क्रिकेट का उभरता सितारा है यशवर्धन दलाल, 8 साल की उम्र में लगा दिया था पहला शतक; अब रचा इतिहास
हरियाणा के यशवर्धन दलाल ने अंडर 23 सीके नायडू ट्रॉफी में इतिहास रच दिया है। उन्होंने मुंबई के खिलाफ नाबाद 400 से ज्यादा रन बनाए हैं। इस पारी में उन्होंने 46 चौके और 12 छक्के लगाए। यशवर्धन के इस प्रदर्शन ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया है। वह सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। यशवर्धन के पिता शैलेंद्र निजी कंपनी में काम करते हैं और माता गृहिणी हैं।
अमित पोपली, झज्जर। साढ़े पांच साल की छोटी सी उम्र में क्रिकेट स्टेडियम की दहलीज पर कदम रखने वाले शहर के आर्य नगर निवासी यशवर्धन दलाल ने करीब आठ साल की उम्र में ही अपना पहला शतक जड़ दिया था।
हरियाणा की ओर से जुलाई माह में अंडर 23 की टीम में चयन से पहले के पांच मैचों में अधिकतम 270 के स्कोर के साथ दलाल ने 650 रन बनाए थे। कोच नवीन सैनी के मुताबिक होनहार यशवर्धन दलाल के रन बनाने की यह भूख कोई नई नहीं है।
इंटरनेट मीडिया पर छा गए हैं यशवर्धन दलाल
बता दें कि हरियाणा और मुंबई के बीच शनिवार को खेले गए मैच में दमदार खिलाड़ी यशवर्धन दलाल ने इतिहास रच दिया है, उन्होंने अंडर 23 सीके नायडू ट्रॉफी के मुकाबले में नॉट आउट 400 से ज्यादा रन बनाए हैं, 46 चौके और 12 छक्कों की इस पारी की वजह से अब वे इंटरनेट मीडिया पर भी छा गए हैं।एक साधारण परिवार से संबंध रखने वाला क्रिकेटर यशवर्धन दलाल खेल विभाग की नर्सरी से बड़ा हुआ वह पौधा है, जिसमें देश का भविष्य भी दिखने लगा है। यशवर्धन के पिता शैलेंद्र निजी कंपनी में काम करते हैं और माता गृहिणी है।
परिवार की तपस्या के साथ कोच नवीन सैनी ने उनका पहले दिन से पूरा साथ दिया है। अकादमी में ध्यान रखने से उसे घर तक छोड़ने की जिम्मेदारी भी कोच नवीन सैनी ने कई साल तक निभाई हैं। जिसके बूते वह आज इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं।
कोच के घर सुबह पैदल पहुंचा जाता था यशवर्धन
देखा जाए तो क्रिकेट में रिकार्ड बनते और टूटते रहते हैं, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट में भी यह देखने को मिलता है। कड़ी मेहनत और लग्न के साथ कोच की हर बात को समझने वाले यशवर्धन की इस पारी ने पूरे झज्जर को एकाएक देश में नई पहचान दिलाई हैं।
इसकी शुरूआत उस समय से हुई जब सुबह करीब साढ़े 5 बजे आधा किलोमीटर पैदल चलते हुए यशवर्धन अपने कोच नवीन सैनी के घर स्टेडियम जाने के लिए पहुंच जाता था। फिर 9 बजे तक स्टेडियम में कड़ा अभ्यास करने के बाद घर वापस लौटता और फिर स्कूल जाता। स्कूल से आने के बाद शाम को फिर स्टेडियम में अभ्यास करता। फिलहाल, वह रोहतक के कालेज में पढ़ाई कर रहा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मेहनत के आगे फीका लगता है सभी कुछ
यशवर्धन दलाल के खेल को लेकर कोच नवीन सैनी का कहना है कि वैसे तो वह लंबे समय तक खेलना पसंद करता है। फेवरेट शाट की बात करें तो स्पिनर पर आर्म पुल बहुत अच्छा मारता है। बड़ी बात यह है कि अनुशासित रहता है। अपने शानदार खेल और अनुशासन की वजह से ही क्रिकेट की चयन समिति से जुड़े अनिरुद्ध चौधरी एवं देवेन राठी भी उसके खेल और खेल से जुड़ी जरूरतों पर खास ध्यान रखते हैं। बता दें कि यशवर्धन दलाल हरियाणा से अंडर 14, 19 और 23 का हिस्सा बन पाया है।शुक्रवार को कोच नवीन सैनी की जब उससे बात हुई तो उस दौरान भी यह कहा कि जो 14 से 15 साल की मेहनत है, अभी उसी ने काम करना है। परिवार से पिता के अलावा मां कमलेश छोटी-छोटी बात पूछती रहती है, खान-पान से लेकर उसकी जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान देती है। कहा जा सकता है कि इसकी मेहनत के आगे सभी कुछ फीका सा लगता है। यह भी पढ़ें- Lizelle Lee ने गर्दा उड़ा दिया... 75 गेंद पर ठोके नाबाद 150 रन, WBBL में रचा नया इतिहास; मंधाना-हैरिस को पीछे छोड़ाव्हाटसएप पर बोला लव यू पापा
यशवर्धन केपिता शैलेंद्र दलाल ने बताया कि वह बेटे का मैच नहीं देखतें, लेकिन हमेशा यही कहते है कि जीवन में बेहतर के लिए मेहनत करनी है। 400 से ज्यादा रन बनाने के बाद उसे शाबाश बेटा का मैसेज भेजा था, जिसके बाद उसने लव यू पापा कहा है। यह भी पढ़ें- डाकघरों में तत्काल टिकटों का खेल, विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई, लाइन में लगने के बाद भी क्यों नहीं मिलता टिकट? जानिए कैसे होता है खेला