'बाढ़ में लोग मर रहे थे, उधर CM के साहिबजादे की चल रही थी पार्टी', जब भजन लाल के इस्तीफे तक पहुंच गई थी बात
विधानसभा (Haryana Vidhansabha Election 2024) में अक्सर अलग-अलग मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष की बहस होती रहती है लेकिन एक बार सदन में ओम प्रकाश चौटाला और तात्कालीन मुख्यमंत्री भजन लाल के बीच तीखी बहस देखने को मिली थी। मामला यहां तक पहुंच गया था कि भजन लाल ने कहा था कि आरोपों की जांच की जाए और अगर जांच में सही साबित हुआ तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।
अमित पोपली, झज्जर। विधानसभा में अलग-अलग मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष की बहस होती रहती है, लेकिन एक बार विपक्ष में बैठे पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला ने ऐसे आरोप जड़ दिए कि तात्कालीन मुख्यमंत्री भजन लाल को कहना पड़ा कि मामले में कमेटी से जांच कराएं।
बात सच साबित हुई तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और गलत साबित हुई तो ओमप्रकाश चौटाला इस्तीफा दे दें। आखिर सदन में क्यों उठा था चंद्रमोहन के जन्मदिन का मुद्दा। विपक्षी दल ने क्या-क्या गंभीर आरोप लगाए और सत्ता पक्ष ने अपने बचाव में क्या कहा आइए जानते हैं इस राजनीतिक किस्से के बारे में...
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 1995 में भजन लाल की सरकार थी। सूबे में आई बाढ़ पर 28 सितंबर को सदन में चल रही चर्चा के दौरान ओपी चौटाला ने आरोप लगाया कि बाढ़ से लोग मर रहे थे, दूसरी तरफ पंचकूला के रेड बिशप में तात्कालीन सीएम के बेटे चंद्रमोहन के जन्मदिन की पार्टी चल रही थी, खुशियां मनाई जा रही थी। पार्टी में शराब परोसी जा रही थी और लड़कियों का डांस हुआ।यह भी पढ़ें: Haryana Election: चुनाव आयोग का बड़ा एक्शन, दिग्विजय चौटाला को भेजा नोटिस, आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ा है मामला
व्यक्तिगत आरोप पर भजन लाल ने कहा-13 तारीख को वाकई में जन्मदिन था। मैं पूजा पाठ करने नीचे आया तो देखा, 300 या 400 लोग वहां पर खड़े थे और बधाई दे रहे थे। मैं दिल्ली चला गया, लेकिन बाद में पता किया कि वहां चार बजे एक ऐसी पार्टी थी जिसमें बेसहारा लोगों को कपड़ा बांटा जाना था। वहां पर कोई भी पार्टी नहीं थी। एक ऐसा फंक्शन था जिसमें ब्लड डोनेशन की बात थी और शाम को गरीब लोगों को कपड़ा बांटने की बात थी, किंतु ये तो उसको भी पार्टी कहते हैं।
व्यक्तिगत आरोप पर भजन लाल ने कहा-13 तारीख को वाकई में जन्मदिन था। मैं पूजा पाठ करने नीचे आया तो देखा, 300 या 400 लोग वहां पर खड़े थे और बधाई दे रहे थे। मैं दिल्ली चला गया, लेकिन बाद में पता किया कि वहां चार बजे एक ऐसी पार्टी थी जिसमें बेसहारा लोगों को कपड़ा बांटा जाना था। वहां पर कोई भी पार्टी नहीं थी। एक ऐसा फंक्शन था जिसमें ब्लड डोनेशन की बात थी और शाम को गरीब लोगों को कपड़ा बांटने की बात थी, किंतु ये तो उसको भी पार्टी कहते हैं।
ब्लड डोनेशन का रचा था ढोंग: ओपी चौटाला
जवाब से अंसतुष्ट चौटाला ने पलटवार में वेयर हाउस बोर्ड के एक चेयरमैन का जिक्र करते हुए कहा- उसने मुख्यमंत्री के ‘साहबजादे’ को राजी करने के लिए ब्लड डोनेशन का ढोंग रचा था। अगर ऐसा नहीं था तो सीएम का बेटा स्वयं इस हाउस में बैठा है, वह बताए कि क्या इसने ब्लड दिया या नहीं दिया? फिर से अपनी बात दोहराते हुए कहा-रेड बिशप के अंदर दो हजार लोगों की पार्टी की थी।
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वहां पर शराब ही नहीं चलीं, बल्कि मैं हाउस के अंदर ओन ओथ कह रहा हूं - वहां लड़कियों का डांस भी हुआ है, लड़कियां नचाई गई है। यह रिकॉर्ड की बात है, रिकॉर्ड मंगवा कर देखिए। जिस पर तात्कालीन सीएम ने कहा - मैं इनका चैलेंज कबूल करता हूं, हाउस की कमेटी बनाए, वह जांच करें, अगर 8 बजे के बाद लड़कियां नाचने के वक्त मेरा बेटा वहां होगा तो मैं इस्तीफा दे दूंगा या यह इस्तीफा दे दें। जिसके बाद सदन में शोर हो गया।
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