आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम दो से तीन सेकेंड में बताएगा, कोरोना है या नहीं
शोध सागर संस्थान ने कोरोना जांच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम (मॉडल) तैयार किया है। इसमें व्यक्ति तापमान हार्ट बीट उसकी सांस की गति व आवाज जांच करके दो से तीन सेकेंड में ही बता देगा कि इस व्यक्ति को कोरोना है या नहीं।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 10 Jan 2021 07:55 AM (IST)
जागरण संवाददाता, जींद : शोध सागर संस्थान ने कोरोना जांच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम (मॉडल) तैयार किया है। इसमें व्यक्ति तापमान, हार्ट बीट, उसकी सांस की गति व आवाज जांच करके दो से तीन सेकेंड में ही बता देगा कि इस व्यक्ति को कोरोना है या नहीं।
शोध सागर संस्थान के संचालक डा. दीवान शेर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को आस्ट्रेलिया से पेटेंट करवाया है। डा. दीवान शेर का दावा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से कोरोना टेस्ट पर खर्च भी नाममात्र का है और रिपोर्ट भी कुछ सेकेंड में ही मिल जाएगी। शोध के दौरान उन्होंने 100 लोगों पर इस सिस्टम के तहत जांच की गई और उसके बाद आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया गया। इसमें उनके 90 से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट का सही मिलान हुआ है। यह पूरी तरह से डाटा बेस सिस्टम है और 25 हजार से ज्यादा लोगों की इससे जांच के बाद रिपोर्ट शत प्रतिशत सही हो जाएगी। पत्रकार वार्ता में डा. दीवान शेर ने कहा कि मई महीने में उन्होंने कोरोना की जांच के लिए मशीन पर शोध शुरू किया था। चार महीने की मेहनत के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम (मॉडल) तैयार है। यह विश्व में पहली बार है, जब इतनी जल्द कोरोना का पता लग सकता है। शुरुआत में नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला और 10-12 अन्य सहयोगियों के साथ कोरोना जांच के लिए मॉडल बनाने की दिशा में काम शुरू किया। मॉडल बनाने में मेडिकल और टेक्निकल फील्ड का विशेष सहयोग रहा। टीम में उसके साथ डा. आयुष गोयल, आइआइटीएम ग्रुप मुरथल के कैंपस डायरेक्टर प्रविद्र बांगर शामिल रहे। मशीन से जल्द आएंगे नतीजे, डर भी होगा दूर नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से जांच होती है तो इसका सीधा लाभ आम लोगों को होगा। उन्हें तुरंत पता लग जाएगा कि उन्हें कोरोना है या नहीं। इस मशीन के आने के बाद अधिक मैनपावर की जरूरत भी नहीं होगी। इस समय कोरोना जांच करवाने को लेकर लोगों में भय है कि कोरोना जांच के लिए सैंपल नाक से लिया जाएगा और इतनी बड़ी स्टिक उनकी नाक में डाली जाएगी। यदि इस मशीन से जांच शुरू होती है तो लोगों का भय दूर हो जाएगा और इसके नतीजे भी जल्द सामने आएंगे।
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