केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आइएएस बेटे बृजेंद्र की सियासी पारी की तैयारी, लड़ेंगे चुनाव
केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह के आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह की अगले साल राजनीति के मैदान में उतरने की तैयारी हैं। वह हिसार या सोनीपत लोकसभा से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 23 Nov 2018 03:58 PM (IST)
जींद, [कर्मपाल गिल]। केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के आइएएस बेटे बृजेंद्र सिंह की अगले साल राजनीति के मैदान में उतरने की तैयारी हैं। वह हिसार या सोनीपत लोकसभा से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। पार्टी में इस पर सहमति नहीं बनी तो उनका उचाना विधानसभा से चुनाव लड़ना तय है। खुद उनकी मां विधायक प्रेमलता ने कहा है कि बृजेंद्र अब राजनीति में जरूर आएगा। वृजेंद्र हरियाणा कैडर के 1998 बैच के आइएएस हैं।
मां प्रेमलता ने की पुष्टि, हिसार या सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव लडऩे की है आकांक्षावैसे बृजेंद्र को उनके पिता लगभग एक दशक से राजनीति में लाने के लिए प्रयासरत रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के निधन के बाद खाली हुई हिसार लोकसभा सीट से कांग्र्रेस के टिकट पर चौधरी बीरेंद्र सिंह तब बृजेंद्र को चुनाव लड़ाना चाहते थे। लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने खास जयप्रकाश को टिकट दिला दिया था।
लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिला तो उचाना विधानसभा सीट से उतरेंगे
सन 2014 के लोकसभा चुनाव के समय भी चौ. बीरेंद्र सिंह उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते थे। उस समय वह कांग्रेस में थे। इसके लिए बीरेंद्र सिंह और बृजेंद्र सिंह ने तत्कालीन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। लेकिन तब कांग्रेस के कुछ नेता इसके विरोध में थे। कुछ ही दिन बाद चौधरी बीरेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी में चले गए। भाजपा ने बीरेंद्र सिंह को केंद्र में मंत्री बनाया और उनकी पत्नी प्रेमलता उचाना से विधायक बनीं।
प्रेमलता ने कहा कि तब भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, अहमद पटेल जैसे नेता बृजेंद्र की राह में रोड़ा बन गए थे। बकौल प्रेमलता, तब इन नेताओं ने राहुल गांधी के सामने भी विरोध किया था। इस कारण बृजेंद्र राजनीति में इंट्री नहीं कर पाए, लेकिन अब माहौल अनुकूल है। सोनीपत के सांसद रमेश कौशिक अगला लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। उचाना विधानसभा क्षेत्र हिसार लोकसभा के अंतर्गत है। यहां से अभी दुष्यंत चौटाला सांसद हैं। बृजेंद्र इन दोनों लोकसभा क्षेत्रों में से किस चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
हिसार लोकसभा में जींद जिले का मात्र एक विधानसभा क्षेत्र उचाना है, जबकि सोनीपत लोकसभा में जींद जिले के तीन विधानसभा क्षेत्र जुलाना, जींद व सफीदों हैं। इसलिए बीरेंद्र सिंह अपने बेटे की इंट्री सोनीपत से ही कराना चाहेंगे। क्योंकि जींद में बीरेंद्र सिंह का राजनीतिक प्रभाव ज्यादा है। यदि लोकसभा का टिकट कुछ कारणों से नहीं मिला तो बृजेंद्र उचाना विधानसभा से ही चुनाव लड़ेंगे।उनके पिता बीरेंद्र सिंह 2022 तक राज्यसभा सदस्य हैं और वह चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं। बीरेंद्र सिंह पांच बार 1977, 1982, 1994, 1996 व 2005 में उचाना से विधायक बन चुके हैं और तीन बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं। वह 1984 में हिसार लोकसभा क्षेत्र से ओमप्रकाश चौटाला को हराकर सांसद बने थे। सन 2010 में कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य बने थे, लेकिन 2014 में कांग्रेस से 42 साल पुराना नाता तोड़कर राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। जून 2016 में भाजपा ने उन्हें दोबारा राज्यसभा में भेज दिया था।
--------बृजेंद्र को वर्ष 2032 में होना है रिटायर
वर्ष 1972 में जन्मे 46 वर्षीय बृजेंद्र सिंह दो बच्चों के पिता हैं। वर्ष 1998 में मात्र 26 साल की उम्र में आइएएस बने थे। उनकी रिटायरमेंट वर्ष 2032 में होनी है, लेकिन अब वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीतिक पारी की शुरुआत करेंगे। वह चंडीगढ़, पंचकूला और फरीदाबाद में डीसी रहे हैं। अभी वह हैफेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।--------
बांगर में बीरेंद्र की सियासी विरासत बढ़ेगी आगे
प्रदेश की राजनीति में अहम रोल अदा करने वाले बांगर इलाके में बीते वर्षों में शमशेर सुरजेवाला और बीरेंद्र ङ्क्षसह बड़े नेता हुए हैं। शमशेर ने अपने पुत्र रणदीप सुरजेवाला को छात्र राजनीति से सियासी मैदान में उतार दिया था। जबकि बीरेंद्र के बेटे बृजेंद्र का पढ़ाई की तरफ रुझान था। इसलिए वह राजनीति में नहीं आए।
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