कलायत की बेटी मेजर पायल छाबड़ा ने हरियाणा का किया नाम रौशन, भारतीय सेना में मिला मैरून बेरेट
भारतीय सेना में महिला सर्जन मेजर पायल छाबड़ा ने स्पेशल फोर्सेज का पैरा प्रोबेशन पास कर मैरून बेरेट (टोपी) प्राप्त की है। वह युवाओं के लिए मिसाल हैं। पायल छाबड़ालेह लद्दाख आर्मी अस्पताल में सर्जन विशेषज्ञ के पद पर तैनात है। सेना में नौ रंगों की बेरेट होती है जिनका अलग-अलग महत्व है। मैरून बेरेट सेना के स्पेशल फ्रंटियर फोर्सेज और रेजिमेंट सैनिकों को दिया जाता है।
By Pankaj KumarEdited By: Preeti GuptaUpdated: Fri, 15 Sep 2023 04:26 PM (IST)
कलायत, संवाद सहयोगी। भारतीय सेना में महिला सर्जन मेजर पायल छाबड़ा ने स्पेशल फोर्सेज का पैरा प्रोबेशन पास कर मैरून बेरेट (टोपी) प्राप्त की है। हरियाणा की बेटी पायल छाबड़ा ने देश-दुनिया के मंच पर एक नया इतिहास रच दिया है।
युवाओं के लिए मिसाल हैं कलायत की बेटी
कैथल के छोटे से कस्बे कलायत की बेटी हैं पायल। वह युवाओं के लिए मिसाल हैं। पायल छाबड़ालेह लद्दाख आर्मी अस्पताल में सर्जन विशेषज्ञ के पद पर तैनात है। बका मैरून बेरेट सेना के स्पेशल फ्रंटियर फोर्सेज और रेजिमेंट सैनिकों को दिया जाता है। सेना में नौ रंगों की बेरेट होती है, जिनका अलग-अलग महत्व है।
इनको मिलता है मैरून बेरेट
मैरून बेरेट सेना के स्पेशल फ्रंटियर फोर्सेज और रेजिमेंट सैनिकों को दिया जाता है। सेना में नौ रंगों की बेरेट होती है, जिनका अलग-अलग महत्व है।2022 में सेना में शामिल हुई थीं डॉ. पायल छाबड़ा
बता दें कि कलायत की बेटी डॉ. पायल छाबड़ा भारतीय सेना में वर्ष 2022 से मेजर की कमान संभाले हैं। बेटी की छोटी आयु में इस गौरवशाली उपलब्धि से कलायत के साथ-साथ संपूर्ण जिला वासी उत्साहित हैं। पिता डॉ. राजेंद्र छाबड़ा और माता डॉ. वीना ने बताया कि पायल शुरू से ही भारतीय सेना चिकित्सा कोर में सेवाएं देने का लक्ष्य रखे थीं।
30 पदों का रखा जाता है प्रविधान
हर वर्ष महिला वर्ग के लिए इस सेवा में 30 पदों का प्रविधान रखा जाता है। अपनी काबिलियत के बल पर 13 जनवरी 2021 में 18वें रैंक के साथ वे सेना चिकित्सा कोर में चयनित हुई। उस दौरान वे करनाल स्थित कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर तैनात थीं। डॉ. पायल के भाई और भाभी भी चिकित्सक हैं।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।नौ रंग के होते हैं बेरेट
- हल्का हरा- हल्की टोपी मिलिट्री इंटेलिजेंस के जवान पहनते हैं।
- गहरा हरा- यह टोपी राइफल रेजिमेंट, इन्फेंट्री रेजिमेंट और कोबरा जंगल युद्ध कमांडो और राष्ट्रीय कैडेट कोर के जवान पहनते हैं।
- मैरून- यह टोपी पैराशूट रेजिमेंट, विशेष बल, विशेष सीमा बल या मूल रूप से सभी विशेष बलों के जवान पहनते हैं। इन जवानों को एयरबोर्न फोर्स के रूप में प्रशिक्षित किया जाता है।
- काला- यह टोपी एनएसजी, ब्लैक कैट कमांडो के जवान पहनते हैं।
- ग्रे- आर्मी एविएशन कोर के जवान पहनते हैं।
- लाल- यह टोपी भारतीय सेना की सैन्य पुलिस के जवान पहनते हैं।
- नेवी ब्लू- आर्टिलरी रेजिमेंट, कोर आफ इंजीनियर्स, सिग्नल्स, सपोर्ट आर्म्स एंड सर्विसेज और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के जवान यह टोपी पहनते हैं।
- हल्का नीला- संयुक्त राष्ट्र बलों में सेवारत सभी कर्मी, चाहे वे किसी भी इकाई, शाखा या सेवा में तैनत जवान यह टोपी पहनते हैं।
- रेत- इस रंग की टोपी समुद्री कमांडो पहनते हैं।