Farmers Protest: रस्सी को ट्रॉली से बांधा और झूल गया, खनौरी बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या
Farmers Protest खनौरी बॉर्डर पर तैनात एक किसान ने आत्महत्या कर ली है। मृतक किसान की पहचान गुरमीत सिंह के रूप में हुई है। किसान ने किन वजहों से सुसाइड की इसकी पड़ताल अभी तक नहीं हो सकी है। पंजाब पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। किसान ने आत्महत्या रस्सी को ट्राली से बांधा था और उसी में अपनी गर्दन फंसा कर लेटा हुआ था।
जागरण संवाददाता, जींद। दातासिंहवाला-खनौरी बॉर्डर पर चल रहे धरने पर बुधवार सुबह एक किसान ने टेंट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान पंजाब की सीमा के अंदर बैठे हुए हैं। मृतक किसान की पहचान पंजाब के मानसा निवासी गुरमीत सिंह के रूप में हुई है। पंजाब पुलिस मामले की जांच कर रही है।
टेंट में जाकर की सुसाइड
गुरमीत सिंह पहले दिन से ही खनौरी बॉर्डर पर धरने पर बैठा हुआ था। गुरमीत सिंह भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर से जुड़ा हुआ था। उसने सुसाइड उस समय किया, जब अन्य किसान वहां नहीं थे। उसने वीरवार सुबह गांव मल्लां ब्लाक डोडा श्रीमुक्तसर साहिब के टेंट में जाकर आत्महत्या कर ली।
जब किसान लौटकर आए तो गुरमीत ने फांसी लगाई थी। उसने रस्सी को ट्रॉली से बांधा था और उसी में अपनी गर्दन फंसा कर लेटा हुआ था।
आंदोलन से जुडे़ किसानों ने बताया है कि किसान गुरमीत इस आंदोलन को लेकर काफी गंभीर था। वह बहुत कम घर जाता था। उसके पर कर्ज भी था। इस वजह से वह परेशान था। कुछ समय पहले उसके बेटे की शादी थी। उसमें शामिल होने के लिए भी वह नहीं गया था।यह भी पढ़ें- हरियाणा चुनाव से पहले किसानों का अल्टीमेटम, 3 अक्टूबर को रेल ट्रैक करेंगे जाम; सरकार पर लगाए अनदेखी के आरोप
जगजीत सिंह डल्लेवाल की आई प्रतिक्रिया
मोर्चे पर वह लाइट की व्यवस्था देखता था। इस मामले में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि उन्हें सूचना मिली है कि किसान ने आत्महत्या कर ली है। वह चंडीगढ़ आए हुए हैं।अब मौके पर जा रहा हूं। यह किसान संघर्ष को लेकर काफी समर्पित था। पूरे धरना स्थल पर बिजली का सारा काम वहीं देखता था। उसका परिवार सात-आठ दिन वहां रहकर गया था।
किसानों पर कर्ज तो रहता ही है। यह तो जाकर ही पता चलेगा। ज्ञात रहे कि फसलों के एमएसपी की गारंटी को लेकर पंजाब के किसान फरवरी से आंदोलन पर हैं।ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया।यह भी पढ़ें- 'इनकी नीयत ही खराब है', कृषि कानूनों पर कंगना रनौत के बयान पर केजरीवाल का फूटा भाजपा पर गुस्सा
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