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कैथल में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग, मरीजों को नहीं मिल रहा उचित इलाज

कैथल के जिला स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की भारी कमी है जिससे मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। 155 स्वीकृत पदों में से 46 पद खाली हैं और 12 डॉक्टर गैर-हाजिर हैं। नागरिक अस्पताल में नेत्र रोग स्त्री रोग हड्डी रोग और सर्जरी जैसे महत्वपूर्ण विभागों में डॉक्टरों की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। आइसीयू सुविधा भी सिर्फ कागजों तक सीमित है।

By Surender Kumar Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Wed, 18 Sep 2024 03:09 PM (IST)
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कैथल में डॉक्टरों की कमी से मरीज परेशान।
जागरण संवाददाता, कैथल। जिला स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की कमी खल रही है। विभाग के पास 155 स्वीकृत पद हैं, लेकिन 109 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। इनमें से 46 पद डॉक्टरों के खाली हैं। 12 ऐसे चिकित्सक हैं, जो कई साल से गैर हाजिर चल रहे हैं।

इन चिकित्सकों को नौकरी ज्वाइन करने के लिए विभाग ने नोटिस दिया है, लेकिन अभी तक किसी भी चिकित्सक ने नौकरी ज्वाइन नहीं की है। बता दें कि चिकित्सकों के रिक्त पदों के कारण लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। खासकर बीमारियों के विशेषज्ञ डॉक्टरों के रिक्त पदों के कारण लोगों को इलाज के लिए दिक्कत आ रही है।

नागरिक अस्पताल में नेत्र रोग, स्त्री रोग, हड्डी रोग और सर्जरी जैसे महत्वपूर्ण विभागों में डॉक्टरों की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। आइसीयू सुविधा भी सिर्फ कागजों तक सीमित है, इसके अलावा कई मशीनों के खराब होने के कारण लोगों को इलाज के लिए परेशानी हो रही है।

डॉक्टर ही नहीं तो इलाज कैसा

नागरिक अस्पताल में विभिन्न विभागों में डॉक्टरों की भारी कमी है। वर्तमान में अस्पताल में नेत्र रोग, गायिनी, आंखों, सर्जन, हड्डी रोग, और फिजिशियन के विभागों में केवल एक-एक डॉक्टर ही तैनात हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।

नागरिक अस्पताल में एमओ के 55 पद हैं, लेकिन मात्र 13 एमओ ही कार्यरत हैं, वहीं एसएमओ के पांच पदों में से दो पद रिक्त पड़े हुए हैं। इससे अस्पताल की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं और मरीजों को प्राथमिक इलाज तक के लिए भी बाहर जाना पड़ता है।

जिले में बने 22 प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी डॉक्टरों के पद रिक्त होने से लोग परेशान हैं। 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 11 में डॉक्टर नहीं है।

आइसीयू भी शुरू नहीं हो पा रहा

अस्पताल में बनकर तैयार हो चुका आईसीयू(गहन चिकित्सा इकाई) भी डॉक्टरों की कमी के कारण शुरू नहीं हो पाया है। मरीजों को गंभीर स्थिति में भी बिना उचित इलाज के दूसरे जिलों या फिर पीजीआइ जैसे बड़े अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है। आईसीयू में तमाम आधुनिक उपकरण और सुविधाएं होने के बावजूद इसे इस्तेमाल में नहीं लाया जा पा रहा है, जो कि जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है।

जिला स्वास्थ्य विभाग के पास चिकित्सकों के 155 पद स्वीकृत है, इनमें से 46 पद चिकित्सकों के खाली हैं। 12 चिकित्सक गैर हाजिर चल रहे हैं, इन चिकित्सकों को नौकरी ज्वाइन करने के लिए नोटिस दिया गया है। रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर विभाग के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है।

-डा. बलविंद्र गर्ग, डिप्टी सिविल सर्जन, कैथल।

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