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मिठाइयों में मिलावट की जांच के लिए दुकानों पर पहुंची टीम, विभागीय अधिकारियों को जानकारी ही नहीं

शहर के पिहोवा चौक व करनाल रोड पर एक मिठाई की दुकान खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच को लेकर पहुंची एक टीम पर सवाल उठ गए। जब टीम के बारे में विभागीय अधिकारियों से बातचीत की गई तो बोले की टीम कैथल में सैंपलों के बारे में जांच कर रही है या नहीं इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है न ही उनसे संपर्क किया गया है। जिला उपायुक्त ने मामला संज्ञान में आने के बाद जांच के आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 10 Aug 2022 12:01 AM (IST)
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मिठाइयों में मिलावट की जांच के लिए दुकानों पर पहुंची टीम, विभागीय अधिकारियों को जानकारी ही नहीं

जागरण संवाददाता, कैथल : शहर के पिहोवा चौक व करनाल रोड पर एक मिठाई की दुकान खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच को लेकर पहुंची एक टीम पर सवाल उठ गए। जब टीम के बारे में विभागीय अधिकारियों से बातचीत की गई तो बोले की टीम कैथल में सैंपलों के बारे में जांच कर रही है या नहीं इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है न ही उनसे संपर्क किया गया है। जिला उपायुक्त ने मामला संज्ञान में आने के बाद जांच के आदेश दिए हैं।

बताया जा रहा है कि एक समाज सेवी संस्था के कहने से फूड सिक्योरिटी आफिसर कार्यालय के कर्मचारी और पुलिस कर्मचारी भी वहां नजर आए। जब इस बारे में दुकानदारों ने जांच टीम में शामिल अधिकारियों से पहचान बारे पूछा तो उपायुक्त का पत्र दिखाकर जांच का अधिकार होने की बात कहते नजर आए। जबकि उपायुक्त कार्यालय से जारी हुआ पत्र लिगानुपात में सहयोग के संबंध में था।

हुआ यूं कि एक संस्था की टीम मंगलवार सुबह कैथल पहुंचती है। इस टीम ने एसपी कार्यालय की सुरक्षा शाखा में संपर्क कर पुलिस सुरक्षा मांगी व फूड इंस्पेक्टर को फोन करके सैंपलिग के लिए टीम भेजने को कहा। फूड इंस्पेक्टर ने खुद को बाहर बताया, लेकिन टीम के कहने पर फूड सिक्योरिटी विभाग की वैन व दो कर्मचारी पिहोवा चौक पर पहुंच गए। यहीं पर दो पुलिस कर्मचारी नजर आए। टीम ने मिठाई की दुकान पर जाकर जांच शुरू की। टीम में एक महिला स्कार्पियो गाड़ी में बैठी रही, दो व्यक्ति उतरकर सरकारी कर्मियों के साथ दुकान के अंदर गए। जहां उन्होंने मिठाइयों की शुद्धता व उनके बनाने की तिथि आदि के बारे में सवाल किए। इसके बाद बिना सैंपल लिए बाहर आ गए। दुकानदारों ने जब पहचान बारे पूछता तो टीम सदस्य ने खुद को नेशनल क्राइम इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो चंडीगढ़ की टीम बताया। संस्था की हरियाणा डायरेक्टर गुरलीन कौर, चंडीगढ़ से गुरलाल कौर व चालक की जानकारी दी। युवक अंकित ने कहा कि उनके पास डीसी कार्यालय का जारी हुआ पत्र है। जिसमें वे फूड विभाग के साथ मिलकर दुकानों पर पड़ताल कर सकते हैं। अगर कुछ गलत मिलता है तो संबंधित विभाग के अधिकारी सैंपल ले सकते हैं। उन्होंने दो दुकानों की जांच की। जिसमें उन्हें केवल जागरूक किया है। बताया कि फूड सिक्योरिटी अधिकारी साथ न होने के कारण सैंपल नहीं लिए हैं। जब सैंपलों की जांच को लेकर कोई पत्र संस्था के पदाधिकारी नहीं दिखा पाए। मेरे पास किसी संस्था के सदस्य का फोन आया था। वे आज अंबाला हैं। उनकी टीम जागरुकता वैन के साथ गई थी। किसी के कहने से नहीं। उनके पास किसी संस्था के साथ मिलकर दुकानों की जांच के संबंध में कोई निर्देश नहीं हैं।

डा. राजीव शर्मा, फूड सिक्योरिटी अधिकारी

वर्जन

संस्था पदाधिकारियों ने डीसी कार्यालय का पत्र बताकर सुरक्षा मांगी थी। जिस पर पुलिस भेजी गई थी।

मकसूद अहमद, पुलिस अधीक्षक वर्जन

पता करवाएंगे कि क्या पत्र जारी हुआ था।

डा. संगीता तेतरवाल, उपायुक्त

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