Manu Bhaker: टोक्यो ओलिंपिक के बाद डिप्रेशन से गुजरीं मनु भाकर, गीता पढ़कर खुद को संभाला, बताया कैसे तनाव से मिली मुक्ति
हरियाणा की बेटी मनु भाकर (Manu Bhaker) ने पेरिस ओलिंपिक (Paris Olympics 2024) में भारत के लिए पहला मेडल जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया है। 22 साल की मनु अपने खेल की वजह से पूरी दुनिया में छा गई हैं। मनु ने बताया कि टोक्यो ओलिंपिक के बाद वह डिप्रेशन से गुजरीं हैं। उन्होंने गीत पढ़कर खुद को तनाव से दूर रखा।
तकनीकी गड़बड़ी का करना पड़ा सामना: मनु
मनु घर की छोटी-छोटी एक्टिविटी में करती हैं एन्जॉय
परिवार के सदस्य भी उसे गेम को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कहते। क्योंकि, वह अपने खेल में परिपक्व है। परिवार से सभी उसे शांत मन से अपना नेचुरल गेम खेलने के लिए प्रेरित करते हैं। मनु को पढ़ने के अलावा योग एवं घुड़सवारी काफी पसंद है। घर की छोटी-छोटी एक्टिविटी में जब भी उसे समय मिलता है, वह उसे एन्जॉय करती है।मनु का टीवी पर लाइव मैच नहीं देखते माता-पिता
मनु का .22 बोर का लाइसेंस बना था दो माह के संघर्ष के बाद
मनु के शूटिंग से जुड़ने के बाद की यह बात करीब सात साल पहले की है। जब उन्हें एशियाई युवा खेलों में हिस्सा लेने के लिए विदेश जाना था। .22 बोर की पिस्तौल का लाइसेंस लेने के लिए करीब दो माह से अधिक समय तक प्रशासनिक स्तर पर संघर्ष करना पड़ा। कारण तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर छुट्टी पर थे और उनकी अनुपस्थिति में जिस एडीसी को लाइसेंस देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। तकनीकी अड़चनों की वजह से हालात ऐसे आन बनें कि पूरे परिवार को काफी परेशान होना पड़ा। दो माह से अधिक समय के बाद आखिरकार उनके प्रयास सफल हुए और युवा निशानेबाज लाइसेंस पाने में सफल हुईं। उस दौरान मनु ने कहा था, वह जब किसी दिन अंतरराष्ट्रीय पदक जीतेगी और उन सभी के लिए बयान जारी करेगी, जिन्होंने उसकी ओर से आंखें मूंद ली हैं। ओलिंपिक में पदक जीतने के बाद मनु भाकर को आज किसी तरह की पहचान और बयान जारी करने की शायद कोई जरूरत नहीं है।मनु भाकर की उपलब्धियां
- श्रेणी : मेडल
- ओलिंपिक : 1
- एशियन गेम्स : 1
- वर्ल्ड कप : 11
- यूथ ओलिंपिक गेम्स: 2
- ईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप : 5
- कॉमनवेल्थ गेम्स : 1
- साल 2017 में मनु ने केरल में नेशनल चैंपियनशिप में नौ स्वर्ण पदक जीतकर नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया
- 2017 में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में भाकर ने रजत पदक अपने नाम किया
- मैक्सिको के गुआदालाजरा में 2018 अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स शूटिंग वर्ल्ड कप के 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में दो बार के चैंपियन अलेजांद्रा ज़वाला को हराया। इस जीत से वे वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय बन गईं।
- 2018 में आइएसएसएफ जूनियर विश्व कप में भी दो स्वर्ण पदक जीते।
- 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता, अपने स्कोर के साथ साथ उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में एक नया रिकार्ड भी स्थापित किया
- मई 2019 में, मनु ने म्यूनिख आइएसएसएफ विश्व कप में चौथे स्थान पर रहने के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में 2021 टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया
- अगस्त 2020 में मनु भाकर को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक वर्चुअल पुरस्कार समारोह में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।
यह भी पढ़ें: Manu Bhaker Networth: करोड़पति हैं 22 साल की मनु भाकर, सरकार ने ट्रेनिंग पर खर्च किया है पैसा; जानिए कितनी है नेटवर्थमनु निजी जीवन में भी चैंपियन है, उसने कभी हार नहीं मानीं। अपने करियर में 10 से ज्यादा खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर चुकी है। पढ़ाई को लेकर भी काफी गंभीर है। मनु ने पूरे परिवार को देश में एक विशेष पहचान दिलवाने का कार्य किया है। सुमेधा भाकर, मनु की मां
बेटी ने हमेशा ही गौरवांवित किया है। देश के करोड़ों लोगों की प्रार्थना का यह परिणाम है कि मनु भाकर मेडल लेकर आई है। भगवान ने उसे माध्यम बनाया, आज सभी की शुभकामनाएं मिल रही हैं। इसके लिए सभी का हार्दिक आभार। राम किशन भाकर, पिता