हरियाणा के इस जिले में अब नहीं चलेंगी 10 साल पुरानी स्कूल बसें, महेंद्रगढ़ हादसे के बाद प्रशासन का बड़ा फैसला
हरियाणा में जींद जिले के प्रशासन ने एक बड़ा फैसला करते हए स्कूल संचालकों को यह आदेश दिया है कि अब जिले में 10 साल पुरानी स्कूल बसें नहीं चलेंगी। सरकार द्वारा बनाई गई सुरक्षित स्कूल वाहन नीति का पालन करना होगा। डीसी ने कहा कि 10 साल पुरानी बस का एनओसी कराकर उसे एनसीआर से बाहर बेचा जा सकता है।
जागरण संवाददाता, जींद। (Haryana Hindi News) सड़क सुरक्षा समिति की मंगलवार को डीसी मोहम्मद इमरान रजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्कूल संचालकों को भी बुलाया गया। बैठक में डीसी ने स्कूल संचालकों से कहा कि किसी भी सूरत में 10 साल से पुरानी स्कूल बस को जींद जिले में नहीं चलने दिया जाएगा। जिन स्कूलों के पास 10 साल पुरानी बस है। वो एनओसी बनवा कर एनसीआर से बाहर बेच सकते हैं।
डीसी ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर स्कूली वाहनों के लिए सड़क सुरक्षा एवं सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी सरकार द्वारा बनाई गई है। इसके तहत विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर स्कूली वाहनों में जरूरी उपकरण और अन्य व्यवस्थाएं होना जरूरी है।
उन्होंने सभी निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों को निर्देश दिए कि वे स्कूली वाहनों में सड़क सुरक्षा और सुरक्षित स्कूल वाहन पोलिसी की पालना करें। आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी भी स्कूल के संचालक को नियमों की अवहेलना करने की छूट नहीं है। बता दें कि जिले में करीब 900 स्कूल बस हैं।
जुलाना के निजी स्कूल में अभिभावकों से बात करती शिक्षा विभाग की टीम। जागरण
जिनमें से 50 से ज्यादा बसें 10 साल से ज्यादा पुरानी हैं। जो पुरानी बसें हैं, वे ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के निजी स्कूलों के पास हैं। कम बजट के चक्कर में निजी स्कूल संचालक पुरानी बसें खरीद लेते हैं। जो मानकों पर खरा नहीं उतरती हैं। इन बसों में निर्धारित सीट की तुलना में विद्यार्थी भी ज्यादा बैठाए जाते हैं। ऐसे में इन स्कूलों की दिक्कत बढ़ेगी।
यह भी पढ़ें: Ambala Crime News: शादी से लौटा परिवार तो घर में रस्सी से लटका मिला बेटे का शव, अब जताई इस बात की आशंकामहेंद्रगढ़ में हुई हादसे के बाद से प्रशासन ने मानदंडों को पूरा नहीं करने वाली बसों पर सख्ती बरतनी शुरू की है। तभी से कई निजी स्कूल बंद हैं और सरकार व प्रशासन की जो सख्ती चल रही है, उसके शांत होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग की टीमें भी स्कूलों में जाकर सुरक्षा व्यवस्था देख रही हैं।
जुलाना में खंड शिक्षा अधिकारी की टीम ने निजी स्कूलों में शिक्षकों व अभिभावकों के साथ बैठक की। अभिभावकों को सुरक्षा नियमों के बारे में बताते हुए कहा कि अगर स्कूल नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसकी जानकारी टोल फ्री नंबर पर दें।
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