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खेल-खेल में बनेंगे भाषा के 'खिलाड़ी', इस नए तरीके से सिखाई जाएगी बच्चों को हिंदी; टीचर ने तैयार किया प्रोजेक्ट

डॉ. विजय चावला ने बताया कि इस किट को स्कूली पाठ्यक्रम में लागू कराने के लिए प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिलने का समय मांगा है। उनसे पहले हुई मुलाकात में सकारात्मक बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि एक किट को तैयार करने में चार हजार रुपये तक का खर्च आएगा लेकिन वह सरकार को यह डिजाइन निशुल्क देंगे। इसमें 20 भाषा खेल होंगे।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 28 Aug 2023 08:08 PM (IST)
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खेल-खेल में बनेंगे भाषा के 'खिलाड़ी', इस नए तरीके से सिखाई जाएगी बच्चों को हिंदी; टीचर ने तैयार किया प्रोजेक्ट

कैथल, पंकज आत्रेय। प्राथमिक स्तर पर बच्चों को अक्षर ज्ञान कराना और बच्चे को हिन्दी भाषा में दक्ष बनाना एक अध्यापक के लिए बड़ी चुनौती रहती है। पहले स्कूलों में तख्ती लिखने को शिक्षा का महत्वपूर्ण अंग था, वह अब गायब हो चुकी है। इसलिए चुनौती और बढ़ गई है। इसी से पार पाने के लिए जिले के गांव ग्योंग के आरोही आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हिंदी अध्यापक डॉ. विजय चावला ने लंबे समय तक शोध किया। उन्होंने खेल किट तैयार की है। यह किट पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों के भाषा कौशल का विकास खेल-खेल में कर देगी। यानि बच्चे हिन्दी भाषा का ज्ञान आसानी से सीखकर दक्ष हो जाएंगे। डॉ. विजय चावला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा के अनुसार राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा- फाउंडेशनल स्टेज 2022 के अंतर्गत यह किया गया है।

खेल किट प्रोजेक्ट को करवाएंगे पाठ्यक्रम में शामिल

डॉ. विजय चावला के इससे पहले के कई प्रोजेक्ट को राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद की भी स्वीकृति दे दी है। वह बुनियादी स्तर पर बच्चों के विकास के लिए कई तरह के नवोन्मेष करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा -2022 में फाउंडेशन स्टेज (बुनियादी स्तर) पर आधारित विषयवस्तु को भाषा के साथ जोड़ना न केवल संप्रेषण का माध्यम माना है, बल्कि यह आज की जरूरत भी है। आज की शिक्षा-प्रणाली में इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि बच्चों की पुस्तकों की अपेक्षा खेलों के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कराई जाए।

उन्होंने बताया कि बुनियादी स्तर की शिक्षा पूरी तरह से बच्चे के समग्र अनुभवों के साथ खेल पर आधारित होगी, क्योंकि बच्चे खेल के माध्यम से अच्छी तरह से सीखते हैं। इस खेल किट से उनका संज्ञानात्मक, सामाजिक-भावनात्मक, शारीरिक सभी आयामों में विकास के लिए उन्हें रोचक अनुभव कराया जाएगा। बच्चों को बुनियादी शिक्षा और संख्यात्मक ज्ञान प्रदान किया जाएगा।

किट में ये खेल और भाषा ज्ञान

डॉ. चावला ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा में वर्णित पंचकोषीय ज्ञान की इन अवधारणाओं को ध्यान में रखते हुए हिंदी भाषा खेल किट तैयार की गई है। इसमें अन्नमय कोष, आनंदमय कोष, प्राणमय कोष, मनोमय कोष व विज्ञानमय कोष होंगे। इस हिंदी भाषा खेल किट में कई खेल शामिल किए गए हैं। इनमें फल एवं सब्जियों वाला लूडो खेल, वन्य-जीव व पशु-पक्षियों वाला लूडो खेल, चित्रों वाला लूडो खेल, भाषायी कौशल विकसित करने वाला लूडो खेल, बुनियादी साक्षरता विकसित करने वाला पासे का खेल, बुनियादी साक्षरता विकसित करने वाला स्लाइड एंड लैडर, भाषायी कौशल विकसित करने वाला सांप सीढ़ी खेल, अच्छी व बुरी आदतों वाला सांप सीढ़ी खेल, भाषायी कौशल विकसित करने वाला बोर्ड गेम, मुझे मेरे परिवार से मिलाओ बोर्ड गेम, वर्ण-अक्षर पासे का खेल, शब्द पासे का खेल, चित्रों वाले पासे का खेल,फ्लिप बोर्ड का खेल, ग्रिड का खेल, वर्ण-अक्षर पहिए का खेल, शब्द पहिए का खेल,पठन कार्ड के खेल, चित्रों वाले कार्ड का खेल, वर्ण-अक्षर-शब्द कार्ड खेल, बिंगो कार्ड खेल, बूझो तो जाने खेल।

पांच ई-बुक्स बना चुके, तेलंगाना ने भी अपनाई तकनीक

डॉ. विजय चावला अब तक हिंदी भाषा को रुचिकर बनाने के लिए पांच ई-बुक्स तैयार कर चुके हैं। ई-बुक्स का विमोचन प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने पिछले दिनों किया था। इसके बाद राज्य शैक्षणिक एवं अनुसंधान परिषद की वेबसाइट पर स्वीकृत होने के बाद शिक्षकों व बच्चों के लिए अपलोड कर दी गई हैं। एक ई-बुक दीक्षा पोर्टल पर अपलोड की जा चुकी है। तेलंगाना राज्य ने भी उनके भाषा खेलों को अपने राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है। सभी शिक्षकों को हिंदी भाषा को खेल-खेल में रुचिकर बनाने का प्रशिक्षणदिया जा रहा है। उन्हें एनसीईआरटी ने उनकी दो ई-बुक्स के लिए राष्ट्रीय नवाचारी अवार्ड और बेस्ट प्रोग्राम अवार्ड से सम्मानित किया है।

चार हजार में बनेगी एक किट

डॉ. विजय चावला ने बताया कि इस किट को स्कूली पाठ्यक्रम में लागू कराने के लिए प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मिलने का समय मांगा है। उनसे पहले हुई मुलाकात में सकारात्मक बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि एक किट को तैयार करने में चार हजार रुपये तक का खर्च आएगा, लेकिन वह सरकार को यह डिजाइन निशुल्क देंगे। इसमें 20 भाषा खेल होंगे।

गांव ग्योंग स्थित आरोही आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के हिंदी अध्यापक डॉ. विजय चावला को अपने विषय में नित नए प्रयोगों के चलते राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान-2023 के लिए चुना गया है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी गई 35 अध्यापकों की सूची में डॉ. चावला जगह बनाने में कामयाब रहे।

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