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Dushyant Chautala: विधायक दुष्यंत चौटाला के गढ़ में जेपी ने लगाई सेंध, मां नैना चौटाला को 77 बूथों पर मिले 10 से कम वोट

हिसार संसदीय क्षेत्र (Lok Sabha Chunav Result) के विधानसभा हलके उचाना में विधायक दुष्यंत चौटाला के लिए बेहद ही चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। उचाना विधानसभा क्षेत्र में दुष्यंत चौटाला की अच्छी पकड़ होने के बावजूद उनकी मां नैना चौटाला को 77 बूथों पर 10 वोट भी नहीं हासिल हो पाए। वहीं दो बूथों पर तो उन्हे जीरो वोट से ही संतुष्ट होना पड़ा।

By Joginder Duhan Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 05 Jun 2024 08:21 PM (IST)
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दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला को 77 बूथों पर मिले 10 से कम वोट।

प्रदीप घोघड़ियां, जींद। हिसार संसदीय क्षेत्र के उचाना विधानसभा क्षेत्र को पहले इनेलो, उसके बाद बीरेंद्र सिंह और अब तक दुष्यंत चौटाला का गढ़ माना जा रहा था लेकिन अब दुष्यंत के इस गढ़ में जयप्रकाश उर्फ जेपी ने सेंधमारी कर डाली है। वर्तमान में विधायक दुष्यंत चौटाला की पार्टी से प्रत्याशी उनकी मां नैना चौटाला (Naina Chautala) को 77 बूथों पर तो 10 वोट भी नहीं मिल पाए हैं। बूथ नंबर 83 और 181 पर तो जजपा का खाता भी नहीं खुला और 102 नंबर बूथ पर केवल एक वोट आया।

विधानसभा के 66 गांवों में से 59 गांवों में जयप्रकाश और छह गांवों में रणजीत सिंह को बढ़त मिली तो वहीं डूमरखां कलां में दोनों प्रत्याशी बराबरी पर रहे। हलके के गांव खांडा के बूथ नंबर 192 और 194 को छोड़ दें तो बाकी किसी भी बूथ पर जेपी के वोटों की संख्या 100 से नीचे नहीं आई।

2009 से 2014 तक रहा इनेलो का वर्चस्व

बताते चलें कि वर्ष 2009 से 2014 तक लोकसभा चुनावों में यहां इनेलो का वर्चस्व रहा। 2009 में इनेलो के संपत सिंह को 47 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। इसके बाद 2014 में हिसार से इनेलो प्रत्याशी रहे दुष्यंत चौटाला को 87,243 वोट मिले थे । उस दौरान कांग्रेस, हजकां, बसपा समेत सभी प्रत्याशियों को मिले कुल वोटों की संख्या भी दुष्यंत के वोटों से कम थी। कुल मतदान के 57 प्रतिशत वोट दुष्यंत को मिले थे।

मात्र दो बूथों में ही मिले 100 से ज्यादा वोट

इसके बाद इनेलो के गढ़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह (Birendra Singh) की सेंधमारी हुई। हालांकि विधानसभा में बीरेंद्र सिंह का दबदबा कायम था लेकिन लोकसभा चुनावों में इनेलो ही बाजी मारती थी। वर्ष 2019 में जेजेपी से चुनाव लड़ रहे दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) को 53663 वोट मिले थे। 2024 आते यह आंकड़ा मात्र 4210 वोटों पर आकर सिमट गया। इस बार तो स्थिति यह रही कि जजपा की प्रत्याशी नैना चौटाला 77 बूथों पर 10 वोट भी नहीं ले पाई तो मात्र दो बूथों पर ही 100 से ज्यादा मत जजपा को मिले।

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दुष्यंत चौटाला के लिए वोट रिकवरी बनेगी चुनौती

वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में दुष्यंत सिंह चौटाला ने 47 हजार वोटों की रिकार्ड जीत प्राप्त की थी। विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला को 92 हजार वोट मिले थे। अब आगामी विधानसभा चुनावों में वोटों की रिकवरी करना दुष्यंत चौटाला के लिए बड़ी चुनौती रहेगी, क्योंकि इस बार भी दुष्यंत चौटाला का सामना बीरेंद्र सिंह के परिवार से ही होगा। अगर बीरेंद्र परिवार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ता है तो फिर उनका खुद का वोट बैंक के अलावा कांग्रेस से जुड़े वोटों का साथ रहेगा। हालांकि जयप्रकाश उर्फ जेपी के समर्थन में बीरेंद्र सिंह ने खुलकर नहीं आए थे, इसके बावजूद जेपी ने क्षेत्र के हर गांव से अच्छे मत मिले।

मुकाबले को त्रिकोणीय नहीं बना पाए दुष्यंत चौटाला

दुष्यंत चौटाला उचाना से विधायक हैं, इसके बावजूद भी उचाना में मुकाबले को त्रिकोणीय नहीं बना पाए। यहां सीधा कांग्रेस और भाजपा के बीच ही आमने-सामने का मुकाबला देखने को मिला। दुष्यंत के करीबी और समर्पित कार्यकर्ताओं के बूथों से भी जजपा को वोट नहीं मिल पाए।

खांडा समेत छह गांवों में ही रणजीत को मिली लीड, 59 में जेपी आगे

भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह (Ranjeet Singh) चौटाला को हलके के केवल छह गांवों खांडा, बिघाना, भगवानपुरा, उचाना मंडी, कसूहन और जीवनपुर में ही लीड मिली। बाकी 59 गांवों में जेपी को ज्यादा वोट मिले। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के गांव डूमरखां कलां में मुकाबला बराबरी पर रहा। जयप्रकाश की सबसे बड़ी जीत छात्तर गांव में 2700 से अधिक मतों से रही तो रणजीत चौटाला की सबसे अधिक जीत खांडा गांव में 1061 मतों की रही।

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