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फलदार व फूलदार पौधे लगाकर प्रो. अशोक अत्रि दे रहे पर्यावरण संरक्षण का संदेश

आरकेएसडी कालेज में कार्यरत राजनीतिक विज्ञान के प्रो. अशोक अत्रि फलदार व फूलदार पौधों के माध्यम से पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश दे रहे हैं। प्रो. अशोक अत्रि ने अपनी घर की छत के साथ पास में स्थित प्लाट में हर-भरे पौधे लगा रखे हैं।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 31 May 2021 06:09 AM (IST)
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फलदार व फूलदार पौधे लगाकर प्रो. अशोक अत्रि दे रहे पर्यावरण संरक्षण का संदेश

जागरण संवाददाता, कैथल : आरकेएसडी कालेज में कार्यरत राजनीतिक विज्ञान के प्रो. अशोक अत्रि फलदार व फूलदार पौधों के माध्यम से पर्यावरण को संरक्षित करने का संदेश दे रहे हैं। प्रो. अशोक अत्रि ने अपनी घर की छत के साथ पास में स्थित प्लाट में हर-भरे पौधे लगा रखे हैं। अशोक अत्रि सेक्टर 19 पार्ट वन में रहते हैं। उन्होंने घर की छत पर अंगूर की बेल, रामा तुलसी, श्यामा तुलसी, ऐलोवेरा के पौधे लगाएं है। प्रो. अशोक अत्रि का कहना है कि पौधे लगाकर जहां हम अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। वहीं इन पौधों के माध्यम से ऑक्सीजन भी मिलती है। उन्होंने बताया कि पांच साल पहले उनके घर की बगल में खाली पड़ी जगह में कुछ लोग गंदगी डालकर चले जाते थे। जिस कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। उस समय उन्होंने एक बार घीया के बीज यहां लगा दिए। यहां पर घीया की बेल निकल आई। जिसके बाद उन्होंने यहां पर पौधे लगाने शुरू कर दिए। इसे चारों तरफ से बंद किया गया। जिसके बाद यहां स्थित लोगों ने कूड़ा-कर्कट फेंकना बंद कर दिया। अब इसी खाली जगह पर 25 प्रकार के पौधे लगाए हैं। जिसमें सब्जियां, फल और अन्य जड़ी बुटियां शामिल हैं।

यह लगाए गए हैं पौधे :

अशोक अत्रि ने बताया कि घर के साथ स्थित प्लाट में उन्होंने आंवला, घीया, तोरी, टमाटर, केला, आम सहित अन्य सब्जियों व फलों के पौधे लगाएं हैं। इसके साथ ही ऑक्सीजन देने के लिए नीम, अर्जुन, अमलताश, कदम, आंवला सहित अन्य पौधे लगाए हैं। अत्रि ने कहा कि सामान्य दिनों में वह कालेज की ड्यूटी पूरी करने के बाद शाम के समय इन पौधों की देखभाल करते हैं। परंतु इस समय कोरोना महामारी के कारण कालेज बंद होने के चलते वह सुबह के समय भी इन पौधों की देखभाल करते हैं। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने को मिलता है कि शहरी इलाकों में हरियाली देखने को नहीं मिलती। परंतु उनका यह प्रयास है कि वह जहां भी रहे वहां पर पौधों के माध्यम से हरियाली का संदेश जरूर दें।

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