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Vikash Rana: कदम-कदम पर खड़ी मौत को दी मात, किसान की बेटी ने जर्मनी में लहराया परचम; क्रास कंट्री स्कीइंग में जीता गोल्ड

विकास राणा के जींद पहुंचने पर विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन कर देश का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवाने वाली बेटी को सम्मानित करेंगे। विकास राणा की उपलब्धि पर आगामी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर चंडीगढ़ में सरकार की तरफ से सम्मानित किया जाएगा। कई रिकार्ड अपने नाम कर चुकीं विकास राणा को इससे पहले सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिला थी।

By Jagran News Edited By: Umesh Kumar Updated: Wed, 03 Jan 2024 10:32 PM (IST)
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Vikash Rana ने जर्मनी में जीता गोल्ड मेडल। फोटो- जागरण
जागरण संवाददाता, जींद। गांव सुदकैन खुर्द के किसान परिवार से संबंध रखने वाली विकास राणा (Vikas Rana) ने जर्मनी में हुई क्रास कंट्री स्कीइंग (Cross Country Skiing) में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता है। विकास राणा का परिवार खेती करता है और उसने बिना किसी सरकारी सहायता के स्कीइंग का अभ्यास किया और अब देश के लिए स्वर्ण पदक जीता है। विपरीत हालात से लड़कर चैंपियन बनने वाली विकास की इच्छा विंटर ओलंपिक गेम्स में स्वर्ण पदक जीतना है।

विकास राणा के जींद पहुंचने पर विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन कर देश का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवाने वाली बेटी को सम्मानित करेंगे। विकास राणा की उपलब्धि पर आगामी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर चंडीगढ़ में सरकार की तरफ से सम्मानित किया जाएगा। कई रिकार्ड अपने नाम कर चुकीं विकास राणा को इससे पहले सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिला थी, फिर भी वह हार नहीं मानीं और लगातार संघर्ष जारी रखा।

विकास को नहीं मिली कोई आर्थिक मदद

विकास राणा ने 2020 में गुलमर्ग में हुए खेलो इंडिया विंटर गेम्स में दिल्ली की तरफ से खेलते हुए दो स्वर्ण पदक जीते थे। विकास के मन में शुरुआत से ही टीस है कि हरियाणा की तरफ से खेले और स्वर्ण पदक जीते, लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक विकास को न तो कोई आर्थिक मदद दी है और न ही किसी प्रतियोगिता में स्पांसर किया है।

यह कारनामा करने वाली पहली खिलाड़ी

पर्वतों पर चढ़ने के अलावा स्कीइंग के खेल में किस्मत आजमा रही राणा लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। वर्ष 2018 में विकास ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर्वत पर 5642 मीटर की ऊंचाई से स्कीइंग करते हुए नीचे आईं। यह साहसिक कारनामा करने वाली वह देश की पहली खिलाड़ी बनीं। स्कीइंग में विकास ने 2017 में जापान में हुए विंटर एशियन गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व किया था। विकास राणा ने पांच और दस किलोमीटर नॉर्डिक स्कीइंग में स्वर्ण पदक जीते।

विकास राणा की उपलब्धियां

1. गुलमर्ग कश्मीर में हुए खेलों इंडिया 2020 के विंटर गेम्स में 5 व 10 किलोमीटर में दो स्वर्ण पदक जीते।

2. राष्ट्रीय खेल -2018 गुलमर्ग कश्मीर में 1.6 किलोमीटर स्प्रिंट में रजत पदक जीता।

3. जापान में हुए विंटर एशियन गेम्स-2017 में देश का प्रतिनिधित्व किया।

4. गुलमर्ग में 2016 में हुए नेशनल गेम्स में चौथा स्थान प्राप्त किया।

5. उत्तराखंड के ओली में 2015 में हुए नेशनल गेम्स में चौथा स्थान हासिल किया।

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हरियाणा की इकलौती स्कीइंग खिलाड़ी

विकास राणा हरियाणा की इकलौती खिलाड़ी है, जो स्कीइंग खेल में दम दिखा रही हैं। हरियाणा के ज्यादातर लोगों को स्कीइंग खेल के बारे में भी पता नहीं है, लेकिन विकास ने विपरीत हालात के बावजूद संघर्ष किया। स्कीइंग करते समय दोनों पैरों के नीचे लकड़ी के स्कीज पहनकर बर्फ पर फिसलते हैं। हाथों में स्टिक होती है। इसमें चोट लगने का खतरा भी रहता है। गुलमर्ग में माइनस 2 से 15 डिग्री तापमान में प्रैक्टिस करनी पड़ती है।

सरकार से अभी तक मदद नहीं मिली

विकास राणा कहती हैं कि स्कीइंग महंगा खेल है। एक दिन का रहने और खाने का खर्च 1500 रुपये है। वर्ष 2019 में एक बार मैंने खेल छोड़ने का मन बना लिया था, लेकिन इंडियन आयल कंपनी मदद के लिए आगे आई और स्पांसर किया। हरियाणा सरकार की तरफ से मदद नहीं मिलने पर मैं निराश जरूर हूं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि कभी न कभी मदद जरूर मिलेगी।

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