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Pollution: देशभर में हरियाणा के कैथल की हवा सबसे ज्यादा खराब, 10 दिन नहीं मिलेगी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है जिससे वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए कुरुक्षेत्र और कैथल के जिला उपायुक्तों को नोटिस जारी कर 23 अक्टूबर को जवाब देने का आदेश दिया है। कैथल में सबसे ज्यादा 97 और कुरुक्षेत्र में 86 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sat, 19 Oct 2024 01:39 PM (IST)
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हरियाणा में लोगों की सांस पर संकट गहराया, बढ़ रही परेशानी।

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। हरियाणा में पराली जलने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पराली जलने की सबसे ज्यादा घटनाएं कुरुक्षेत्र और कैथल जिले में हो रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कुरुक्षेत्र और कैथल के जिला उपायुक्त को नोटिस जारी कर 23 अक्टूबर को जवाब देने के लिए आदेश दिया है। कैथल में सबसे ज्यादा 97 व कुरुक्षेत्र में 86 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं।

पराली जलाने के खिलाफ सरकार द्वारा लगातार अभियान चलाने के बाद भी प्रदेश के किसान जागरूक नहीं हो रहे हैं। पराली प्रबंधन को लेकर सरकार तमाम योजनाएं चला रही है तथा इससे संबंधित मशीनों पर सब्सिडी भी दे रही है। इसके बाद भी पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। किसान रात के समय पराली जलाने की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

पराली जलाने की घटनाओं को क्यों नहीं रोक पा रहे?

इस कारण हरियाणा और एनसीआर में प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। अब सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए कुरुक्षेत्र और कैथल के जिला उपायुक्त को नोटिस जारी कर 23 अक्टूबर को जवाब देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को क्यों नहीं रोक पा रहे हैं।

कार्रवाई का पराली जलाने वालों पर असर क्यों नहीं हो रहा है। इस संबंध में जिला उपायुक्त राजेश जोगपाल से बात की गई तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के नोटिस की पुष्टि करते हुए कहा कि पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उनके खिलाफ जुर्माना किया जा रहा है।

एक्यूआइ दिन में 400 पार 

दिल्ली के साथ लगते हरियाणा की हवा तेजी से खराब हो रही है। देश के 253 शहरों में शुक्रवार को कैथल की हवा सबसे ज्यादा खराब हुई। कैथल का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 320 तक पहुंच गया। कैथल में पराली जलाने के 117 मामले सामने आए हैं।

यहां का एक्यूआइ दिन में 400 पार कर गया था। इसके अलावा हरियाणा के काफी शहर ऐसे है जिनका एक्यूआइ खराब की श्रेणी में पहुंच गया है। धीरे-धीरे बढ़ रहे एक्यूआइ का मुख्य कारण पराली जलने के साथ तेजी से निर्माण कार्य होना, वाहनों और उद्योगों का धुआं व माइनिंग आदि कारण हैं।

पराली जलाने पर तेजी से चालान काटने का काम चल रहा है मगर अभी भी मामले कम नहीं हुए हैं। अभी इन खराब हवा से प्रदेश के लोगों को राहत मिलती नहीं दिख रही है। कारण है मौसम में कोई खास परिवर्तन नहीं है। न ही वर्षा की संभावना है न ही तेज हवा चलने की संभावना।

देश के शहरों की हवा तेजी से खराब हो रही हैं। प्रदेश में कैथल के अलावा पानीपत, यमुनानगर, बहादुरगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम आदि शहरों की हवा खराब श्रेणी में आ गई। इन शहरों की हवा का स्तर 200 को पार कर गया है।

सांस वाले मरीजों के लिए बढ़ेगी परेशानी

हवा का स्तर खराब होने से सांस के मरीजों के साथ बच्चों, बुजुर्ग को ज्यादा परेशानी होगी। इससे उनका सांस लेना भी दिक्कत पैदा हो सकती है। ऐसे में बुजुर्ग-बच्चों को चिकित्सकों की तरफ से खराब हवा में बाहर निकलने और बचने से मना किया है।

वर्षा या हवा से छंटेगा प्रदूषण

प्रदेश में की खराब हो रही हवा में मौजूद प्रदूषण सामान्य रूप से आम आदमी को परेशानी करेगा। मौसम में अभी परिवर्तन होता नहीं दिख रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के डायरेक्टर सुरेंद्र पाल ने बताया कि आठ से दस दिन तक प्रदेश में वर्षा और तेज हवा चलने की संभावना नहीं है।

जिलों में प्रदूषण का स्तर

जिला एक्यूआई

  1. कैथल 320
  2. सोनीपत 246
  3. पानीपत 283
  4. यमुनागनर 216
  5. अंबाला 145
  6. बहादुरगढ़ 272
  7. बल्लभगढ़ 193
  8. भिवानी 170
  9. चरखी दादरी
  10. 186 फरीदाबाद
  11. 242 फतेहाबाद 195

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