Teacher's Day Special: ठाठ-बाठ वाले हरियाणा की पढ़ी-लिखी कैबिनेट के बारे में जानते हैं आप?
ये बात जानकर शायद आपको हैरानी होगी कि देश में हरियाणा एक ऐसा राज्य है जहां पहली केबिनेट सबसे पढ़ी लिखी थी यही नहीं वर्तमान में भी जो केबिनेट मंत्री हैं काफी पढ़े लिखे हैं। शिक्षक दिवस (Teachers day 2024) के मौके पर आपके लिए पेश है हरियाणा की पहली केबिनेट का वो किस्सा जिसकी तारीफ आज पूरे देश में होती है।
पंकज आत्रेय, कैथल। आज शिक्षक दिवस है। शिक्षा और राजनीति अगर साथ चलें तो विकास की गति ही अलग होती है। हरियाणा की राजनीति ने पंजाब से अलग होकर शिक्षा के बूते जो करवट ली, उसका ही परिणाम है कि आज देश के उन राज्यों से यह कहीं आगे है जो पहले अस्तित्व में आ गए थे।
पंजाब से अलग होते ही बनी सरकार की भगवत दयाल शर्मा को सौंपी गई, जिन्होंने एमए की डिग्री बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से की थी। इसके बाद महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से डी लिट की उपाधि प्राप्त की। पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री की कैबिनेट भी खूब शिक्षित मंत्री थे।
चाहे वह शिक्षा मंत्री हो या वित्त मंत्री, उच्च शिक्षा प्राप्त थे। हालांकि उस समय दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई भी अच्छी खासी मानी जाती थी, लेकिन पहली कैबिनेट में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री धारक रहे हैं। उनकी सरकार में प्रदेश के पहले शिक्षा मंत्री हरद्वारी लाल रहे। उनको लेकर एक चर्चा हमेशा रही है।
'डेढ़ जाट ही पढ़े-लिखे'
वह उस वक्त कहा करते थे कि हरियाणा में डेढ़ जाट ही पढ़े-लिखे हैं। एक वह खुद को बताते थे और आधा डॉ. सरूप सिंह। हरद्वारी लाल जब दिल्ली के किरोड़ी मल कालेज में पढ़ाया करते थे, तब डा.सरूप सिंह वहां पढ़ते थे। वह विधानसभा के स्पीकर भी रहे और बाद में वह 1971 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति बने थे।
हरद्वारी लाल किरोड़ी मल कॉलेज में रहे। वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के कुलपति भी रहे। उनके बारे में एक और बात प्रचलित थी कि वह हाईकोर्ट में अपने मुकदमाें की पैरवी खुद ही करते थे।
अंबाला के तत्कालीन विधायक बने देवराज आनंद खूब पढ़े-लिखे थे। उनके पूर्व प्रधानमंत्री स्व.जवाहर लाल नेहरू से प्रगाढ़ संबंध थे। राजौंद हलके से विधायक बने रण सिंह कैथल के आरकेएसडी कालेज से स्नातक थे। उनकी स्कूलिंग यहीं हिंदू वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से हुई थी।
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प्रदेश की पहली कैबिनेट में वित्त मंत्री रहीं ओमप्रभा जैन कैथल से विधायक थीं। वह डबल एमए थीं और कानून की पढ़ाई में गोल्ड मेडलिस्ट थीं। पढ़ी-लिखी महिला मंत्री होने के साथ-साथ उनका बजट तैयार करने का तरीका भी अलग था। उनके जानकार जगदीश बहादुर खुरानिया बताते हैं कि बजट बनाने से पहले वह खुद धरातल पर लोगों से मिल कर उनकी जरूरतों को नोट करती थीं। वह घोड़ी पर बैठ कर एक गांव से दूसरे गांव जाती थीं।हरियाणा की पहली कैबिनेट
हरियाणा के मंत्री |
मंत्रालय |
भगवत दयाल शर्मा | मुख्यमंत्री |
हरद्वारी लाल | शिक्षा मंत्री |
ओमप्रभा जैन | वित्त मंत्री |
रण सिंह | पीडब्ल्यूडी मंत्री |
रिजक राम | कैबिनेट मंत्री |
देवराज आनंद | कैबिनेट मंत्री |
दल सिंह | कैबिनेट मंत्री |
रामधारी गौड़ | कैबिनेट मंत्री |
हरि सिंह डाबरा | कैबिनेट मंत्री |
राव निहाल सिंह | राज्यमंत्री |
प्रेम सुखदास | राज्यमंत्री |