15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली लू ने किया बेहाल, अभी नहीं राहत की उम्मीद
--भीषण गर्मी के बीच आज व कल मौसम में बदलाव की उम्मीद - मौसम विभाग ने 11 व 12 जून को मौसम में ब
--भीषण गर्मी के बीच आज व कल मौसम में बदलाव की उम्मीद
- मौसम विभाग ने 11 व 12 जून को मौसम में बदलाव की संभावना जताई फोटो :18 जागरण संवाददाता, जींद।
पिछले दो महीने से पड़ रही भयंकर गर्मी का प्रकोप जारी है। शुक्रवार को भी लोग भीषण गर्मी से परेशान रहे। दिन के समय अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री व न्यूनतम तापमान 31 डिग्री दर्ज किया गया। दिन के समय 15 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से लू चली। इससे जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा। वहीं मौसम विभाग ने 11 व 12 जून को मौसम में बदलाव की संभावना जताई है। हालांकि इसका असर जींद क्षेत्र में कम रहने की उम्मीद है। ऐसे में जिले में अभी गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद कम है।
दरअसल इस बार गर्मी की शुरूआत काफी पहले हुई। हालांकि बीच-बीच में हुई बरसात के कारण आंशिक राहत मिली, लेकिन फिर से गर्मी बढ़ रही है। पिछले लंबे समय से आसमान से पड़ रही गर्मी लोगों को झुलसा रही है। गर्मी का आलम यह है कि सुबह दस बजे ही आसमान से आग बरसनी शुरू हो जाती है। शुक्रवार को सुबह दस बजे ही तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया। इसके बाद जैसे दिन चढ़ा, पारा भी चढ़ता गया। दोपहर दो बजे तापमान 44 डिग्री पहुंच गया और इसके बाद ढाई बजे अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री तक चला गया। शाम साढ़े पांच बजे तक आसमान से बरस रही गर्मी के कारण लोग बेहाल रहे। पछवा हवा के कारण घटी नमी, बढ़ी जलन
शुक्रवार को दिन भर तेज पछवा हवा चली। इसके चलते हवा पर्यावरण में नमी की मात्रा घट गई। कृषि मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को हवा में नमी की मात्रा महज 33 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चली। आने वाले दिनों में प्रदेश में कुछ जगह बूंदाबांदी की संभावना है, लेकिन जींद में मौसम शुष्क बना रहेगा।
धान की पनीरी का रखें खास ध्यान
कृषि विज्ञान केंद्र पांडू पिडारा के कृषि मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश कुमार के अनुसार फिलहाल जिले में मौसम शुष्क बना रहेगा। 15 जून तक मौसम में खास बदलाव की उम्मीद नहीं है। ऐसे में किसान धान की तैयार की गई पनीरी या पौध का खास ध्यान रखें। इसमें शाम के समय सिचाई करें और सुबह धूप होने से पहले पानी निकाल दें। ऐसा नहीं करने पर पौध जल जाएगी। सबसे अच्छा तरीका है कि किसान पानी की बचत के लिए धान की सीधी बिजाई करें।