Kaithal: घग्गर में जलस्तर खतरे के निशान से पांच फीट ऊपर पहुंचा, 30 से ज्यादा गांवों से टूटा संपर्क
Kaithal News कैथल में भले ही दो दिन से बारिश नहीं हो रही हो लेकिन गुहला-चीका क्षेत्र में घग्गर नदी में जलस्तर बढ़ता जा रहा है। वहीं अब यह खतरे के 23 फीट पर निर्धारित निशान से पांच फीट से भी ऊपर चला गया है। इसके चलते पानी आसपास के खेतों से होते हुए अब गांवों में पहुंच गया है।
By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Wed, 12 Jul 2023 12:01 PM (IST)
जागरण संवाददाता, कैथल। कैथल में भले ही दो दिन से बारिश नहीं हो रही हो, लेकिन गुहला-चीका क्षेत्र में घग्गर नदी में जलस्तर बढ़ता जा रहा है। मंगलवार रात तक यह 27 फीट तक था, जो बुधवार सुबह 11 बजे तक 28.3 फीट के गेज को पार गया गया है। यह खतरे के 23 फीट पर निर्धारित निशान से पांच फीट से भी ऊपर चला गया है। इसके चलते पानी आसपास के खेतों से होते हुए अब गांवों में पहुंच गया है।
लोगों के घरों में घुसा पानी
लोगों ने मिट्टी के कट्टे लगाकर घरों में पानी घुसने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। बुधवार को डीसी जगदीश शर्मा घग्गर नदी पर पहुंचे और पानी को रोकने के प्रबंध शुरू करवाए। आसपास के कई गांव में हालत चिंताजनक है। यहां खेत पानी से लबालब हो गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव से लोग बाहर नहीं जा पा रहे हैं। घग्गर नदी का पानी गांव में घुसने लगा है।
19 साल बाद बन रहे ऐसे हालात
इस कारण लोगों ने खाने-पीने व जरूरत के सामान को छतों पर रखना शुरू कर दिया है। करीब 19 साल बाद इस तरह के हालात घग्गर पार क्षेत्र के गांव में बने हुए हैं। गांव के हालात को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला लिया है। लोगों का कहना है कि प्रशासन इस दिशा में कोई प्रबंध नहीं कर रहा है। दूसरी तरफ, क्षेत्र से गुजर रही एसवाइएल में भी पानी का बहाव तेज हो रहा है। गांव खरल के पास इसका एक हिस्सा टूटने से पानी खेतों में बहना शुरु हो गया है।घग्गर नदी में चार बार आ चुकी है बाढ़
घग्गर गुहला को चार बार तबाही का मंजर दिखा चुकी है। सबसे पहले वर्ष 1988 में उसके बाद 1993, 1995 और 2010 में घग्गर ने गुहला चीका क्षेत्र में खूब तबाही मचाई थी। वर्ष 1993 और 2010 में घग्गर द्वारा मचाई गई तबाही लोगों को अभी याद है। वर्ष 2010 में लगभग 50 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए थे वहीं लगभग 20000 एकड़ से अधिक फसल तबाह हो गई थी वर्ष 1993 में करीब 10000 एकड़ फसल तबाह हुई थी। अब गुहला चीका हेड 10 हजार क्यूसेक पानी का स्तर है।
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