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'क्या पता वापस नहीं आ सकूं', बलिदान होने से पहले रक्षाबंधन पर बहनों से बोले थे कुलदीप; आतंकी हमले में चली गई जान

जम्मू- कश्मीर के उधमपुर में बलिदान हुए जवान कुलदीप मलिक का उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में जवान की मां और पत्नी भी शामिल हुईं। जवान कुलदीप मलिक की 19 अगस्त को हुए आतंकी हमले में जान चली गई थी। उनके अंतिम संस्कार में भावुक मां ने कहा कि ऐसा कुलदीप हर कोख से जन्म ले।

By Dharmbir Sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Thu, 22 Aug 2024 01:38 PM (IST)
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एक दूसरे को ढांढस बंधाते कुलदीप की पत्नी लक्ष्मी देवी व छोटा बेटा नवीन। (जागरण फोटो)
जागरण संवाददाता, जींद। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के बसंतगढ़ में आतंकवादी हमले में बलिदान हुए निडानी गांव निवासी सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक का बुधवार सुबह गांव में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

कुलदीप की मां और पत्नी ने खुद ही आंसू पोछते हुए हौसला दिखाया। कुलदीप मलिक की मां शांति देवी ने घर पहुंची सीआरपीएफ के अधिकारियों के सिर पर हाथ रख कर कहा कि उनका एक बेटा गया है। वे सभी उनके बेटे हैं। ऐसा कुलदीप हर कोख से जन्म ले। पत्नी लक्ष्मी देवी ने कहा कि ऐसा पति सभी को मिलना चाहिए।

उधमपुर के बसंतगढ़ में तैनात थे कुलदीप

कुलदीप मलिक जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के बसंतगढ़ में तैनात थे। इस दौरान आतंकवादी हमले में उनकी जान चली गई। घटना 19 अगस्त को दोपहर बाद हुई थी। बुधवार को सुबह करीब नौ बजे पार्थिव शरीर घर पहुंचा।

हालांकि गांव में स्वजन को घटना के दिन ही सूचना मिल गई थी, लेकिन बलिदानी कुलदीप मलिक के माता-पिता व पत्नी को इसकी जानकारी नहीं दी गई। बुधवार सुबह उन्हें सूचना मिली तो तीनों आंसुओं को रोक नहीं पाए। कुछ ही देर में अपने आप को संभाल लिया। बलिदानी की पत्नी अंतिम संस्कार में शामिल हुई।

रक्षाबंधन पर कहा था- क्या पता वापस नहीं आ सकूं

बलिदानी कुलदीप मलिक के भांजे विकास ने बताया कि घटना के समय उनके साथ रहे दूसरे सैनिकों ने बताया कि कुलदीप मलिक रक्षाबंधन के दिन घटनास्थल पर जा रहे थे। सड़क पर कुछ स्कूली लड़कियां राखी लिए खड़ी थीं। उन्होंने लड़कियों को पैसे देने चाहा तो लड़कियों ने कहा कि वापसी पर पैसे दे दें।

इस पर कुलदीप मलिक ने उन्हें पैसे दिए और कहा- क्या पता वापस नहीं लौट सकूं। उन्हें पता था कि यह क्षेत्र काफी खतरनाक है। जब आतंकवादी हमला हुआ, कुलदीप मलिक ने अपनी पूरी प्लाटून को पीछे रखा और स्वयं आगे रहे।

पोस्ट का निरीक्षण करने गए थे कुलदीप

घटना के समय कुलदीप मलिक के साथ रहे एसआई बसंतपाल ढाका ने बताया कि बसंतगढ़ के पास डुडु नामक जगह पर सीआरपीएफ ने नई पोस्ट बनाई है। इसका निर्माण चल रहा है। दोपहर करीब दो बजे वे लोग निरीक्षण करने गए थे। इस प्लाटून का नेतृत्व कुलदीप मलिक ही कर रहे थे।

यह संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे में सभी सुरक्षाकर्मियों ने हेलमेट व अन्य सुरक्षा प्रबंध किए थे, लेकिन घात लगाकर बैठे आतंकवादियों ने स्नाइपर हमला किया। इस दौरान कई राउंड फायर हुए और इनमें से एक गोली सीधे इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक के सिर में लगी।

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बेटा बोला- पिता पर गर्व, जरूरत पड़ी तो मैं भी बलिदान के लिए तैयार

इस दौरान बलिदानी कुलदीप मलिक के छोटे बेटे संजय ने कहा कि उन्हें अपने पिता पर गर्व है। ऐसा पिता सभी को मिलना चाहिए। यदि जरूर पड़ी तो वे भी देश के लिए बलिदान होने को तैयार हैं।

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