Jhajjar News: दिवाली को लेकर एंबुलेंस चालकों की छुट्टियां रद्द, 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगे स्वास्थ्य और अग्निशमन विभाग
दिवाली में किसी अनहोनी या आपातकाल से तत्काल निपटने के लिए अग्निशमन और स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। इसके चलते 24 घंटे के लिए 24 एंबुलेंस को हाई अलर्ट मोड पर रखा गया है। साथ ही अस्पताल में ट्रामा सेंटर के मरीजों को पहले देखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं सीएमओ ने लोगों से नशा मुक्त दिवाली मनाने की अपील की है।
By Rahul Kumar TanwarEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Sat, 11 Nov 2023 03:20 PM (IST)
जागरण संवाददाता, झज्जर। दिवाली को लेकर तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही हैं। त्योहारी पर्व पर आग और दुर्घटना की स्थिति को काबू में करने के लिए अग्निशमन विभाग पूरी तरह से तैयार हैं तो इधर स्वास्थ्य विभाग ने भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी सुविधाएं अस्पताल में दुरुस्त कर दी हैं। आतिशबाजी से कोई दुर्घटना होने की स्थिति के लिए सिविल अस्पताल में बर्न मरीज के लिए 05 बेड और बहादुरगढ़ अस्पताल में 10 बेड आरक्षित कर लिए गए हैं। साथ ही ड्यूटी स्टाफ और चिकित्सकों को हाई अलर्ट मोड पर रखा हुआ हैं।
फिलहाल दीये की आग, पटाखों से घायल होने वाले लोगों सहित किसी भी तरह की आगजनी से नुकसान से बचाव के लिए जिला के सभी अस्पतालों में आवश्यक दवाइयों की खेप पहुंचा दी गई है। आपातकालीन वार्ड में इलाज के लिए आवश्यक सभी सामान की व्यवस्था कर ली गई है। सिविल अस्पताल में तीसरी मंजिल पर बर्न मरीज के लिए 05 बेड की व्यवस्था की गई हैं। इसके अलावा अन्य विभिन्न बीमारियों से संबंधी दवाइयों की व्यवस्था भी की है।
हाई अलर्ट मोड पर रहेगी 24 घंटे 24 एम्बुलेंस
दीपावली पर्व पर अक्सर अस्पताल में पटाखों से झुलसे हुए लोग इलाज के लिए आते हैं। इसमें कुछ मामले आपसी लड़ाई-झगड़े के भी होते हैं। ऐसी अवस्था में मरीज की सुविधा को देखते हुए झज्जर, बहादुरगढ़ में 24 एम्बुलेंस को हाई अलर्ट मोड पर रखा गया हैं। साथ ही एम्बुलेंस चालकों की छुट्टी और रेस्ट को भी रद्द कर दिया गया है।
ट्रामा सेंटर के मरीजों को पहले देखे चिकित्सक
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में अधिकतर ट्रामा सेंटर से संबंधित मरीज इलाज के लिए आते हैं, इसमें सड़क दुर्घटना से संबंधित घायल मरीज अधिक होते हैं। जिन्हें गंभीर हालत के चलते रोहतक ट्रामा सेंटर के लिए रेफर किया जाता हैं। अस्पताल में सड़क दुर्घटना में घायल हुए मरीज को पहले देखने व उसका इलाज करने के चिकित्सकों को आदेश भी दिए गए हैं, जिससे उन्हें समय रहते सभी सुविधाएं मिल सके।ये भी पढ़ें: Panipat News: 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके
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