Captain Yogesh Bairagi Profile: एयरलाइंस की छोड़ी नौकरी... पहली बार चुनावी मैदान में उतरे, जानें कौन हैं योगेश बैरागी?
योगेश बैरागी भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश उपाध्यक्ष और भाजपा खेल प्रकोष्ठ के सह-संयोजक हैं। योगेश ने पूर्व में विस्तारा एयरलाइंस में कैप्टन के तौर भी काम किया है। 35 वर्षीय योगेश बैरागी का यह पहला चुनाव है। उनके पिता नरेंद्र कुमार बैरागी भी राजनीति से जुड़े हुए हैं। प्रदेश बैरागी सभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। योगेश पिछले सात सालों से राजनीति से जुड़े हुए हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों क लिए वोटों की गिनती जारी है। हरियाणा के रण ने रुझानों में दिलचस्प मोड़ ले लिया है। प्रदेश की हॉट सीटों में शामिल जुलाना सीट पर विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) मैदान में हैं। विनेश का बीजेपी के योगेश बैरागी से मुकाबला जारी है। कभी विनेश आगे तो कभी योगेश बैरागी आगे चल रहे हैं। फिलहाल, इस सीट से विनेश चार हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रही हैं। दोपहर 12:20 तक विनेश को 45295, जबकि बीजेपी के योगेश कुमार को 41151 वोट मिले हैं। मुकाबला दिलचस्प होता नजर आ रहा है। आइए जानते हैं कौन हैं योगेश बैरागी (Captain Yogesh Bairagi Profile) और उनका अबतक का राजनीतिक सफर...
कौन है कैप्टन योगेश बैरागी?
कैप्टन योगेश बैरागी जुलाना सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। योगेश बैरागी (Captain Yogesh Bairagi) भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश उपाध्यक्ष और भाजपा खेल प्रकोष्ठ के सह-संयोजक हैं। योगेश ने पूर्व में विस्तारा एयरलाइंस में कैप्टन के तौर भी काम किया है। 35 वर्षीय योगेश बैरागी का यह पहला चुनाव है। उनके पिता नरेंद्र कुमार बैरागी भी राजनीति से जुड़े हुए हैं। प्रदेश बैरागी सभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। योगेश पिछले सात सालों से राजनीति से जुड़े हुए हैं।
जुलाना विधानसभा क्षेत्र के बारे में जानें
जुलाना विधानसभा क्षेत्र का बांगर और देसवाली बेल्ट के बीच विभाजन रेखा भी माना जाता है। यह सीट इस बार प्रदेश की सबसे चर्चित सीट है। वजह, कांग्रेस से पहलवान विनेश फोगाट का चुनावी मैदान में उतरना। भाजपा से कैप्टन योगेश बैरागी और आम आदमी पार्टी से डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर कविता दलाल (Kavita Dalal) मैदान में हैं।इनेलो का गढ़ रही है जाट बाहुल्य जुलाना सीट
जुलाना विधानसभा सीट पर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) का प्रभाव रहा है। अब तक हुए 13 विधानसभा चुनावों में सिर्फ चार बार ही कांग्रेस जीत पाई है। पहले चुनाव में चौधरी दलसिंह जीते थे। 1977 में जिले सिंह जनता पार्टी से विधायक बने तो 1982 व 1987 में कुलबीर मलिक लगातार दो बार लोकदल के टिकट पर विधायक बने।
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