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Julana Assembly Seat: जुलाना का दंगल तैयार, विनेश फोगाट के सामने कविता बनीं चुनौती; कैप्टन की दावेदारी कितनी मजबूत?

Julana Assembly Seat हरियाणा में विधानसभा चुनाव को महज कुछ ही दिन बचे हैं। सभी राजनीतिक पार्टियों का प्रचार-प्रसार जोरों पर है। ऐसे में हॉट सीट में शामिल जुलाना विधानसभा सीट पर भी तैयारियां जोरों पर हैं। जुलाना सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विनेश का मुकाबला आप की कविता दलाल से है। इसके साथ ही भाजपा के कैप्टन योगेश भी रण में पूरी टक्कर देंगे।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 25 Sep 2024 08:10 PM (IST)
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एक ओर विनेश तो दूसरी ओर कविता, ‘पहलवान’ चेहरों पर चुनावी दंगल

धर्मवीर निडाना, जींद। जुलाना विधानसभा क्षेत्र। इसे बांगर और देसवाली बेल्ट के बीच विभाजन रेखा भी माना जाता है। इस बार प्रदेश में सबसे चर्चित सीट मानी जा रही है। यहां से कांग्रेस से ओलिंपियन पहलवान विनेश फोगाट को उतारा है। भाजपा से कैप्टन योगेश और आम आदमी पार्टी से डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर कविता दलाल मैदान में हैं।

विनेश फोगाट बख्ताखेड़ा गांव में विवाहित हैं। ओलिंपिक में विश्व की अजेय पहलवान को पटखनी देने वाली विनेश राजनीति के दांव-पेच में पसीना बहा रही हैं। मालवी गांव की बेटी डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर कविता दलाल समर्थन मांग रही हैं। भाजपा ने कैप्टन योगेश बैरागी को उतारा है।

इनेलो का गढ़ रही जाट बाहुल्य जुलाना सीट 

यहां सीधा मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच ही देखा जा रहा है। यह लोकदल के प्रभाव का क्षेत्र रहा है। अब तक हुए 13 विधानसभा चुनावों में सिर्फ चार बार ही कांग्रेस जीत पाई है। पहले चुनाव में चौधरी दलसिंह जीते थे। 1977 में जिले सिंह जनता पार्टी से विधायक बने तो 1982 व 1987 में कुलबीर मलिक लगातार दो बार लोकदल के टिकट पर विधायक बने।

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सन् 1991 में सूरजभान जनता पार्टी से, 2009 व 2014 में इनेलो के टिकट पर परमेंद्र ढुल विधायक बने। 2019 के चुनाव में जजपा के अमरजीत ढांडा ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे परमेंद्र ढुल को हरा दिया। वर्ष 2000 और 2005 में दो बार आइजी शेर सिंह ने कांग्रेस को जीत दिलाई।

इसलिए चर्चित सीट

दो अंतरराष्ट्रीय पहलवानों विनेश फोगाट और कविता दलाल के मैदान में उतरने से यह चर्चित सीट बन गई। विनेश फोगाट पहले महिला पहलवानों के आंदोलन और फिर ओलिंपिक में वजन बढ़ने से अयोग्य होने के कारण चर्चा में रही हैं। 86 कांग्रेसियों को चित उन्होंने टिकट की कुश्ती जीती थी।

प्रत्याशी व वोट एक-दूजे के लिए नये

इस बार सभी राजनीतिक दलों ने नए चेहरों को मैदान में उतारा है। सिर्फ जजपा ने ही वर्तमान विधायक अमरजीत ढांडा को टिकट दिया है। ऐसे में यहां प्रमुख प्रत्याशी खुद को जुलाना से जोड़ने, यहीं का होने को साबित करने में ही जोर लगा रहे हैं। अब रिश्ते और संबंध बताए जा रहे हैं।

विनेश फोगाट: वोटरों से सीधा जुड़ाव नहीं

विनेश फोगाट बख्ताखेड़ा गांव में विवाहित हैं। शादी के बाद भी उनका परिवार बाहर ही रहा है। राजनीतिक रूप से जुलाना क्षेत्र में पकड़ बनाना उनके समक्ष बड़ी चुनौती है। टिकट कटने के बाद कांग्रेस नेता साथ देंगे य नहीं, यहभी एक चुनौती है। जुलाना विधानसभा क्षेत्र की तासीर कांग्रेस को रास नहीं आती।

कैप्टन योगेश जुलाना में सक्रिय ही नहीं रहे

भाजपा प्रत्याशी कैप्टन योगेश बैरागी सफीदों क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। जुलाना के मतदाताओं से जुड़ना उनके समक्ष बड़ी चुनौती है। उन्हें जुलाना से जुड़ाव के लिए ही खुद को साबित करना पड़ रहा है। सुरेंद्र लाठर के प्रभाव वाले मतदाताओं को अपने साथ जोड़ना भी गैरजाट प्रत्याशी योगेश के लिए चुनौती है।

इनकी भी चुनौतियां कम नहीं कविता दलाल जुलाना के मालवी गांव की बेटी हैं, लेकिन वे उत्तर प्रदेश के बागपत में ब्याही हैं। वहीं इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे डॉ. सुरेंद्र लाठर भाजपा के टिकट के लिए तैयारी कर रहे थे। टिकट नहीं मिलने पर इनेलो में चले गए।

जुलाना बाहुल्य क्षेत्र में जातीय समीकरणों पर नजर

जुलाना विस क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण व जाट बाहुल्य है। 184935 मतों वाले क्षेत्र में करीब 80 हजार मतदाता इसी समुदाय से आते हैं। अब तक जुलाना के सभी विधायक भी जाट समाज से ही बने हैं और दूसरे स्थान पर भी अब तक कोई गैर जाट नहीं रह पाया है। कांग्रेस, जजपा, इनेलो व आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भी इसी वर्ग से आते हैं।

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