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कैथलः परास्नातक प्रधान की 'गणित' ने हरियाणा के गांव को बनाया सर्व सुविधायुक्त, खासियत जानकर रह जाएंगे हैरान

कैथल जिले के जांबा गांव में बीते नवंबर में लोगों ने लाभ सिंह को सरपंच के रूप में चुना। वहीं सरपंच के रूप में लाभ सिंह ने खुद को साबित करके दिखाया। उन्होंने गांव को हर सुविधा से लेस कर दिया है। इसके साथ ही गांव में शिक्षा बिजली स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर भी कई सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं।

By Jagran NewsEdited By: Deepak SaxenaUpdated: Thu, 21 Sep 2023 07:52 PM (IST)
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परास्नातक प्रधान की 'गणित' ने हरियाणा के गांव को बनाया सर्व सुविधायुक्त।

जोनी प्रजापति, कैथल: कुछ समय पहले तक विद्यार्थियों को गणित के गूढ़ सिद्धांत सरलता से सिखाने वाले लाभ सिंह अब प्रबंधन और योजना की सटीक गणित से हरियाणा के कैथल जिले में स्थित जांबा गांव की छवि बदलने में जुटे हैं। छह माह में ही इसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं। पूंडरी कस्बे के इस गांव में विकास की बयार बह रही है। आपात चिकित्सा स्थिति के लिए निशुल्क एंबुलेंस सेवा है तो सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गली-गली सीसीटीवी कैमरे। बड़े शहरों की हाईराइज सोसायटी की तरह गेटबंद सुरक्षा की व्यवस्था है। शिक्षा और अध्ययन के लिए स्मार्ट कक्षा वाला विद्यालय और पुस्तकालय भी है।

बीते नवंबर में हुए पंचायत चुनाव में जांबा के निवासियों ने लाभ सिंह को इस आस से सरपंच चुना कि गांव का चहुंमुखी विकास होगा। लाभ सिंह ग्रामीणों की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। इसका साक्षी अल्प समय में गांव में हुआ विकास है। विकास के साथ गांव में राष्ट्रप्रेम का भाव जगाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर महान विभूतियों के चित्र संदेश के साथ बनवाए गए हैं और समृद्ध इतिहास की जानकारी भी दी गई है।

लाभ सिंह परास्नातक हैं और बीएड के साथ हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं। कुछ महीने पहले तक कैथल के एक इंटर कालेज में गणित के प्राध्यापक रहे लाभ सिंह जब सरपंच बने तो गांव में काफी बदहाली थी। गलियां, स्कूल की चारदीवारी टूटी- फूटी थी। जल निकासी न होने से गलियों में गंदा पानी बहता था। उन्होंने ग्रामीणों के साथ समन्वय से हालात सुधारना आरंभ किया। सबसे पहले स्कूल की चारदीवारी की मरम्मत कराई और रंग रोगन से इसे दुरुस्त कराया। फिर सभी नालियां पक्कीं कराकर स्लैब से ढकवाया। सभी गलियां भी पक्की कराईं और पानी निकासी की उचित व्यवस्था हुई। इससे स्वच्छता बढ़ी। जिससे सुचारू रखने के लिए गांव में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी की गई है।

गांव जांबा के सरपंच लाभ सिंह ने कहा कि पंचायत की ओर से अपने व्यय पर तीन अध्यापक नियुक्त किए गए हैं। यह बच्चों को इंग्लिश स्किल्स, विज्ञान और गणित की विशेष कक्षाएं देते हैं। विद्यार्थियों को पंचायत की ओर से वर्दी और अन्य पाठ्यसामग्री उपलब्ध करवाई गई है। पंचायत ने डिजिटल पुस्तकालय और सरकारी कंप्यूटर सेंटर के लिए प्रस्ताव डाल कर सरकार को भेजा गया है। इसकी स्वीकृति शीघ्र ही मिलने वाली है

सुरक्षा की विशेष व्यवस्था

गांव में आठ मुख्य गलियां हैं। सभी के प्रवेश द्वार पर लोहे के गेट लगे हैं। रात दस बजे के बाद सात गलियों के गेट बंद कर दिए जाते हैं। मुख्य गली का गेट खुला रहता है जहां रात को चौकीदार की तैनाती रहती है। रजिस्टर में एंट्री के बाद ही लोगों को गांव में प्रवेश दिया जाता है। पूरे गांव में 23 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। बड़ी एलईडी स्क्रीन पर गांव में हो रही गतिविधियों की निगरानी की जाती है। 140 स्ट्रीट लाइट लगी हैं जिससे कोना-कोना प्रकाशित रहता है।

पर्यावरण और पारिस्थितिकी का ध्यान

विश्व में बढ़ते पर्यावरण संकट को देखते हुए गांव में पारिस्थितिकी को बेहतर करने के विशेष उपाय किए गए हैं। 300 घोंसले बने हैं जिनमें पक्षी आशियाना बनाए हुए हैं। हरियाली के लिए 800 पौधे रोपे गए हैं जिनकी सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड भी लगे हैं। इनमें कदंब, बांपल, पाम, चंपा सहित विभिन्न पौधे शामिल हैं।

युवा भी बन रहे विकास के सहभागी

जांबा गांव के विकास में युवा भी सहभागी बन रहे हैं। लाभ सिंह के सरपंच बनने के बाद युवा उत्साह से आगे आ रहे हैं। युवाओं ने यहां जांबा रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी नामक संस्था गठित की है। विदेश में बसे गांव के युवा भी इसमें शामिल हैं। जो समय-समय पर आर्थिक सहयोग देते हैं। इससे एंबुलेंस सुविधा का प्रबंधन करने में भी सहायता मिलती है। कंप्यूटर केंद्र पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी प्रशिक्षण लेते हैं।

हरियाणा में स्वच्छता के क्षेत्र में टॉप पांच में गांव जांबा

प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों में कैथल जिले का गांव जांबा सफाई की दृष्टि से टाप-5 की सूची में शामिल हो गया है। गांव में शराब पर पूर्णरूप से प्रतिबंध है। ग्राम पंचायत की तरफ से गांव में दो शराब ठेकों को बंद करवा गया है। शिक्षा, क्राइम और सामाजिक सहायता की जानकारी के लिए गांव में चार टीमें बनाई गई हैं। एक टीम में चार सदस्यों को शामिल किया गया है। गांव में मुनादी भी करवाई गई है कि अगर किसी परिवार में किसी बात को लेकर झगड़ा होता है तो वह गांव में ही सुलझाया जाएगा। इस गांव के लोग शांतिप्रिय तरीके से रह रहे हैं।

1500 है गांव की आबादी

सरपंच लाभ सिंह के भाई सतपाल ने बताया कि उनका 1500 आबादी का गांव है। गांव में आठ वार्ड हैं। कुल 944 मतदाता हैं। यहां भाईचारा बना रहता है। लोगों के मतभेद मिल-बैठकर सुलझाए जाते हैं। युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक किया जाता है। गांव से दो ठेके बंद करा दिए गए हैं।

एक नजर में गांव के विकास कार्य

  • 05 सफाई कर्मचारी
  • 08 मुख्य गलियों में लोहे के गेट
  • 01 चौकीदार की रहती है तैनाती
  • 23 सीसीटीवी कैमरे
  • 800 पौधे ट्री गार्ड समेत लगाए
  • 140 स्ट्रीट लाइटें
  • 300 घोंसलें पक्षियों के लिए स्थापित किए गए
  • 100 कूड़ादान मुख्य स्थानों पर लगाए गए