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वाह! कबाड़ से खरीदी Bolero बना दी नई जैसी चमचमाती Thar, पुलिस भी देखकर रह गई हैरान; काटा 23 हजार का चालान

कैथल में जिला यातायात पुलिस ने एक काले रंग की ओपन जिप्सी का 23 हजार रुपये का चालान किया। जांच में पता चला कि यह गाड़ी करीब 19 साल पुरानी बोलेरो थी जिसे मॉडिफाई कर ओपन जिप्सी बनाया गया था। गाड़ी को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं थी। लेकिन कुछ समय से यह कैथल की सड़कों पर दौड़ रही थी। पुलिस ने गाड़ी को जब्त कर लिया है।

By Sunil Kumar Edited By: Prince Sharma Updated: Tue, 19 Nov 2024 09:02 PM (IST)
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कैथल में 19 साल पुरानी बोलेरो बना दी थार (जागरण फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, कैथल। Haryana Viral News: जिला यातायात पुलिस ने दो दिन पहले करनाल रोड पदमा सिटी मॉल के सामने एक काले रंग की ओपन जिप्सी (थार की तरह डिजाईन) का 23 हजार रुपये का चालान किया था। कार्रवाई के दौरान चालक गाड़ी को लेकर कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया था। गाड़ी को भी जब्त कर लिया गया था।

अब जांच में सामने आया है कि जिसे ओपन जिप्सी बनाया गया था वह करीब 19 साल पुरानी बोलेरो गाड़ी थी। गाड़ी के नंबर से जांच करते हुए मालिक से संपर्क किया गया था।

कबाड़ी से खरीदी थी बोलेरो

पुलिस को मालिक ने बताया कि गाड़ी करीब दो महीने पहले सिरसा के डबवाली शहर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसके बाद गाड़ी को डबवाली के ही कबाड़ी के पास बेचा गया था।

वहां से युवक ने खरीद लिया था और मोडिफाइड करवाकर उसे काले रंग की ओपन जिप्सी बना दिया गया था। गाड़ी को सड़क पर भी चलने की अनुमति नहीं थी, लेकिन कुछ समय से यह गाड़ी कैथल की सड़कों पर दौड़ रही थी। इस प्रकार से गाड़ी को तैयार करवाना भी अपराध है।

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गाड़ी की आरसी बोलेरो से बनी थी

जिला यातायात थाना प्रभारी एसआइ राजकुमार ने बताया कि जब्त की गई गाड़ी की जांच की गई तो वह बोलेरो गाड़ी मिली है। दो महीने पहले गाड़ी हादसे में क्षतिग्रस्त हो गई थी। गाड़ी की आरसी भी बोलेरो की बनी हुई है। फिलहाल गाड़ी को जब्त किया हुआ है।

क्या वाहन को करा सकते हैं मॉडिफाई?

परिवहन मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक, कंपनियां वाहन का निर्माण तय मानक पर कराती हैं। पेट्रोल व डीजल के सिस्टम को सीएनजी में बदलने को छोड़ दिया जाए तो वाहन में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। टूट-फूट होने व खराब होने पर ठीक कराया जा सकता है।

अगर कोई बदलाव किया जाता है तो यह मॉडिफाइड की श्रेणी में आता है। इसमें वाहन को सीज करने की कार्रवाई का प्रावधान है। इसके अलावा पंजीयन नियम में बदलाव करने व फिटनेस के उल्लंघन करने के नियम के तहत पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूलने का प्रावधान है।

वाहनों का मॉडिफिकेशन कराना पूरी तरह से गलत है। इसमें सीधे वाहन के रजिस्ट्रेशन रद करने की कार्रवाई की जाती है। जुर्माना भी वसूला जाता है।

-आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन

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