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WWE में कविता दलाल की तरह अब और भारतीय छोरियां भी दिखाएंगी दमखम

सुपरस्टार कविता दलाल अकेली ही महिला हैं जो WWE में भारत देश का प्रतिनिधित्‍व कर रही हैं। वहीं अब अन्‍य लड़कियां भी इस फेहरिस्‍त में शामिल होने जा रही हैं। ट्रायल शुरू कर दिए गए हैं

By manoj kumarEdited By: Updated: Wed, 16 Jan 2019 04:32 PM (IST)
WWE में कविता दलाल की तरह अब और भारतीय छोरियां भी दिखाएंगी दमखम
रोहतक/जेएनएन। डब्ल्यूडब्ल्‍यूई रेसलिंग में अब भारतीय छोरियां भी दमखम दिखाएंगी। भारत की ओर से अब सुपरस्टार कविता दलाल अकेली ही महिला हैं जो WWE में देश का प्रतिनिधित्‍व कर रही हैं। वहीं अब कई अन्‍य लड़कियां भी इस फेहरिस्‍त में शामिल होने जा रही हैं। दरअसल कविता दलाल इंडिया मे भी रेसलिंग लीग शुरु करने जा रही है। बुधवार को वे हरियाणा के रोहतक में ट्रायल लेने पहुंची इस दौरान उनके साथ यूएसए के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। उन्‍होंने बताया कि रोहतक में मिनी ट्रायल लिया गया है, इसके बाद अप्रैल में मुंबई में मेन ट्रायल होगा।

इसके लिए इच्‍छुक खिलाड़ी 27 जनवरी तक डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यईपरफोरमेंससेंटर वेबसाइट पर आवेदन कर सकते हैं। ट्रायल के बाद मैच होंगे और इनमें प्रदर्शन के आधार पर डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूई में खेलने के लिए लड़कियों को चयन किया जाएगा। उन्‍हाेंने कहा हरियाणा और देश के पास एक सुनहरा मौका है की वो अपनी बेटियों को आगे लेकर जाएं। देश का मान बढ़ाने और करियर बनाने के इस अवसर को कोई न गवाएं तो सही होगा।

एकेडमी में निशुल्‍क मिलेगी कोचिंग

कविता दलाल ने कहा कि रोहतक में बेटियों के लिए वो अकेडमी शुरु करने जा रही हैं। बेटियों को निशुल्क कोचिंग दी जायेगी। बेटियों को आत्मरक्षा की कोचिंग लेनी चाहिए ताकि कोई उन्‍हें बुरी नजर से देखने से पहले कई बार सोचे। इसके अलावा बेटियों को इस तरह से तैयार किया जाएगा ताकि वो खेलों में भी उम्‍दा प्रदर्शन कर सकें।

विदेशियों को धुल चटा चुकी हैं कविता दलाल

डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूई रेसलर द ग्रेट खली से प्रेरित हो और उनसे प्रशिक्षण लेकर रिंग में उतरने वाली पहली भारतीय महिला कविता दलाल विदेशी पहलवानों को धुल चटा चुकी हैं। उन्‍हें राष्‍ट्रपति के अलावा प्रदेश के सीएम व कई महान दिग्‍गज समान्नित कर चुके हैं। जींद जिले के मालवी गांव की कविता दलाल समाज की दकियानुसी सोच को तोड़कर आगे बढ़ रही हैं और इस सफर में उनके पति भी साथ दे रहे हैं।

लोगों के ताने सहे, नहीं मानी हार

रोहतक में बातचीत करते हुए कविता दलाल ने कहा कि वो पांच भाई बहन हैं। घर के आर्थिक हालात ज्‍यादा ठीक नहीं थे। साल 2009 में उनकी शादी हो गई थी। 2012 में बच्‍चा भी हो गया। मगर खेल से पीछे हटने का वो मन बना चुकी थी। उन्‍होंने जब अपनी इस इच्‍छा को जाहिर किया तो परिवार से लेकर गांव के लोगों ने विरोध किया। मगर पति ने साथ दिया इसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अभ्‍यास कर रिंग में उतरने का फैसला लिया और अब विदेशी पहलवानों को पटकनी देने में लगी हूं।

साउथ एशियन गेम्‍स में जीता था स्‍वर्ण

कविता दलाल वेटपिफ्टर भी हैं, तो वहीं खली की जालंधर स्थित एकेडमी में पिछले दिनों ट्रायल हुए थे, जिसमें डब्ल्यूडब्ल्यूई के सदस्यों ने कविता सहित आठ पहलवानों का चयन किया। कविता को प्रोफेशनल कुश्ती में आए सिर्फ सात माह हुए हैं, लेकिन उसने अपनी प्रतिभा से सबको चौंका दिया है। रेसलिंग से पहले कविता वेट लिफ्टिंग में भी कई मेडल जीत चुकी हैं। फरवरी 2016 में साउथ एशियन गेम्स में कविता ने स्वर्ण पदक जीता था।

कुश्‍ती से अलग है WWE गेम, मनोरंजन भी जरूरी

कविता दलाल ने बताया कि डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूई गेम्‍स कुश्‍ती से अलग है। कुश्‍ती में दावपेज ही काम आते हैं। मगर इसमें मार सहन करने की शक्ति का होना जरूरी है। इतना ही नहीं यह भी देखना होता है कि खिलाड़ी दर्शकों को कितना मनोरंजित कर पाता है। इसलिए ट्रायल में दमखम के अलावा यह चीज भ्‍ाी देखी जाएगी।

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