Move to Jagran APP

Mimicry विवाद पर रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार को घेरा, बोले- 'कृषि आंदोलन में नहीं हुआ किसानों का अपमान'

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री वाले विवाद पर कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला कहा कि मैं मोदी सरकार से पूछता चाहता हूं जब लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठकर ठंड भूख और प्यास सह रहे थे तो क्या उनका अपमान नहीं हुआ था। जब भाजपा नेताओं ने किसानों को उग्रवादी नक्सली व असामाजिक तत्व करार दिया था तो ये किसानों का अपमान नहीं था।

By AgencyEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Wed, 20 Dec 2023 05:49 PM (IST)
Hero Image
कांग्रेस सांसद ने रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र सरकार को घेरा (फाइल फोटो)
एएनआई, जींद। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (VP Jagdeep Dhankhad) की मिमिक्री वाले विवाद पर कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला (Congress MP Randeep Surjewala) कहा केंद्र सरकार (Central Govt) पर किसानों के अपमाने को लेकर हमला बोला है।

उन्होंने कहा कि मैं मोदी सरकार से पूछता चाहता हूं कि जब लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर बैठकर ठंड, भूख और प्यास सह रहे थे, तो क्या उनका अपमान नहीं हुआ था। जब भाजपा नेता उन्हें उग्रवादी, नक्सली और असामाजिक तत्व करार दे रहे थे, जब किसानों का अपमान नहीं हो रहा था। कृषि कानूनों के विरोध से क्या किसानों का अपमान नहीं हुआ।

शहीद हुए किसानों का क्या नहीं हुआ अपमान

उन्होंने आगे कहा कि जब सात सौ किसान आंदोलन में शहीद हुए, तो क्या उनका अपमान नहीं हुआ था। जब किसानों की पहलवान बेटियों को सरकार पुलिस से पिटवा रही थी, तो क्या किसानों और उनकी बेटियों का अपमान नहीं हो रहा था।

उन्होंने आगे कहा कि देश की सेना में सेवा देने वाले किसान के बेटे हमारे जवान वन रैंक वन पेंशन मांग रहे थे और 14 अगस्त की शाम को दिल्ली पुलिस से घिसटवाया गया था, तो क्या ये किसानों अपमान नहीं हुआ था।

ये भी पढे़ं- नीलम के समर्थन में लामबंद होने लगे किसान संगठन, इस दिन बुलाई बड़ी बैठक

बढ़ें पद पर बैठे व्यक्ति का नहीं होती जात और धर्म- सुरजेवाला 

सुरजेवाला ने कहा कि पद पर बैठे हुए हर व्यक्ति को सोचना पड़ेगा कि गरिमा का मापदंड क्या है। कोई कितने भी बड़े पद पर बैठा हो चाहे वे प्रधानमंत्री हो, गृहमंत्री हो, राज्य सभा के सभापति हो, वो लोकसभा के स्पीकर हों या देश के राष्ट्रपति हों तो उनकी जात या धर्म नहीं होता।

उनका कर्तव्य का बोध होता है और कर्तव्य का बोध है संविधान की रक्षा करना। कर्तव्य का बोध है संसदीय परिपाठी और गरिमा की रक्षा करना।

ये भी पढ़ें- इंतजार खत्म! हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, सभी 61 ग्रुप की परीक्षा की मिली अनुमति

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।