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Haryana Crime: सुलझ गई साधु बलराज हत्याकांड की गुत्थी, साथियों ने ही किया था मर्डर

कैथल के गांव रोहेड़ा में साधू बलराज सिंह उर्फ बलवंत गिरी की हत्या के मामले में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने जींद के गांव मेहरड़ा निवासी प्रदीप उर्फ टिंकु और गांव रिढाना जिला सोनीपत निवासी सोमबीर उर्फ सोम भारती को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पता चला कि शराब के नशे में गाली-गलौज के चलते दोनों ने मिलकर साधु की हत्या कर दी।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Fri, 04 Oct 2024 05:08 PM (IST)
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साधु बलराज हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई।

जागरण संवाददाता, कैथल। गांव रोहेड़ा के नवांनाथ डेरा में रह रहे साधू बलराज सिंह उर्फ बलवंत गिरी की गला काट कर हत्या करने के मामले की गुत्थी सुलझ गई है। पुलिस ने जींद के गांव मेहरड़ा निवासी प्रदीप उर्फ टिंकु को पानीपत से और गांव रिढाना जिला सोनीपत निवासी सोमबीर उर्फ सोम भारती को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया।

दोनों को अदालत में पेश कर दिया गया है। पूछताछ में सामने आया कि 25 सितंबर को तीनों ने डेरे में शराब पी थी। शराब के नशे में बलराज ने दोनों से गाली-गलौज की थी। इससे पहले भी तीनों कई डेरों में रह चुके थे और हर बार बलराज दोनों की किसी-किसी बात पर बेइज्जती करता था।

इस बात से तैश में आकर दोनों ने उसकी हत्या करने के लिए पहले रोटी बनाने वाले तवे को गर्म किया। उसे गर्म करने के बाद साधू की गर्दन काट दी थी। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि एसपी राजेश कालिया ने मामले की जांच स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट को सौंपी थी। स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट प्रभारी एसआई रमेश कुमार की अगुवाई में एएसआई अशोक कुमार, एएसआई तरसेम कुमार, एसआई शुभकर्ण की टीम ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

गांव पूठर जिला पानीपत निवासी मंदीप की शिकायत के अनुसार उसका पिता बलराज सिंह उर्फ बलवंत गिरी करीब एक साल पहले घर त्याग कर सन्यासी बन गया था। उसका पिता उनसे फोन पर बात कर लिया करता था। 25 सितंबर को रात करीब आठ बजे उसके चाचा बिजेंद्र के पास कॉल आई थी।

कॉल करने वाले ने कहा कि वह गांव रोहेड़ा में नवांनाथ डेरा पर रहता है। बलवंत गिरी महाराज की नवांनाथ डेरा में किसी व्यक्ति ने गर्दन काट कर हत्या कर दी है। सूचना पाकर वह अपने परिवार व रिश्तेदारों के साथ गांव रोहेड़ा के नवांनाथ डेरे में पहुंचा था। वहां देखा कि उसके पिता की गर्दन पर तेजधार हथियार के निशान थे। शिकायतकर्ता के अनुसार रात को उसके पिता के पास शंकर गिरी का भांजा टिंकू व एक भारती संप्रदाय का बाबा रुके हुए थे।

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