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NEET Exam झज्जर के तीन होनहारों की मिली कामयाबी, 720 में 720 अंक किए हासिल

नीट परीक्षा का रिजल्ट आ गया है। नीट की परीक्षा में झज्जर के तीन विद्यार्थी हरियाणा के चार टापर्स की उस सूची में शामिल है। जिन्होंने 720 अंक प्राप्त करते हुए पहला रैंक प्राप्त किया है। तीनों टॉपर्स में से अंजली और प्रतीक ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है और कृष पिछले करीब 10 माह से कोचिंग ले रहा है।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Thu, 06 Jun 2024 02:27 PM (IST)
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झज्जर के तीन होनहार बने नीट की परीक्षा में टॉपर्स (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, झज्जर। खेती-किसानी से जुड़ी झज्जर की पहचान को अब यहां के होनहारों के बूते देश भर में नया मुकाम हासिल होने लगा है। पिछले दिनों सिविल सेवा की परीक्षा में अकेले झज्जर जिला से सात उम्मीदवारों को सफलता प्राप्त हुई थी।

अब नीट की परीक्षा में झज्जर के तीन विद्यार्थी हरियाणा के चार टापर्स की उस सूची में शामिल है। जिन्होंने 720 अंक प्राप्त करते हुए पहला रैंक प्राप्त किया है। टॉपर अंजली के पिता फौज में हैं, प्रतीक के पिता प्राइमरी शिक्षक और होनहार कृष के पिता मोबाइल ठीक करने के कारीगर हैं।

अंजली और प्रतीक ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। कृष पिछले करीब 10 माह से कोचिंग ले रहा है। तीनों की मां गृहिणी हैं जिन्होंने घर पर अपने होनहारों को पढ़ाई के लिए आदर्श माहौल मुहैया कराते हुए सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। साथ ही दूसरों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

दादा फौज से रिटायर कैप्टन, पिता कर रहे सीमा पर देश सेवा

बारहवीं में 95.4 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली अंजली ने ना तो अलग से कोचिंग ली और ना ही कोई सैशन ब्रेक किया। खातीवास स्थित संस्कारम पब्लिक स्कूल से मिली कोचिंग और स्टाफ की गाइडेंस से वह ऐसा कर पाई हैं। अंजली के पिता विकास आर्मी में है और अरूणाचल प्रदेश में पोस्टिंग हैं। दादा फौज से रिटायर कैप्टन हैं।

सेना की पृष्ठभूमि वाले परिवार की नई खेप ने डाक्टर बनने का जो सपना देखा था उसे पहले ही प्रयास में पहले रैंक के साथ पूरा करने के लिए कदम बढ़ा दिया है। बड़ी बहन के परिणाम को देख छोटी बहन ने भी नीट की तैयारी शुरु कर दी है।

पहली रैंक लाने वाली अंजलि ने बताया कैसे की थी तैयारी

नीट की परीक्षा में पहली रैंक लाने वाली अंजलि ने बताया कि तैयारी अच्छी थी, नंबर भी अच्छे आने की उम्मीद थी लेकिन पहला रैंक आएगा ऐसा नहीं सोचा नहीं था। रिजल्ट आया तो फिर सपने जैसा लगा। अंजलि ने कहा कि इसका श्रेय परिवार के सदस्यों और स्कूल स्टाफ को जाता है।

उन्होंने कहा कि एम्स से पढ़ाई करने का मन है। कार्डियोलाजिस्ट के रूप में करियर बनाना है। जब तक एडमिशन नहीं होता रूचि के अनुसार समय का सदुपयोग करूंगी।

सरकारी संस्थान में दाखिला लेने का पिता से वादा कृष ने किया पूरा

खेड़ी होशदारपुर के साधारण परिवार से संबंध रखने वाले कृष के पिता धमेंद्र की पालिका बाजार में मोबाइल की दुकान है। पढ़ाई में शुरु से होनहार कृष ने झज्जर की दी हाइट संस्था में पढ़ाई करते हुए पहला प्रयास किया तो रैंक उसकी मर्जी के मुताबिक नहीं आ पाया।

गुरु नविंद्र कुमार के मार्गदर्शन और परिवार से मिले विश्वास के बाद कृष ने वादा किया था कि वह सरकारी संस्थान से एडमिशन लेकर दिखाएगा। पिता धर्मेंद्र ने बेटे कृष पर भरोसा जताया और उसे एक साल कोचिंग के लिए समय दिया। घोषित हुए परीक्षा परिणाम में कृष ने पहला रैंक प्राप्त किया है।

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कंसेप्ट क्लीयर करने के बाद आगे बढ़ता है प्रतीक

गांव ढाकला के आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ते हुए आनलाइन कोचिंग के साथ पहले ही प्रयास में पहला रैंक प्राप्त करने वाले प्रतीक की खास बात यह है कि वह कंसेप्ट को क्लीयर करते हुए अपनी पढ़ाई करते हैं। रेवाड़ी के कापड़ीवास में बतौर प्राइमरी शिक्षक सेवा दे रहे पिता जसबीर ने बताया कि प्रतीत के बुआ का बेटा भी मेडिकल अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है जिसे देखकर उसे इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।

कोचिंग के दौरान भी जब आनलाइन टैस्ट सीरिज होती थी तो उसके 700 से ज्यादा अंक आते थे। बारहवीं में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले प्रतीक की इच्छा है कि वह अच्छा चिकित्सक बनकर ताउम्र देश की सेवा करें।

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