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Chandrayaan-3: 'पूरी हुई कल्पना की उड़ान, भारत के लिए गर्व की बात...' सफल लैंडिंग पर बोले अंतरिक्ष परी के पिता

Chandrayaan 3 Successful Landing चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर अंतरिक्ष परी कल्‍पना चावला के पिता बोले कि भारत के लिए यह गर्व की बात है। करीब बीस वर्ष पूर्व भारत की बेटी अंतरिक्ष परी कल्पना चावला कोलंबिया हादसे में काल कवलित हो गई थीं। पिता बीएल चावला ने कहा कि कल्‍पना की उड़ान पूरी हो गई है। मेरी बेटी जहां होगी यह मंजर देख जरूर मुस्करा रही होगी।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Wed, 23 Aug 2023 08:51 PM (IST)
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'पूरी हुई कल्पना की उड़ान, भारत के लिए गर्व की बात...' सफल लैंडिंग पर बोले अंतरिक्ष परी के पिता
करनाल, पवन शर्मा। Chandrayaan 3 Successful Landing: करीब बीस वर्ष पूर्व भारत की बेटी अंतरिक्ष परी कल्पना चावला कोलंबिया हादसे में काल कवलित हो गई थीं। दिन, तारीखें और साल बदल गए लेकिन सबके दिल में वही उत्साह, वही उमंग, जो 20 वर्ष पूर्व कोलंबिया की वापसी के समय देश भर में झलक रहा था। आंखों में वही गहरी उत्सुकता के भाव और हर पल जानने की बैचेनी कि चंद्रयान कहां पहुंचा ? आखिरकार वह ऐतिहासिक क्षण आ ही गया, जब चंद्रयान-3 ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की।

आज पूरी हुई मेरी कल्पना की उड़ान- बीएल चावला

ठीक इन्हीं पलों में अंतरिक्ष परी कल्पना चावला के पिता 92 वर्षीय बीएल चावला के मुंह से निकला-आज पूरी हुई मेरी कल्पना की उड़ान। सबको बहुत-बहुत बधाई...मेरी बेटी जहां होगी, यह मंजर देख जरूर मुस्करा रही होगी। भारत के नाम ऐसी उपलब्धियों का अंबार लग जाए, ईश्वर से यही प्रार्थना है। बुधवार की शाम जागरण टीम कुछ अलग ही अनुभूति से गुजरी।

बेटी का अधूरा सपना सच होने की चमक साफ दिखाई दी

अवसर चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग का था और जागरण टीम इन ऐतिहासिक क्षणों की साक्षी बन रही थी, उस महान व्यक्तित्व के साथ, जिसने अंतरिक्ष परी डा. कल्पना चावला को जन्म दिया था। स्पेस शटल कोलंबिया हादसे की शिकार बनी स्वर्गीय कल्पना आज निस्संदेह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके 92 वर्षीय पिता बीएल चावला की आंखों में अपनी बेटी का अधूरा सपना सच होने की चमक साफ दिखाई दे रही थी।

सभी बधाई के पात्र

बेहद अस्वस्थ होने के बावजूद जागरण टीम से पूरे उत्साह के साथ बतियाते हुए वह बोले-कल्पना सिर्फ मेरी नहीं बल्कि पूरे भारत की बेटी थी। कौन कहता है कि कल्पना आज हमारे बीच नहीं है। ऐसे प्रयासों की बदौलत वह हमेशा जीवित रहेगी।

जिन वैज्ञानिकों की अथक मेहनत से चंद्रयान ने ऐतिहासिक सफलता पाई है, वे सभी बधाई के पात्र हैं। चंद्रयान की इस बड़ी उड़ान में मुझे कल्पना के सपने झलकते नजर आ रहे हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि अंतरिक्ष विज्ञान में भारत यूं ही नित-नई उपलब्धियों के आयाम स्थापित करता रहे।

अंतरिक्ष परी कल्पना से जुड़ी स्मृतियां की सांझा

कल्पना ने सच किए होनहारों के सपने इस दौरान जागरण से करीब नौ मिनट की विशेष वार्ता में अंतरिक्ष परी कल्पना से जुड़ी स्मृतियां सांझा करते हुए बीएल चावला ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही अलग सोच रखती थी। उसने कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगा। सफल वैज्ञानिक बनी तो भी जहां जाती, उभरती प्रतिभाओं के सपने संवारने में जुट जाती। जब कल्पना को दिवंगत हुए कुछ ही समय हुआ था तो उनके पास नाइजीरिया से एक व्यक्ति का फोन आया।

उसने कहा कि वह उनके दर्शन करना चाहता है। उन्होंने उसे बहुत समझाया कि इतनी दूर आकर क्या करोगे लेकिन वह नहीं माना तो उसे पता दे दिया। कुछ ही दिन बाद वह व्यक्ति करनाल आ गया। सर्दियों का समय था और वह केवल शर्ट में आया था तो उसे उन्होंने गर्म कपड़े दिए। फिर उसने भावुक स्वर में बताया कि कल्पना दीदी एक बार उसकी यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने आई थीं और सबको ज्ञान का महत्व समझाते हुए खूब पढ़ने को कहा।

बेहद अभाव के दौर से गुजरा समय

वह उस समय बेहद अभाव के दौर से गुजर रहा था। लेक्चर के बाद कल्पना दीदी ने उसकी आंखों में मायूसी देखी तो पूछा। उसने बताया कि आगे पढ़ने के लिए पैसे नहीं हैं तो दीदी ने मुस्कराते हुए कहा-चिंता मत करो, मैं साथ हूं। इसके बाद उसकी पूरी पढ़ाई का खर्च कल्पना ने ही उठाया और वह अकेला नहीं था, जिसके साथ ऐसा हुआ। अमेरिका, रूस, जापान, स्विट्जरलैंड से लेकर भारत के कई शहरों के मेधावी बच्चों के लिए कल्पना ने हमेशा दोनों हाथ खोलकर रखे।

यह राज उसके जीते-जी कभी नहीं खुला लेकिन जब वह दिवंगत हुई तो दुनिया के कोने-कोने से ऊंचे मुकाम पर पहुंचे इन तमाम युवाओं ने उनसे संपर्क करके सब कुछ बयां किया। सचमुच, मेरी कल्पना ऐसे बच्चों की वास्तविक शक्ति थी।

20 वर्ष पूर्व हुआ था कोलंबिया हादसा

वह एक फरवरी 2003 का दिन था, जब टेक्सास में अंतरिक्ष यान कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। यह हादसा उस समय हुआ जब कोलंबिया अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वातावरण में पुन: वापस आ रहा था। दुर्घटना में सभी अंतरिक्ष यात्री मारे गये थे। इनमें भारत की बेटी कल्पना सहित माइकल फिलिप एंडरसन, डेविड ब्राउन, लारेल क्लार्क, रिक हसबैंड, विलियम मैककूल और इलान रेमोन शामिल थे।

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