Haryana Election 2024: OPS को लेकर क्यों जारी है आंदोलन? आखिर क्यों नहीं NPS-UPS को मान रहे कर्मचारी? जानिए
Haryana Election 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। कर्मचारी लंबे समय से ओपीएस की मांग कर रहे हैं। विपक्ष भी इसको हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। सरकार इसको लेकर एनपीएस और यूपीएस भी लेकर आई है लेकिन कर्मचारी इसे नहीं मान रहे हैं। पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर अड़े हुए हैं।
मंडल स्तरीय मार्च निकालने की तैयारी
11 फरवरी को जींद में ओपीएस संकल्प महारैली कर वोट फार ओपीएस की शपथ ली गई। एक सितंबर को पंचकूला में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की तैयारी चल रही थी, लेकिन चुनाव घोषणा होने से संघर्ष समिति ने 25 अगस्त को अंबाला में ओपीएस तिरंगा मार्च निकाला।यूपीएस के बजाय ओपीएस की मांग
पुरानी पेंशन योजना वर्ष 2004 से पहले तक सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू थी। इसमें कर्मचारी अपनी सेवा के अंत में एक सुनिश्चित पेंशन प्राप्त करते थे। इसके बाद राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) लागू की गई, जो कि एक अंशदायी पेंशन प्रणाली है। केंद्र सरकार अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम लेकर आई है। यह योजना पहली अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी और इसका लाभ 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। केंद्रीय सरकारी कर्मचारी यूपीएस और राष्ट्रीय पेंशन योजना के बीच चयन कर सकते हैं। इसके अलावा वर्तमान एनपीएस सदस्य भी यूपीएस का चयन कर सकते हैं।राज्य सरकारें भी भविष्य में इस योजना को लागू करने का निर्णय ले सकती हैं। यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू करने वाला पहला राज्य महाराष्ट्र बन गया है।कमेटी गठित हुई, समाधान नहीं
20 फरवरी 2023 को सरकार ने संघर्ष समिति से वार्ता के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी के गठन किया। 3 मार्च को केवल एक बार बैठक हुई। उसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री ने केंद्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता में भी कमेटी का गठन किया गया, लेकिन वहां से भी इसका कोई समाधान नहीं निकल सका था।यूपीएस के समर्थन में खेमका
आइएएस अधिकारी एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. अशोक खेमका ने भी यूपीएस योजना का समर्थन किया है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखी पोस्ट में खेमका ने कहा, केंद्रीय कर्मचारियों को यूपीएस योजना की घोषणा से बड़ी राहत मिली है। आशा है कि जल्द ही राज्यों द्वारा बिना देरी किए इसे लागू किया लाएगा। यह भी पढ़ें- Haryana Election 2024: मतदान की तारीख बदलने के लिए दूसरे दलों की राय भी लेगा चुनाव आयोग, बीजेपी-इनेलो के तर्कों से सहमत!वोट फोर ओपीएस की मुहिम
पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल का कहना है कि लगातार धरने, प्रदर्शन, रैलियां करने के बावजूद सरकार ने ओपीएस बहाल नहीं की। अब यूपीएस लेकर आई है। यह और कुछ नहीं है, बल्कि यूपीएस का ही नाम बदल दिया है। हमें यह स्वीकार नहीं है। जींद में महारैली कर ओपीएस नहीं तो वोट नहीं की शपथ ले चुके हैं। अब समय है कि संविधान ने हमें वोट का अधिकार दिया है, उसका प्रयोग अपने मुद्दे के लिए करेंगे। ओपीएस बहाल करने वाले दल व प्रत्याशी को ही मतदान किया जाएगा।यदि हरियाणा में भाजपा तीसरी बार सत्ता में आती है तो कर्मचारियों के हित में केंद्र की यूनिफाइड पेंशन स्कीम स्कीम को लागू करेंगे। नई पेंशन स्कीम की तुलना में यूपीएस कर्मचारियों के लिए बहुत अधिक फायदेमंद साबित होगी। खास बात यह कि कर्मचारियों के पास दोनों विकल्प रहेंगे जिसमें वह यूपीएस और राष्ट्रीय पेंशन योजना में से किसी को भी चुन सकते हैं।
-मनोहर लाल, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री
सरकारी कर्मचारियों का पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा पुराना है। हमने घोषणा कर रखी है कि कांग्रेस की सरकार बनते ही पहली कलम से इसे बहाल कर देंगे। इसे चुनावी घोषणा-पत्र में लेकर आएंगे। भाजपा सरकार चाहती तो कर्मचारियों को 10 साल तक इंतजार न करवाती। कर्मचारियों के साथ-साथ हर वर्ग के साथ भाजपा ने वादाखिलाफी की है। अब जनता इनके झांसे में आने वाली नहीं है।
-भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री
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