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Jhajjar: पढ़ाई के दबाव में बुझ गया परिवार का इकलौता चिराग, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

झज्जर के आर्य नगर में रहने वाले एक छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रारंभिक जांच में पता चल रहा है कि परीक्षा के दबाव के चलते छात्र ने ये कदम उठाया है। बी फार्मा की पढ़ाई कर रहे छात्र के इस कदम के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने एफएसएल टीम के साथ घटनास्थल का मौका मुआयना करके साक्ष्य जुटाए।

By Rahul Kumar Tanwar Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 07 Feb 2024 09:18 PM (IST)
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पढ़ाई के दबाव में बुझ गया परिवार का इकलौता चिराग।

जागरण संवाददाता, झज्जर। शहर के आर्य नगर क्षेत्र में रहने वाले एक छात्र ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या की है। प्रारंभिक स्तर पर सामने आया कि इन दिनों में उसकी परीक्षाएं चल रही है, जिसे लेकर वह दबाव महसूस कर रहा था। मंगलवार की शाम उसने मानसिक तनाव के चलते ऐसा कदम उठाया है।

परीक्षा को लेकर था तनावग्रस्त

मृतक की पहचान वीर (20) पुत्र भूपेंद्र निवासी वार्ड नंबर 17 आर्य नगर के रूप में हुई हैं, पिता शिक्षक हैं। अस्पताल में आए स्वजनों ने बताया कि वीर अपनी 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करके बी-फार्मा कर रहा था। अभी उसकी परीक्षा चल रही थी, जिस वजह से वह कुछ अतिरिक्त तनाव में रहता था। जबकि, परिवार की ओर से कोई दबाव नहीं था। मंगलवार की देर शाम को उसने घर में खुद को अकेला पाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जब स्वजनों को घटना का पता चला तो घर में चीख पुकार मच गई। इधर, मामले की सूचना सिटी पुलिस को दी गई।

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जांच अधिकारी संदीप ने बताया कि जांच में सामने आया कि छात्र ने मानसिक तनाव के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या की हैं। पुलिस ने एफएसएल टीम के साथ घटनास्थल का मौका मुआयना करके साक्ष्य जुटाए। शव को अपने कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पिता भूपेंद्र के बयान के आधार पर इत्तफाकिया कार्रवाई की हैं, जिसके बाद स्वजनों को शव सौंप दिया गया।

स्वजनों और आस-पास के लोगों से खुलकर करें बात- शिक्षा अधिकारी

जिला शिक्षा अधिकारी राजेश खन्ना का कहना है कि परीक्षाओं का दबाव किसी भी स्तर पर उचित नहीं हैं। अगर कोई भी विद्यार्थी असहज महसूस करता है तो उसे अपने मित्रों और स्वजनों से खुलकर बात करनी चाहिए। पिछले कई सालों से तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी परीक्षा पे चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को सहज भाव से इन दिनों में बेहतर करने का मंत्र प्रदान करते आ रहे हैं। दरअसल, हमें समझना होगा कि दबाव का कुछ समय एकाएक ज्यादा असर डालता हैं। अगर वह किसी के परामर्श या बातचीत करते हुए बीत जाए तो अनहोनी को घटित होने से रोका जा सकता है।

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