Haryana Lok Sabha Elections 2024: ...जब संसद में जगदेव सिंह ने पाकिस्तान को लेकर उठाई थी राष्ट्रीय सुरक्षा की आवाज
हरियाणा में 18वीं लोकसभा के लिए 25 मई को मतदान होगा। कई मुद्दों में से राष्ट्रीय सुरक्षा मु्द्दा हर आम चुनाव में हावी होता है। 2014 और 2019 के चुनावों में हमें इसकी झलक देखने को मिली। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि 2024 के चुनाव में भी ये मुद्दा दिख सकता है। आज के लेख में हम ऐसे ही एक सांसद के बारे में बता रहे हैं।
अमित पोपली, झज्जर। 1965 की लड़ाई ने भारत को यह भी विश्वास दिलाया कि अब जंग को जीता जा सकता है। इसके बाद बांग्लादेश, कारगिल की लड़ाई और बालाकोट में एयरस्ट्राइक का अंजाम हम सभी जानते हैं। बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) को 5 साल से ज्यादा का समय हो चुका है।
जिसके बाद पड़ोसी मुल्क सिर्फ मन मसोसकर रह जाने के अलावा और कुछ नहीं कर सका था। आज हमारे यहां 18 वीं लोकसभा के लिए चुनाव प्रचार शुरू हो चुका हैं। अगर फ्लैशबैक में जाकर देखें तो बात 30 मार्च 1966 के दिन लोकसभा में चल रहे सत्र की है।
जिसमें झज्जर से तीसरे सांसद जगदेव सिंह सिद्धांती (Jagdev Singh Siddhanti) (1962-67) ने पाकिस्तान (Pakistan News) के रवैये और उस पर भरोसा करने की प्रवृत्ति को डोगराई मोर्चा से वापिस लौटने के बाद संसद सत्र के दौरान कुछ इस तरह से कहा कि मानों वे पाकिस्तान को लेकर तत्कालीन समय में भविष्यवाणी कर रहे हों।
रिकार्ड के मुताबिक ‘हम को पाकिस्तान का बिल्कुल भरोसा नहीं करना चाहिए। पाकिस्तान के ऊपर भरोसा करना हमारे लिए भयंकर सिद्ध होगा। अगर तिलों में आप अपने हाथ को तेल लगाकर डालें और जितने तिल आपके हाथ पर लग जाए, उतनी बार भी आप पाकिस्तान का भरोसा मत करो।
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तेल में हाथ देकर फिर तिलों में दे दो और जितने तिल हाथ पर लगते जाएं उतनी बार भी पाकिस्तान का भरोसा मत करो। ‘राष्ट्र धर्म से बात जोड़ते हुए कहा कि जैसे हो शत्रु को कुचल दो। बिल्कुल उसके ऊपर आपको रहम नहीं करना चाहिए।
इतिहास यह बताता है कि जब-जब हमने इस तरह की भूल की है तब-तब हमारे साथ यह हुआ है। अंत में मैं यहीं कहना चाहता हूं कि सेना को जितना आप बलशाली बनाएंगे उतना ही राष्ट्र का भला होगा। जय जवान जय किसान से बात को जोड़ते हुए उन्होंने स्टैंडिंग सेना 50 लाख करने की बात कही थी।प्रताप सिंह दौलता को हराकर पहुंचे थे संसद में जगदेव (1900-1979) का जन्म जिला के गांव बरहाना में हुआ था। सेना में चार साल के कार्यकाल के बाद, उन्होंने सिद्धांत भूषण की डिग्री प्राप्त की और संस्कृत और वेदों के विद्वान बन गए। 1962 में संसद सदस्य के रूप में झज्जर का प्रतिनिधित्व किया। कांग्रेस से प्रताप सिंह दौलता को नजदीकी मुकाबले में हराकर वह संसद में पहुंचे थे।
उन्होंने हरियाणा राज्य के निर्माण में प्रमुख भूमिका भी निभाई। तीन पेज के संबोधन में राष्ट्र के प्रति दिखी गंभीरता महाभारत और रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि प्राचीन काल में 150 प्रकार के अस्त्र शस्त्रों का वर्णन मिलता है।
प्राचीन समय में ब्रह्मास्त्र जैसे हमारे यहां अनेकों प्रकार के अस्त्र होते थे। जब तक हम इनका निर्माण अपने यहां नहीं करेंगे, तब तक हम राष्ट्र की रक्षा करने में समर्थ नहीं हो सकेंगे। तीन पेज के संबोधन में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े तमाम ऐसे पहलुओं का जिक्र गंभीरता से किया गया है, उससे उनकी दूरदर्शिता साफ दिखाई देती है।यह भी पढ़ें: Haryana Lok Sabha Election 2024: 25 मई को होनी है वोटिंग, हरियाणा पुलिस के DGP ने तैयारियों को लेकर दी ये बड़ी जानकारी
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