हरियाणा सरकार से मांग पूरी होने के बाद आशा वर्कर खोलेंगी केंद्र के खिलाफ मोर्चा, 30 अक्टूबर को करेंगी दिल्ली कूच
73 दिनों के आंदोलन के बाद हरियाणा सरकार ने आशा वर्करों (Asha Workers) की मांगों को मान लिया है इसके बाद आशा वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर दी है। आशा वर्करों का कहना है कि उनकी कई मांगे ऐसी है जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा पूरा किया जाना है। इसके लिए वो 30 अक्टूबर को दिल्ली कूच करेंगी।
By Amit PopliEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Fri, 20 Oct 2023 06:38 PM (IST)
जागरण संवाददाता, झज्जर। बीते ढाई महीने से अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रही आशा वर्करों ने राज्य का अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। लेकिन, अब उन्होंने केंद्र सरकार के साथ मोर्चा खोल दिया है। आशा वर्करों का कहना है कि अभी उनकी कई मांगें हैं जिसे केन्द्र सरकार द्वारा पूरा किया जाना है। इसके लिए उन्होंने 30 अक्टूबर को दिल्ली कूच करने की तैयारी की है। आशा वर्करों का कहना था कि इस दिन देशभर की आशा वर्कर्स दिल्ली में जुटेंगी और अपनी मांगों को लेकर अब केन्द्र सरकार से दो-दो हाथ करेंगी।
30 अक्टूबर को दिल्ली कूच करने की तैयारी
आशा वर्करों ने कहा कि उन्हें पता है कि दिल्ली जाने से रोकने के लिए सरकार प्रयास करेगी। लेकिन वह सरकार को यह भी बताना चाहेंगी कि सरकार उन्हें जहां कहीं भी रोक दिया वहीं पर वह अपना पड़ाव डाल देंगी। उन्होंने हरियाणा से अपना आंदोलन वापस लिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि देरी से सही आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा और उनकी मांगें माननी पड़ी। आशा वर्करों का यह भी कहना था कि यह जीत सभी आशा वर्करों की जीत है। जिन्होंने बेहतर ढंग से अपने आंदोलन को पैनी धार दी और जिसके सामने सरकार को झुकना पड़ा। उन्होंने कहा कि 73 दिन के आंदोलन में उन्हें हर मोर्चे पर हर वर्ग का साथ मिला है।
ये भी पढ़ें: Charkhi Dadri News: दिल्ली जा रही बस में लगी भीषण आग, ड्राइवर की सूझबूझ ने बचाई 42 यात्रियों की जान
मांगे मानने को आशा वर्कर्स ने बताया आंदोलन की जीत
लंबे आंदोलन के बाद आखिरकार प्रदेश सरकार ने आशा वर्कर्स की मांगों को मान लिया है। मुख्यमंत्री के साथ बातचीत के बाद मिली जीत से आशा वर्कर्स में खुशी का माहौल है। इसको लेकर शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में आशा वर्कर्स फतेहाबाद में उपायुक्त कार्यालय के बाहर एकत्रित हुई और इसे संघर्ष की जीत बताया। इस अवसर पर आशा वर्कर्स यूनियन की नेताओं ने आशा वर्कर्स को बातचीत के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जिला मुख्यालय पर सभा के बाद आशा वर्कर्स द्वारा ड्यूटी ज्वाइन की गई।जिला सचिव ओमप्रकाश अनेजा ने कहा कि आशा वर्कर्स की मांगों पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई मांगों पर सहमति बनी है। जिसके बाद यूनियन ने 73 दिन से जारी हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने आशा वर्कर्स के मानदेय में 2100 रुपये की बढ़ोतरी की है। अभी तक राज्य में आशा वर्कर्स को फिक्स मानदेय 4000 मिलता था जो अब बढकर 6100 रुपये हो गया है। इसी प्रकार आशा वर्कर्स को रिटायरमेंट लाभ के रूप में 2 लाख रुपए मिलेगा। प्रोत्साहन राशियों में 1500 रुपये की बढ़ोतरी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है, उसे दिसंबर तक अप्रूव करवाने के लिए मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करेंगे।
ये भी पढ़ें: Haryana Group D Exam: हरियाणा सरकार ने ग्रुप डी परीक्षार्थियों के लिए लगाई 625 बसें, जानिए क्या रहेगा शेड्यूल
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।