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हरियाणा के इस जिले में अब नहीं चलेंगी 10 साल पुरानी स्कूल बसें, महेंद्रगढ़ हादसे के बाद प्रशासन का बड़ा फैसला

हरियाणा में जींद जिले के प्रशासन ने एक बड़ा फैसला करते हए स्कूल संचालकों को यह आदेश दिया है कि अब जिले में 10 साल पुरानी स्कूल बसें नहीं चलेंगी। सरकार द्वारा बनाई गई सुरक्षित स्कूल वाहन नीति का पालन करना होगा। डीसी ने कहा कि 10 साल पुरानी बस का एनओसी कराकर उसे एनसीआर से बाहर बेचा जा सकता है।

By Dharmbir Sharma Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 17 Apr 2024 03:09 PM (IST)
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Haryana News: जींद में नहीं चलेंगी 10 साल पुरानी स्कूल बसें। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, जींद। (Haryana Hindi News) सड़क सुरक्षा समिति की मंगलवार को डीसी मोहम्मद इमरान रजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्कूल संचालकों को भी बुलाया गया। बैठक में डीसी ने स्कूल संचालकों से कहा कि किसी भी सूरत में 10 साल से पुरानी स्कूल बस को जींद जिले में नहीं चलने दिया जाएगा। जिन स्कूलों के पास 10 साल पुरानी बस है। वो एनओसी बनवा कर एनसीआर से बाहर बेच सकते हैं।

डीसी ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर स्कूली वाहनों के लिए सड़क सुरक्षा एवं सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी सरकार द्वारा बनाई गई है। इसके तहत विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर स्कूली वाहनों में जरूरी उपकरण और अन्य व्यवस्थाएं होना जरूरी है।

उन्होंने सभी निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों को निर्देश दिए कि वे स्कूली वाहनों में सड़क सुरक्षा और सुरक्षित स्कूल वाहन पोलिसी की पालना करें। आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी भी स्कूल के संचालक को नियमों की अवहेलना करने की छूट नहीं है। बता दें कि जिले में करीब 900 स्कूल बस हैं।

जुलाना के निजी स्कूल में अभिभावकों से बात करती शिक्षा विभाग की टीम। जागरण

जिनमें से 50 से ज्यादा बसें 10 साल से ज्यादा पुरानी हैं। जो पुरानी बसें हैं, वे ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र के निजी स्कूलों के पास हैं। कम बजट के चक्कर में निजी स्कूल संचालक पुरानी बसें खरीद लेते हैं। जो मानकों पर खरा नहीं उतरती हैं। इन बसों में निर्धारित सीट की तुलना में विद्यार्थी भी ज्यादा बैठाए जाते हैं। ऐसे में इन स्कूलों की दिक्कत बढ़ेगी।

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महेंद्रगढ़ में हुई हादसे के बाद से प्रशासन ने मानदंडों को पूरा नहीं करने वाली बसों पर सख्ती बरतनी शुरू की है। तभी से कई निजी स्कूल बंद हैं और सरकार व प्रशासन की जो सख्ती चल रही है, उसके शांत होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग की टीमें भी स्कूलों में जाकर सुरक्षा व्यवस्था देख रही हैं।

जुलाना में खंड शिक्षा अधिकारी की टीम ने निजी स्कूलों में शिक्षकों व अभिभावकों के साथ बैठक की। अभिभावकों को सुरक्षा नियमों के बारे में बताते हुए कहा कि अगर स्कूल नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसकी जानकारी टोल फ्री नंबर पर दें।

फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए स्कूलों को दिया मौका, शेड्यूल जारी

जिला परिवहन अधिकारी की टीम ने पिछले दिनों स्कूल बसों की जांच की। जिसमें काफी बसों की फिटनेस समाप्त पाई गई व अन्य खामियां मिली। जिसके चलते उन बसों के चालान किए गए। स्कूल संचालकों के आह्वान पर सरकार ने मानदंडों को पूरा करने के लिए कुछ समय दिया है।

जिन स्कूल बसों की फिटनेस समाप्त हो चुकी है, उन्हें विशेष सुविधा प्रदान करते हुए जिले में ही निरीक्षण बोर्ड द्वारा बसों का निरीक्षण किया जाएगा। जिला परिवहन अधिकारी गिरीश कुमार ने बताया कि जिन बसों का निरीक्षण होना है, उनका निरीक्षण बोर्ड द्वारा एकलव्य स्टेडियम में 17, 20 , 21, 27 व 28 अप्रैल को निरीक्षण कर फिटनेस प्रमाण- पत्र जारी किया जाएगा। इस शेड्यूल के अनुसार स्कूल संचालक अपनी बसें भेजें।

10 ऑटो के किए चालान

मंगलवार को जिला परिवहन विभाग की टीम ने स्कूल बसों की बजाय ऑटो की जांच की। शहर में 10 ऑटो के करीब 17 हजार रुपये के चालान किए गए। जिनमें विद्यार्थी बैठे हुए थे। सहायक परिवहन अधिकारी आनंद ने बताया कि पॉलिसी के अनुसार विद्यार्थियों को ऑटो में नहीं बैठाया जा सकता है।

इसके लिए बस की व्यवस्था होनी चाहिए। जिन ऑटो की जांच की गई। उनमें डीएवी स्कूल और क्राइस्ट राजा स्कूल के विद्यार्थी बैठे थे। जिला परिवहन विभाग द्वारा इन दोनों स्कूलों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा जाएगा।

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