान

भिवानी चिड़ियाघर में एक जंगली मुर्गे का जोड़ा था। जिसमें एक नर और एक मादा थी। नर का कुछ समय पहले बीमारी के कारण मौत हो गई। तब से मादा अकेली है। जिसकी आयु करीब दो वर्ष है। ऐसे में इनकी संख्या बढ़ाने की दिखा में वन्य प्राणी विभाग ने प्लानिंग की है। इसी कड़ी में एक ओर जोड़ा भिवानी लाया जा रहा है। ताकि भिवानी चिड़ियाघर में जंगली मुर्गों का भी कुनबा बढ़ सकें। 

करीब 12 साल तक जिंदा रहता है मुर्गे

जंगली मुर्गों की आयु औसतन 10 से 12 साल ही रहती है। ऐसे में नर मुर्गे की उम्र हो चुकी थी। वह बीमार हो गया था और बाद में उसकी मौत हो गई थी। वहीं मुर्गी की भी आयु बढ़ रही है। उसकी संख्या अब मात्र एक ही रह गई थी। इसलिए अब इनकी संख्या बढ़ाने पर विचार किया गया। 

क्यों कुफरी से ही लाए जा रहा है जोड़ा

केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण का नियम है कि एक से दूसरे चिड़ियाघर में वन्यप्राणी के बदले जा सकते है। हालांकि हरियाणा में कलेशर के जंगलों में जंगली मुर्गे है। साथ ही हरियाणा में पिंजोर के पास हरियाणा बिडिंग सेंटर भी है। जहां से मुर्गे तैयार कर जंगल में छोड़े जाते है। लेकिन नियम के अनुसार चिड़ियाघर केवल एक दूसरे से ही वन्यजीव ले सकते है। 

चिड़ियाघर में केवल एक मादा बची है

जंगली मुर्गे की प्रजाति को बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। भिवानी चिड़ियाघर में केवल एक मादा ही बची है। ऐसे में मुर्गा आने से इनकी संख्या बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है। इसके लिए हमने कुफरी जू प्रबंधन से बातचीत की है। उन्होंने एक जोड़ा देने की हामी भर ली है। जल्द ही हिमाचलप्रदेश से मुर्गे का जोड़ा भिवानी लाया जाएगा। 

- वेद प्रकाश, क्षेत्रिय अधिकारी, वन्यप्राणी विभाग, हिसार मंडल।

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