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World Milk Day 2022: मुर्राह भैंस बनेगी सैरोगेसी मदर, बढ़ेगा दूध उत्पादन, लुवास में जारी है शोध कार्य

World Milk Day 2022 मुर्राह नस्ल की भैंस भी सैरोगेसी मदर बन सकेगी। इसके लिए लुवास ने योजना तैयार कर ली है। जिसमें अच्छा दूध व स्वस्थ मुर्राह भैंस से जन्मे झोटे के सीमन से लैब में तैयार भ्रूण को दूसरी कम दूध देने वाले मुर्राह में लगा सकेंगे।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Tue, 31 May 2022 06:58 PM (IST)
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World Milk Day 2022: मुर्राह भैंस बनेगी सैरोगेसी मदर।
हिसार, [वैभव शर्मा]। अभी तक देसी गाय में भ्रूण प्रत्यारोपण को लेकर लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (लुवास) में शोध कार्य चल रहा है। प्रयोग सफल भी हुआ है और इस विधि से कई बछड़ियों ने भी जन्म लिया है। मगर देसी गाय के संवर्धन के साथ देशभर में मशहूर अधिक दूध देने वाली हरियाणा की मुर्राह नस्ल के जरिए देश में दूध की नदियां बहाने का सपना अब संजो लिया गया है।

जल्द ही मुर्राह नस्ल की भैंस भी सैरोगेसी मदर बन सकेगी। इसके लिए लुवास ने योजना तैयार कर ली है। जिसमें अच्छा दूध व स्वस्थ कदकाठी की मुर्राह भैंस से जन्मे झोटे के सीमन से लैब में तैयार भ्रूण को दूसरी कम दूध देने वाले मुर्राह में लगा सकेंगे। इसमें भी अच्छी गुणवत्ता के पशु की कमी है। जिनसे दुग्ध उत्पादन में हम सिरमौर बन सकते हैं।

हरियाणा में 70 लाख पशुधन 5.56

हरियाणा में 70 लाख पशुधन हैं। यहां दुधारू पशुधन देश की संख्या का 2.5 प्रतिशत है। इसके बावजूद हरियाणा 117.34 लाख टन का दूध का योगदान देता है, जो देश के कुल दूध उत्पादन का 5.56 प्रतिशत है। राज्य में दूध की उपलब्धता 1142 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है, जो कि राष्ट्रीय औसत के 394 ग्राम के मुकाबले कहीं अधिक है। पंजाब के बाद हरियाणा इसमें दूसरे स्थान पर है। जबकि दूध उत्पादन में हम छठवें पायदान पर हैं।

सीआइआरबी ने नस्ल सुधार कर बढ़ाया दुग्ध उत्पादन

केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान जब बना था तब हरियाणा में एक भैंस का औसत दूध 1600 लीटर था। सीआइआरबी के विज्ञानियों ने नस्ल सुधार पर काम कर अच्छी नस्ल तैयार की जिसके बाद यह 1600 से बढ़कर 2700 लीटर तक पहुंच गया है। यह कार्य लगातार जारी है।

दूध में मिलने वाले पोषक तत्व

दूध में प्रोटीन, वसा, कैलोरी, कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन बी-2, विटामिन बी-12, पोटेशियम, फास्फोरस, सेलेनियम आदि तत्व पाए जाते हैं।

पिछले पांच वर्षों में दूध उत्पादन और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता

वर्ष- दूध उत्पादन (लाख टन)- प्रति व्यक्ति प्रति दिन दूध की उपलब्धता (ग्राम)

2015-16- 83.81- 877

2016-17- 89.75- 930

2017-18- 98.09- 1005

2018-19- 107.26- 1087

2019-20- 117.34- 1142

दूध उत्पादन की वार्षिक बढ़ोतरी रेट

2015-16- 6.08

2016-17- 7.09

2017-18- 9.29

2018-19- 9.35

2019-20- 9.40

नोट- आंकडे प्रतिशत में हैं।

दुग्ध उत्पादन में पशुओं की विभिन्न नस्लों की भूमिका

गाय की विदेशी नस्ल (होलेस्टियन, जर्सी आदि) - 1.74

संकर नस्ल गाय- 12.87

देशी गाय (हरियाणा, साहिवाल आदि) - 3.12

गाय की नॉन डिस्क्रिप्ट नस्लें- 1.08

देसी नस्ल की भैंस (मुर्राह आदि)- 70.13

नॉन डेस्क्रिप्ट नस्लों की भैंस- 10.61

नोट- वर्ष 2019-20 के आंकड़े फीसद में रिकार्ड किए गए हैं। नान डिस्क्रिप्ट यानि वह नस्लें जिनकी पहचान नहीं हो सकी है।

हरियाणा में कुल वार्षिक दूध का उत्पादन

कुल गाय के दूध का उत्पादन- 2207 टन

कुल भैंस के दूध का उत्पादन- 9474 टन

बकरी के दूध का उत्पादन- 52 टन

कुल दूध उत्पादन- 11734 टन

सबसे अधिक दूध उत्पादन वाले जिले

हिसार- 879.30

कैथल- 765.04

जींद- 762.40

करनाल- 756.44

नोट- आंकडे टन में हैं।

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