Move to Jagran APP

Karnal News: ड्यूटी पर गर्दन टूटने से BSF जवान बलिदान, भारत मां के जयकारों के साथ दी गई अंतिम विदाई

Karnal News हरियाणा के करनाल में ड्यूटी पर गर्दन टूटने से बीएसएफ जवान बलिदान हो गया। उनकी शहादत की खबर गांव में आते ही स्वजनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया। शनिवार को गमगीन माहौल में उनका पार्थिक उनके आवास पर पहुंचा। जहां बीएसएफ के जवानों व ग्रामीणों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राजकीय सम्मान के साथ गमगीन माहौल में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 09 Sep 2023 08:21 PM (IST)
Hero Image
ड्यूटी पर गर्दन टूटने से BSF जवान हुआ बलिदान
करनाल, जागरण संवाददाता: शहर के सूरज नगर निवासी बीएसएफ के हैड कांस्टेबल आनंद प्रकाश को राजस्थान के बाड़मेर में ड्यूटी के दौरान सांड ने टक्कर मार दी। इससे उनकी गर्दन की हड्डी टूट गई। इलाज के लिए उन्हें जोधपुर एम्स में दाखिल करवाया गया, जहां उनकी मौत है।

उनकी शहादत की खबर गांव में आते ही स्वजनों पर दुखों का पहाड़ टूट गया। शनिवार को गमगीन माहौल में उनका पार्थिक उनके आवास पर पहुंचा। जहां बीएसएफ के जवानों व ग्रामीणों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राजकीय सम्मान के साथ गमगीन माहौल में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।

हैड कांस्‍टेबल के पद पर थे तैनात

53 वर्षीय आनंद प्रकाश बीएसएफ में पिछले 34 साल से अपनी सेवाएं दे रहे थे। वह बीएसएफ में हैड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। इस राजस्थान के बाड़मेर में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 16 जुलाई को सुबह के वक्त वह गाय को रोटी डालने जाते हैं कि उसी दौरान एक सांड उन्हें पीछे से टक्कर मार दी। वह उस वक्त ड्यूटी पर तैनात थे, जिसके बाद उनकी गर्दन में गहरी चोट लगी। उन्हें जोधपुर के एम्स में दाखिल करवाया गया।

नम आंखों से दी विदाई

जहां वह जिंदगी और मौत के बीच में झूलते रहे। आखिरकार वह जिंदगी की जंग हार गए। शनिवार को तिरंगे में लपेट कर उनका पार्थिक शरीर उनके आवास पर लेकर पहुंचे तो लोगों की आंखें नम हो गई। इसके साथ ही भारत मां की जय के जयकारे लगाए गए। वह अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़कर गए हैं। उनके एक पुत्र का विवाह हो चुका है। उनकी पत्नी व बच्चों की आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं।

देश के प्रति रहते थे समर्पित

कुछ साल बाद ही वह सेवानिवृत्त होकर वापिस अपने घर आने वाले थे। स्वजनों का कहना है कि वह अपने परिवार से बेहद लगाव करते थे। वह हमेशा स्वजनों की चिंता करते थे। सूरज नगर के लोगों का कहना है कि वह मिलनसार व्यक्ति थे और देश के प्रति समर्पित रहते थे। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता। बीएसएफ के जवानों ने उनके पार्थिव शरीर को सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।