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सरकारी स्कूलों पहली से 5वीं कक्षा तक के विद्यार्थी बन रहे रामलीला मंचन हिस्सा, स्टाफ कर पोशाक की व्यवस्था

हरियाणा के राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में 11 नवंबर को बाल रामायण प्रतियोगिता की तैयारियों के रंग खूब देखने को मिल रही है। स्कूलों में सुविधा के हिसाब से कहीं पर मैदान में तो कही पर प्रार्थना वाले मंच है। बाल विद्यार्थियों के साथ शिक्षक अपना हुनर दिखा रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Naveen DalalUpdated: Wed, 09 Nov 2022 03:27 PM (IST)
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हरियाणा में 11 नवंबर को राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में होगी बाल रामायण प्रतियोगिता।

झज्जर, अमित पोपली। अक्सर कहा जाता है कि कला जन्मजात होती है। कलाकार की कोई उम्र नहीं होती। बचपन से वृद्धावस्था तक कलाकार अपनी कला का लोहा मनवाते हैं। मंच चाहे कैसा भी हो, उम्र कितनी भी हो, जज्बा कलाकारों का कभी कम नहीं होता। इसकी जीती जागती मिसाल इन दिनों में राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में 11 नवंबर को होने वाली बाल रामायण प्रतियोगिता की तैयारियों के दौरान खूब देखने को मिल रही है।

अलग-अलग स्कूलों में सुविधा के हिसाब से कही पर मैदान में तो कही पर प्रार्थना वाले मंच पर या फिर किसी कक्ष में बाल विद्यार्थियों के साथ शिक्षक अपना हुनर दिखा रहे हैं। कोई विद्यार्थी उत्साह के साथ भगवान श्री राम तो कोई भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण का किरदार निभा रहा है। स्कूल में आने वाले एक ही परिवार के बच्चों में कोई भगवान श्री राम की सेना में तो कोई रावण की सेना में डटा हुआ है।

विद्यार्थियों द्वारा इस्तेमाल में लाई जा रही पोशाक सहित अन्य सामान की व्यवस्था स्टाफ द्वारा स्वयं की गई है। विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का व्यवस्था बनाने में सहयोग लिया जा रहा है। कोई अतिरिक्त दबाव नहीं है। कुल मिलाकर, निपुण हरियाणा मिशन के तहत होने वाली इस प्रतियोगिता के लिए स्कूलों में बढ़िया ढंग से माहौल बना हुआ है। रामलीला मंचन में हिस्सा ले रहे विद्यार्थी बड़े उत्साह के साथ स्कूल पहुंच रहे हैं। बता दें केवल पहली से पांचवीं कक्षा के छात्रों को ही शामिल किया गया है ।

292 स्कूलों में होगा प्रतियोगिता का आयोजन

निपुण हरियाणा मिशन के जिला नोडल अधिकारी डा. सुदर्शन पूनिया के मुताबिक बच्चों को शुद्ध उच्चारण और रोल प्ले के जरिये संवाद दक्षता में निपुण बनाने तथा रामायण के पात्रों के जरिए उनमें नैतिक और बौद्धिक स्तर को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है। 11 नवंबर को जिला के अंतर्गत आने वाले 292 प्राथमिक विद्यालयों में प्रतियोगिता का आयोजन होगा। बाल रामायण के पात्रों और उनके रोल की जानकारी भी बच्चों और अध्यापकों के साथ साझा की गई है।

26 अक्टूबर से 10 नवंबर तक रामायण के पात्रों और उनके किरदार की रिहर्सल करने के आदेश हैं। जिसके बाद सभी स्कूलों में रामलीला मंचन की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। अध्यापकों को रामलीला मंचन की तीन से चार मिनट की वीडियो बनाकर इसे ट्विटर और फेसबुक पर भेजने के निर्देश दिए हैं। प्रतियोगिता में बाल रामायण का जो मंचन सबसे अच्छा होगा, उसे निपुण हरियाणा के आधिकारिक ट्विटर और फेसबुक पेज पर प्रचारित और प्रसारित किया जाएगा।

पाठ्यक्रम में शामिल है बाल रामायण

बता दें कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड में कक्षा छठी में हिंदी पाठ्यक्रम में बाल रामायण लागू की गई है, ताकि बच्चों में भाषा शिक्षण के प्रति रुचि पैदा हो। अनुभव से सीखने का अवसर मिले और भाषा के कौशल को भी समझने में मदद मिलें।

जन्माष्टमी और रामलीला की बाल पोशाकों का हो रहा इस्तेमाल

बता दें कि सामाजिक सद्भाव के साथ हो रहे इस तरह के आयोजन में गांव स्तर पर मंदिर एवं रामलीला कमेटियों से संपर्क करते हुए बच्चों के लिए पोशाक आदि की व्यवस्था की गई है। डा. सुदर्शन पूनिया बताते है कि प्राय: गांव में जन्माष्टमी एवं रामलीला का मंचन बड़े उत्साह के साथ प्रतिवर्ष होता है। धार्मिक कार्यों में जुड़ी कमेटियों के पास इस तरह की पोशाक वगैराह उपलब्ध रहती है। जिनका सदुपयोग बच्चों द्वारा किया जा रहा है।